टॉक्सिन कैडमियम क्या होता है, जिसने राजौरी में ली 17 लोगों की जान; जापान में भी मचा था मौत का तांडव
Mysterious Death in Rajouri जम्मू-कश्मीर में राजौरी के बडाल गांव में रहस्यमयी बीमारी का खुलासा हुआ है। मौतों का कारण संक्रमण या वायरस नहीं बल्कि टॉक्सिन कैडमियम है। कैडमियम एक अत्यधिक विषैली धातु है जो शरीर में प्रवेश करने के बाद कई गंभीर रोगों का कारण बन सकती है। जापान में भी 1912 में कैडमियम विषाक्तता से कई मौतें हुई थीं।

जागरण संवाददाता, जम्मू। Mysterious Death in Rajouri: राजौरी के बडाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से पर्दा उठ चुका है। मौता का कारण संक्रमण या वायरस नहीं बल्कि टॉक्सिन कैडियम है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लखनऊ स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टॉक्सीकॉलोजी रिसर्च के वैज्ञानिकों ने मृतकों के शरीर में कैडमियम नाम का टॉक्सिन होने की रिपोर्ट दी है।
राजौरी जिला के बडाल गांव में सात दिसंबर 2024 से अब तक करीब 48 दिन में 13 बच्चों सहित 17 लोगों की मौत हो चुकी हैं। ये सभी मौतें गांव में तीन परिवारों में ही होने के कारण कई पहलुओं पर जांच की जा रही है। इन परिवारों से संबंधित 38 अन्य लोग भी टॉक्सिन से प्रभावित हुए हैं।
अत्याधिक विषैली धातु है कैडमियम
कैडमियम एक अत्याधिक विषैली धातु होती है, जो शरीर में प्रवेश करने के बाद कई गंभीर रोगों का कारण बन सकती है। दूषित भोजन करने, गंदा पानी पीने, प्रदूषित वातावरण में सांस लेने से लोग कैडमियम के संपर्क में आ सकते हैं।
कैडमियम युक्त इलेक्ट्रानिक, विद्युत अपशिष्ट, खिलौने, आभूषण व प्लास्टिक की रिसाइकलिंग से भी प्वाइजनिंग हो सकती है। अब यह जांच का विषय है कि कैडमियम प्राकृतिक कारणों से या मानवीय कारणों से बडाल में मारे गए लोगों के शरीरों तक पहुंचा था।
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बता दें कि जापान के टोयामा प्रांत में वर्ष 1912 में कैडमियम प्वाइजनिंग से कई मौतें हुई थीं। जापान में इस बीमारी का नाम इटाई-इटाई था। तब नदी का पानी व मिट्टी खदानों से निकली भारी धातुओं से दूषित हो गया था। इस दूषित पानी ने चावल के खेतों को प्रदूषित किया। इससे लोगों में लंबे समय तक कैडमियम का प्रभाव बना रहा था।
100 लोगों से पूछताछ
राजौरी जिले के बडाल गांव में अब तक 17 मौतें हो चुकी हैं और अभी भी लोगों के बीमार होने की खबरें लगातार आ रही हैं। घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) करीब 100 से ज्यादा लोगों से भी पूछताछ की है।
7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच गांव में एक-दूसरे से जुड़े तीन परिवारों के सत्रह लोगों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई है। स्थानीय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ-साथ नेशनल सेंटर फॉर डिजीज भी शामिल है।
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