राजौरी मौत...हत्या-साजिश या कुछ और? स्वास्थ्य टीम करती रही जांच, मासूमों की जाती रही जान; कब क्या हुआ, पूरी टाइमलाइन
जम्मू के राजौरी जिले के बडाल गांव में हुई रहस्यमयी मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है और कई बीमार हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीमें जांच में जुटी हैं लेकिन अभी तक मौतों के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ लोगों का मानना है कि यह जहर के कारण हो सकता है।

रोहित जंडियाल, जम्मू। राजौरी जिले के बडाल गांव में शुरू हुआ मासूमों की मौतों का सिलसिला थम गया है या अभी कुछ और साजिशें रची जा रही हैं, हालांकि अभी भी रहस्य बना हुआ है। विडंबना यह है कि 44 दिनों से मस्तिष्क में सूजन और जहर की पुष्टि होने के बाद भी अभी तक मौतों के पीछे का रहस्य कोई भी सुलझा नहीं पाया है।
देश भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीमें जांच में जुटी हैं। अब गृह मंत्रालय के नेतृत्व में एक और टीम राजौरी पहुंच गई है। बावजूद इसके एक के बाद एक हुई घटनाओं में 16 लोगों की माैत हो गई, जबकि एक महिला जीएमसी राजौरी और एक बच्ची श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में भर्ती हैं। बडाल में दहशत व्याप्त है।
एक महीना पहले से शुरू हुआ मौत का तांडव
बडाल में मौतों का सिलसिला सात दिसंबर 2024 को शुरू हुआ था। एक सामुदायिक भोज के बाद फजल हुसैन के सात लोगों का परिवार बीमार हो गया और इनमें से पांच लोगों की मौत हो गई। 12 दिसंबर को फिर इसी गांव में मोहम्मद रफीक नौ लोगों का परिवार प्रभावित हुआ, जिसमें से चार की मौत हो गई।
तीसरी घटना 12 जनवरी की है, जिसमें मोहम्मद असलम का दस लोगों का परिवार बीमार हुआ। अभी तक सात की मौत हो चुकी है और दो बीमार हैं। मोहम्मद असलम और फजल हुसैन आपस में जीजा-साला है। मोहम्मद रफीक का परिवार भी इनका रिश्तेदार है।
हालांकि सात दिसंबर के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें इस क्षेत्र में दौरा करने पहुंची और उन्होंने इस पूरे गांव में रहने वाले 1600 से अधिक लोगों के सैंपल लिए। मृतकों के पोस्टमार्टम में उनके मस्तिष्क में सूजन व बदलाव देखने कोे मिला। संभवत: जहर के कारण ऐसा हुआ हो। अभी तक इस बारे में कुछ भी कोई स्पष्ट रूप नहीं कह रहा है।
बडाल गांव का दौरा करेगी टीम
अब इस मामले की जांच करने के लिए गृह मंत्रालय के अधिकारियों के नेतृत्व में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, रसायन और उर्वरक मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय के विशेषज्ञों की टीम भी राजौरी में पहुंच चुकी है।
यह टीम सोमवार को बडाल गांव का दौरा करेगी और वहां पर हर पहलू पर काम करेगी। यह देखेगी कि क्या जहर किसी ने दिया या फिर किसी रसायण में था। पानी के सैंपल भी उठाने की उम्मीद है। वहीं, अब पुलिस इस मामले पर भी जांच कर रही है कि कहीं यह प्रापर्टी का कोई विवाद या लालच ताे नहीं है।
मोहम्मद फजल और मोहम्मद असलम के पास साठ कनाल से अधिक जमीन है। मोहम्मद असलम के पास तीनों परिवारों में सबसे अधिक प्रापर्टी है और उसके परिवार में 15 वर्षीय बच्ची (एसएमजीएस अस्पताल में भर्ती), पत्नी शकिया बेगम ही बचे हैं। पांच बच्चों की मौत हो गई है।
वहीं, एक शक यह भी है फजल के परिवार में हुए एक विवाह समारोह के दौरान जहर दिया गया हो। अभी इस मामले पर कुछ भी कोई नहीं कह रहा है लेकिन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक उच्चाधिकारी का कहना है कि यह सभी हत्याएं भी हो सकती हैं। कुछ दिनों में सच सामने आ सकता है।
यहां हुई चूक
सरकार ने सात दिसंबर के बाद नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी पुणे, नेशनल सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल नई दिल्ली, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टॉक्सिकोलॉजी एंड रिसर्च लखनऊ, डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ग्वालियर, पीजीआई चंडीगढ़ के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अलावा आईसीएमआर-वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी जीएमसी जम्मू में जांच करवाई। इनमें यह स्पष्ट हो चुका था कि मौतें किसी बैक्टेरिया या वायरस से नहीं हुई।
