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    मुखबिरी से हथियार सप्लाई तक... जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की मदद कर रहे थे सरकारी कर्मचारी, तीन पर सख्त एक्शन

    Updated: Sat, 15 Feb 2025 01:12 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की मदद करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई जारी है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन सरकारी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। ये तीनों आतंकियों के लिए हथियार और अन्य साजो-सामान का बंदोबस्त करने के अलावा उनके लिए मुखबिरी का काम भी करते थे। उपराज्यपाल ने अनुच्छेद 311(2) सी के प्रविधानों के तहत यह कार्रवाई की है।

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    आतंकियों की मदद करने वाले तीन सरकारी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त (उपराज्यपाल मनोज सिन्हा फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की मदद करने वाले इस दौरान प्रशासन के निशाने पर हैं। मददगारों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इसी क्रम में सरकारी तंत्र में बैठ आतंकियों और अलगाववादियों की मदद करने वाले तीन सरकारी कर्मचारियों की सेवाओं को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को समाप्त कर दिया। यह तीनों सफेदपोश आतंकी इन दिनों जेल में हैं।

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    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गत दिनों एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में संबधित सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि आतंकियों की मददको भी आतंकी कार्रवाई ही माना जाए और तदुनसार कानूनी कार्रवाई की जाए।

    केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में गत अक्टूबर 2024 में एक निर्वाचित सरकार की बहाली के बाद उपराज्यपाल द्वारा आतंकियों के मददगारकर्मियों को सेवामुक्त कि जाने का यह दूसरा मामला है। इससे पूर्वउनहोंने नवंबर 2024 में भी आतंकियों के दो मददगार सरकारी कर्मियों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया था।

    आतंकियों के मददगारों के खिलाफ अभियान

    उल्लेखनीय कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार ने बीते पांच वर्ष से सरकारी तंत्र को आतंकियों व अलगाववादियों के एजेंटों और मददगारों से मुक्त कराने का एक अभियान चला रखा है।

    इस अभियान के तहत अब तक लगभग 70 सरकारी अधिकारियों व कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं। इनमें इंजीनियर, डॉक्टर, तहसीलदार, पुलिस अधिकारी व कर्मी और अध्यापक भी शामिल हैं।

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    संबधित अधिकारियों ने बताया कि आज सेवामुक्त किए गए सफेदपोश आतंकियों में पुलिस कॉन्स्टेबल फिरदौस अहमद बट, अध्यापक मोहम्मद अशरफ बट और वनकर्मी निसार अहमद खान शामिल हैं। यह तीनों आतंकियों के लिए हथियार व अन्य साजो सामान का बंदोबस्त करने के अलावा और उनके लिए मुखबिरी का काम भी करते थे।

    साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई

    यह अलगाववादी तत्वों के एजेंडे को आगे बढ़ाने और भारत विरोधी प्रदर्शनों में भी सहयोग करते रहे हैं।उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अनुच्छेद 311(2) सी के प्रविधानों के तहत उपरोक्त तीनों कर्मियों की सेवाओ को समाप्त किया है।

    इन सभी के खिलाफ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई जांच में जुटाए गए साक्ष्यों और इनके खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज मामलों का संज्ञान लेते हुए ही यह कार्रवाई की गई है।

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