'नक्शे बदल सकते हैं पर संबंध नहीं...', जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रिश्तों पर उमर अब्दुल्ला ने दिया बयान
जम्मू कश्मीर के साथ लद्दाख के संबंधों को लेकर मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने कहा कि लद्दाख के साथ जम्मू का रिश्ता अटूट है। वह किसी प्रशासनिक पुनर्गठन से प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि नक्शे बदल सकते हैं लेकिन हमारे संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने शनिवार को लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद करगिल और जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की।

राज्य ब्यूरो,जम्मू। लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर जोर देते मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रशासनिक पुनर्गठन से दोनों क्षेत्रों के बीच गहरे संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। नक्शे बदल सकते हैं लेकिन हमारे संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
हमारा लद्दाख के साथ बंधन अटूट है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, करगिल और जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस दौरान लद्दाख के छात्रों, मरीजों और निवासियों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा और समाधान पर विचार किया गया। करगिल का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अध्यक्ष और चीफ एग्जिक्यूटिव काउंसलर मोहम्मद जाफर अखून ने किया।
जिसमें फिरोज अहमद खान और अन्य पार्षद शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल में लद्दाख के सांसद हाजी मोहम्मद हनीफा जान और राष्ट्रीय सम्मेलन के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कमर अली अखून भी शामिल थे।
हेल्प डेस्क की होगी स्थापना
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए लद्दाख प्रशासन के साथ मामले को उठाने के लिए कहा ताकि जम्मू और श्रीनगर में वरिष्ठ अधिकारियों की पोस्टिंग सुनिश्चित की जा सके जिससे वे लद्दाख के निवासियों की चुनौतियों का अधिक प्रभावी ढंग से समाधान कर सकें।
उन्होंने आश्वासन दिया कि कश्मीर में स्किम्स और अन्य सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों में एक हेल्प डेस्क की स्थापना के लिए स्थान प्रदान किया जाएगा जिसका प्रबंधन लद्दाख प्रशासन के कर्मचारी करेंगे ताकि करगिल और लेह के मरीजों को तत्काल सहायता प्रदान की जा सके।
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से आग्रह किया कि वे लद्दाख के छात्रों को जम्मू-कश्मीर में उपलब्ध कोटा के बारे में जागरूक करें।
उपमुख्यमंत्री ने सभी समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और जलशक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सड़कों, पीने के पानी और अन्य आवश्यक सेवाओं से संबंधित उनकी सभी चिंताओं का प्राथमिकता से समाधान किया जाएगा।
इससे पहले, करगिल प्रतिनिधिमंडल ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला, जिनमें स्किम्स सौरा और श्रीनगर में अन्य सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों में भेजे गए मरीजों के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति शामिल है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पैरामेडिकल प्रशिक्षण संस्थानों में पैरामेडिकल छात्रों के चयन और प्रशिक्षण, श्रीनगर और जम्मू में मौजूदा छात्रावासों के विस्तार, और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में लद्दाख के छात्रों के अधिक प्रवेश की आवश्यकता के बारे में भी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से करगिल और लद्दाख के अन्य क्षेत्रों के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को उनकी गौर से सुनवाई और उनकी चिंताओं का समाधान करने में सक्रिय दृष्टिकोण के लिए धन्यवाद दिया।
बैठक में मुख्य सचिव अटल डुल्लू, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शांतमानु, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता और सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा और एआरआई और प्रशिक्षण विभागों के प्रशासनिक सचिवों ने भाग लिया।
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