सीएसआईआर-भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान द्वारा किए गए विष विज्ञान विश्लेषण में कई जैविक नमूनों में विषाक्त पदार्थों का पता चला। मगर सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया। इस रिपोर्ट में यह संकेत था कि इन मौतों का कारण हत्या हो सकता है।
सरकार ने पुलिस से जांच नहीं करवाई। अगर उस समय जांच करवाई होती तो शायद 12 जनवरी को हुई घटना को टाला जा सकता था। यही नहीं जम्मू से मात्र 25 किलोमीटर दूर एम्स विजयपुर में भी जहर सूचना केंद्र है। इसकी सेवाएं भी ली जा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
प्रापर्टी या विवाह पर कई बार हुई हैं हत्याएं
यह देखने में आया है कि इन क्षेत्रों में जमीनी विवाद या लालच और विवाह समारोहों के विवादों में कई बार हत्याओं का अंजाम दिया गया है। हालांकि, पीड़ित मोहम्मद असलम के भाई का कहना है कि कुछ नहीं कहा जा सकता है कि मौतों का क्या कारण हैं लेकिन जहर होने की खबर से वह भी स्तब्ध हैं।
उनका कहना है कि पुलिस ही बाता सकती हैं कि सच क्या है? वह श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में भर्ती असलम की सबसे बड़ी बेटी यासमीन की देखभाल कर रहे हैं।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि फजल के परिवार में डेढ़ माह पूर्व हुए विवाह को लेकर भी कुछ विवाद था। लेकिन इसका इन मौतों से कोई लेना देना है, इस पर कोई भी कुछ नहीं बोल रहा।
क्या नहीं होती जांच
एक सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर 12 जनवरी को बडाल में फिर से एक परिवार में सात लोगों की मौत नहीं होती तो क्या पहले से हुई नौ माैतों का सच कभी भी सामने नहीं आ पाता। ऐसा इसीलिए कि सरकार ने जांच रिपोर्ट में जहर की पुष्टि होने के बावजूद इसकी जांच नहीं करवाई और मंत्री से लेकर अधिकारी तक इस पर चुपी बनाए रहे।
राज्य के उपमुख्यमंत्री जोकि राजौरी जिले के ही हैं, वे भी इन सात मौतों के बाद ही बडाल में पहुंचे। सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रहे। किसी ने इसकी अपराधिक दृष्टि से जांच करवाने की मांग तक नहीं की। पुलिस ने स्वयं भी इन मौतों के बाद किसी से पूछताछ नहीं की।
सामाजिक कार्यकर्ता सुकेश खजूरिया का कहना है कि इस मामले की गृह मंत्रालय को सीबीआइ से जांच करवानी चाहिए ताकि पीड़ित परिवारों को इंसाफ मिले।
राजौरी के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनोहर राणा का कहना है कि हमने बडाल गांव में 70 से अधिक टीमों को तैनात कर लोगों की जांच करवाई। देश भर से विशेषज्ञों की टीमें भी आई हुई हैं।
अभी भी जांच चल रही है। क्षेत्र में विशेषज्ञों का तैनात किया गया है ताकि यह पता चल सके कि मौतों का सही कारण क्या है। पुलिस भी अब जांच कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने कोई कसर शेष नहीं रखी है।
कब क्या हुआ? पढ़ें पूरी टाइमलाइन
आठ दिसंबर 2024: जीएमसी राजौरी में 40 वर्षीय फजल हुसैन की मौत हुई। उनकी बेटी सात वर्षीय फरमाना और 14 वर्षीय राबिया कौसर का जम्मू के श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में लाते समय निधन हो गया। इसी दिन फजल के दस वर्षीय बेटे रूकसान अहमद का एसएमजीएस अस्पताल में निधन हो गया।
12 दिसंबर 2024: फजल के छोटे बेट चार वर्षीय रफ्तार अहमद की एसएमजीएस अस्पताल जम्मू में मौत। इसी दिन मोहम्मद रफीक की सात वर्षीय बेटी नाजिया कौसर की राजौरी में मौत हुई। उनके बेटे दस वर्षीय मोहम्मद इश्तियाक और 12 वर्षीय इशफाक अहमद की एसएमजीएस अस्पताल जम्मू में लाते समय रास्ते में मौत हो गई।
23 दिसंबर 2024: मोहम्मद रफीक की गर्भवती पत्नी राजिम बेगम की जीएमसी राजौरी में मौत हो गई।
12 जनवरी 2025: मोहम्मद असलम की नौ वर्षीय बेटी नवीना कौसर, 14 वर्षीय बेटे जहूर अहमद की एसएमजीएस अस्पताल जम्मू में मौत।
13 जनवरी 2025: मोहम्मद असलम के बेटे दस वर्षीय मोहम्मद मारूफ और दादा मोहम्मद युसूफ की मौत।
14 जनवरी 2025: मोहम्मद असलम की 12 वर्षीय बेटी सफीना कौसर की एसएमजीएस अस्पताल जम्मू में मौत।
16 जनवरी 2025: मोहम्मद युसूफ की बेटी जवीना कौसर की मौत।
17 जनवरी 2025: मोहम्मद युसूफ की पत्नी जट्टी बेगम की मौत।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।