17 की मौत, 200 से ज्यादा लोग क्वारंटाइन और पूरे गांव में दहशत; राजौरी में सुलझ गया 'रहस्यमयी बीमारी' का रहस्य
Mysterious Deaths in Rajouri राजौरी के बडाल गांव में हुई रहस्यमयी मौतों की गुत्थी सुलझती दिख रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि मृतकों के शरीर में कैडमियम नाम का टॉक्सिन पाया गया है। यह टॉक्सिन कहां से आया यह पुलिस की जांच का विषय है। अभी तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी में स्थित बडाल गांव में रहस्यमय हालात में हुई मौतों का कारण संक्रमण या वायरस नहीं बल्कि टॉक्सिन कैडमियम है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लखनऊ स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च के वैज्ञानिकों ने मृतकों के शरीर में कैडमियम नाम का टॉक्सिन होने की रिपोर्ट दी है।
उन्होंने कहा कि मृतकों के शरीर में कैडमियम कहां से आया, यह पुलिस की जांच का विषय है। दैनिक जागरण के साथ बातचीत करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि लखनऊ में विष विज्ञान प्रयोगशाला के परीक्षणों से मृतकों में किसी में भी संक्रमण, वायरस या बैक्टीरिया न होने की पुष्टि हुई है।
डॉ. जितेंद्र ने कहा कि मौतों का कारण सिर्फ एक विष था। विषाक्त पदार्थों की एक लंबी श्रृंखला है। टॉक्सिन उनके शरीर में पहुंचने के पीछे क्या कोई शरारत थी, यह पुलिस की जांच में साफ हो सकता है। बता दें कि राजौरी जिला के बडाल गांव में सात दिसंबर 2024 से अब तक करीब 48 दिन में 13 बच्चों सहित 17 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
सभी मौतें गांव में तीन परिवारों में ही हुई हैं। इनसे संबंधित 38 अन्य लोग भी टाक्सिन से प्रभावित हुए हैं।
11 वर्षीय एक और बच्ची बीमार
बडाल गांव में गुरुवार को एक और 11 वर्षीय बच्ची बीमार हो गई, उसे उपचार के लिए जीएमसी राजौरी में भर्ती करवाया गया है। गांव की ही तीन अन्य सगी बहनों का उपचार भी जम्मू में चल रहा है।
इनमें से एक की हालत गंभीर है और उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। वहीं, बडाल गांव को कंटोनमेंट जोन घोषित करने के साथ अब तक मारे गए व बीमार लोगों के संपर्क में आए लगभग 200 ग्रामीणों को क्वारंटाइन सेंटर भेजा जा चुका है।
अंतर मंत्रालयीय टीम सैंपल लेकर लौट चुकी
बता दें कि गृह मंत्रालय की ओर से गठित अंतर मंत्रालयीय टीम बडाल गांव का तीन दिवसीय दौरा कर मौत के कारणों का पता लगाने के लिए 230 से अधिक सैंपल अपने साथ ले गई है। वह अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेगी।
वहीं, इससे पहले अब तक मृतकों के नमूनों में न्यूरोटाक्सिन (जहर) पाए जाने के बाद पुलिस ने भी एसआइटी का गठन किया है। एसआइटी ने अब तक 70 से अधिक लोगों से पूछताछ की है, लेकिन कोई सुराग अब तक हाथ नहीं लगा है।
बडाल गांव के मरीजों के इलाज पर राजनीति गुरुवार को बुद्धल से नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक ने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, जम्मू के प्रिंसिपल पर मरीजों को जानबूझकर पीजीआइ चंडीगढ़ शिफ्ट नहीं करने का आरोप लगाया।
इसके बाद जीएमसी जम्मू के प्रिंसिपल ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वह पीजीआइ के डायरेक्टर, डीन व संबंधित विभाग के एचओडी के संपर्क में हैं।
अभी उनके पास बेड नहीं हैं। बेड उपलब्ध होने पर ही मरीजों को पीजीआइ में भेजा जाएगा। वहीं इस पर राज्य की स्वास्थ्य मंत्री सकीना इट्टू ने कहा है कि हमारे पास भी बहुत वरिष्ठ डाक्टर हैं, जो मरीजों की बेहतर देखभाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों को रेफर करने का फैसला डाक्टर करेंगे।
अभी हमारी जांच चल रही है। यह मौतें क्यों हो रही हैं, इनका वास्तविक कारण क्या है, यह हमारी मेडिकल टीम, केंद्रीय टीम और पुलिस की एसआइटी की मदद से निर्धारित किया जाएगा। हम जवाब ढूंढेंगे और उन्हें सभी के साथ साझा करेंगे। इस मामले में किसी अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने में अभी कुछ समय और लग सकता है।
-उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री
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