मिट्टी, मसाले, दूध या पानी...17 मौतों का जिम्मेदार कौन? राजौरी में 'रहस्यमयी बीमारी' की तह तक जाएगी मेडिकल टीम
Rajouri Mysterious Death Update जम्मू के अंतर्गत राजौरी में बडाल गांव में हुई 17 मौतों की गुत्थी सुलझाने के लिए केंद्र सरकार की टीम ने जांच शुरू कर दी है। टीम ने पीड़ितों के घरों से मिट्टी पानी खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी और मौतों के कारणों का पता चल सकेगा।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। राजौरी जिले के बडाल गांव में 17 लोगों की मौत की जांच करने आई केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम की रिपोर्ट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। हर दिन इस गांव में किसी न किसी के बीमार होने से परेशान सभी को यह उम्मीद है कि केंद्रीय टीम किसी नतीजे पर पहुंच जाएगी।
टीम बुधवार को वापस लौटी थी और अपने साथ तीनों पीड़ित परिवारों के घरों से खाने के सामान के अतिरिक्त मसाले, दूध, पानी, मिट्टी के सैंपल भी ले गई है।
बडाल में मौतों का सिलसिला सात दिसंबर 2024 को शुरू हुआ था। अभी तक इसमें 13 बच्चों सहित 17 की मौत हो चुकी है। वहीं दो बहनें श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल, एक राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू और एक युवक पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती है।
शुक्रवार को एक और लड़की की बिगड़ी तबीयत
शुक्रवार को श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में भर्ती लड़की की हालत में सुधार हुआ और उसे वेंटीलेटर से हटा दिया गया। जीएमसी जम्मू के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि तीनों बहनों की हालत में सुधार है और उनकी हालत स्थिर है। जिस लड़की को वेंटीलेटर पर रखा गया था, उसे अब सामान्य बेड पर रखा गया है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर तीनों बहनों की हालत इसी तरह से सुधरी तो जल्दी ही उन्हें छुट्टी भी दी जा सकती है। उधर जीएमसी जम्मू में अपनी बेटियों की देखभाल कर रहे बाग हुसैन ने भी अपनी बेटियों की हालत में सुधार पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि यहां पर डॉक्टरों ने उचित देखभाल की है।
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उसी कारण उनकी हालत में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि गांव में 17 लोगों की मौत के कारण वे हताश हो गया था और चाहता था कि उनकी बेटी का इलाज भी पीजीआइ में हो लेकिन अब हालत में सुधार है और पीजीआइ में जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी चार बेटियां और एक बेटा है। तीन बेटियां बीमार है।
केंद्र की टीम की रिपोर्ट का इंतजार
उधर, भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान के लैब में कैडमियम की पुष्टि होने के बाद अब केंद्र की टीम की रिपोर्ट की प्रतीक्षा हो रही है। यह टीम यह पता लगा रही है कि विष कहां से आया। इसके लिए टीम ने पीड़ितों के परिवारों से हर चीज के सैंपल लिए हैं। यह भी पुष्टि की जा रही है कि किसी ने जानबूझ कर विष दिया है या फिर किसी ओर जरिए से यह पीड़ितों तक पहुंचा।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीन से चार दिनों के भीतर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि मौतों का क्या कारण रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम ने हर पहलू पर जांच की है और उसकी जांच रिपोर्ट जल्दी ही आने की उम्मीद है।
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