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    जम्मू-कश्मीर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करें, लोक लेखा समिति ने दिए और भी कई महत्वपूर्ण निर्देश

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 06:28 PM (IST)

    लोक लेखा समिति के अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य संस्थानों में सेवाओं को मजबूत करने पर ज़ोर दिया। दूरदराज के क्षेत्रों में सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की आवश्यकता बताई गई। बैठक में आडिट पैरा की समीक्षा हुई और कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने पर बल दिया गया और उपसमितियों के गठन के निर्देश दिए गए।

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    जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधाओं पर ज़ोर

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष शाम लाल शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और बुनियादी ढांचे को उन्नत करने को कहा।

    उन्होंने गुरेज, टंगधार, बनी और बसोहली जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार के लिए अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए कहा।

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    सोमवार को श्रीनगर स्थित विधानसभा परिवार में जम्मू-कश्मीर विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक की अध्यक्षता करते उन्होंने यह बात कही। इसमें स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित आडिट पैरा की समीक्षा की गई।

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    समिति ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित वर्ष 2000-01 के आडिट पैरा 3.8 और 3.9 तथा वर्ष 2017-18 के आडिट पैरा 3.5, 3.6 और 3.7 की विस्तृत जांच की।समिति ने जम्मू स्थित ड्रग और फूड कंट्रोल प्रयोगशाला में पशु गृह के निर्माण, प्रयोगशाला में एंटीबायोटिक दवाओं और नवीन औषधियों के परीक्षण, एयर कंडीशनरों और संबंधित बुनियादी ढांचे की कार्यक्षमता और डेंटल कालेज श्रीनगर द्वारा आयातित दंत चिकित्सा इकाइयों पर फिजूलखर्ची सहित कई प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

    चर्चा किए गए अन्य मुद्दों में स्पाइनल इंजूरी सेंटर की स्थापना, जीएमसी जम्मू में स्वाइन फ्लू परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना न होना और खेलानी स्थित ट्रामा सेंटर की निष्क्रियता शामिल थी।अध्यक्ष ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की अहम भूमिका है। इसके कामकाज में अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और गंभीरता होनी चाहिए।

    उन्होंने ट्र्रामा के मरीजों के लिए त्वरित और प्रभावी चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्दिष्ट स्थानों पर ट्रामा सेंटरों में बुनियादी ढांचे की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया।

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    अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि श्रीनगर और जम्मू दोनों संभागों में जैव सुरक्षा प्रयोगशालाओं और स्पाइनल इंजरी केंद्रों के कामकाज का निरीक्षण करने के लिए उपसमितियां गठित की जाएं। उन्होंने डाक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों में कर्तव्य और जवाबदेही की भावना को बढ़ावा देने के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्य संस्कृति में सुधार के लिए निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया।

    अध्यक्ष ने शासन में पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने समिति के सदस्यों और अधिकारियों की प्रतिबद्धता की सराहना की और उनसे विधायी निगरानी के उच्च मानकों को बनाए रखने और सुशासन एवं सार्वजनिक जवाबदेही में सार्थक योगदान देने का आग्रह किया।

    समिति ने जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य संस्थानों में रोगी देखभाल को और बेहतर बनाने के निर्देशों के साथ विभिन्न लेखापरीक्षा अनुच्छेदों को भी हटा दिया।

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    बैठक में सदस्य मुबारक गुल, नज़ीर अहमद खान गुरेजी, कैसर जमशेद लोन, अल्ताफ अहमद वानी, जाविद हसन बेग, डा. देविंदर कुमार मन्याल और सज्जाद शाहीन सहित अन्य सदस्य शामिल हुए। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के प्रधान महालेखाकार केपी यादव, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव डा. सैयद आबिद रशीद, एनएचएम के एमडी बसीर-उल-हक चौधरी, विधानसभा सचिव, औषधि एवं खाद्य प्रशासन आयुक्त, लेखा एवं कोषागार महानिदेशक, जीएमसी श्रीनगर के प्रिंसिपल, डेंटल कालेज श्रीनगर के प्रिंसिपल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा निदेशक वित्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।