राजौरी में 'डेथ मिस्ट्री' से उठा पर्दा, वायरस-बैक्टीरिया से नहीं; इस कारण हुई बच्चों की मौत, चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने
राजौरी में हुई मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सीएसआईआर-आईआईटीआर द्वारा किए गए विष विज्ञान विश्लेषण में कई जैविक न ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जम्मू। कई सप्ताह के बाद आखिर राज्य सरकार ने वीरवार को यह स्पष्ट किया कि राजाैरी के बडाल गांव में हुई पंद्रह लोगों की मौत किसी बैक्टेरिया या वायरस से नहीं हुई है। अभी तक सैंपलों की हुई जांच से यह संकेत मिले हैं कि इन मौतों का कोई सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलू नहीं है।
सीएसआईआर-आईआईटीआर द्वारा किए गए विष विज्ञान विश्लेषण में कई जैविक नमूनों में विषाक्त पदार्थों का पता चला है। सरकार ने कहा कि राजौरी के बुद्धल गांव की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। एसएमजीएस अस्पताल में भर्ती एक बच्चे की हालत अभी भी गंभीर है।
देश की कुछ सबसे प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं में विभिन्न सैंपलों पर परीक्षण किए गए। इनमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे, नेशनल सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल नई दिल्ली, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी एंड रिसर्च लखनऊ, डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ग्वालियर, पीजीआइ चंडीगढ़ के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अलावा आईसीएमआर वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी जीएमसी जम्मू शामिल हैं।
उमर सरकार ने किए कई बड़े दावे
सरकार ने मौत के कारणाें का पता लगाने के लिए कई कदम उठाए। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने अन्य कैबिनेट सहयोगियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया। इसके अलावा बीमारी का कारण पता लगाने के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों के साथ कई बैठकों की अध्यक्षता की।
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने माैतों का कारण पता लगाने और प्रभावितों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों, प्रशासन, देश भर के तकनीकी विशेषज्ञों और पुलिस के साथ कई बैठकों की अध्यक्षता की।
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग दैनिक आधार पर स्थिति की समीक्षा करने के अलावा रोगियों को हर संभव उपचार और प्रबंधन प्रदान कर रहा है। स्थिति को प्रबंधित करने और मौतों के कारणों को समझने के लिए देश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों की व्यवस्था की गई है।
सरकार ने घटना के तुरंत बाद उठाए कई बड़े कदम
सचिव स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग और डीजी आईसीएमआर भारत सरकार डॉ. राजीव बहल ने किसी भी महामारी से निपटने के लिए रणनीतियों और कदमों पर चर्चा करने के लिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की।
सरकार ने सात दिसंबर को पहली घटना के तुरंत बाद कई कदम उठाए, जिसमें भोजन और पानी के सैंपल एकत्र करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ एक मेडिकल टीम तैनात करना, मेडिकल कैंप आयोजित करना, मोबाइल मेडिकल यूनिट स्थापित करना, घर-घर स्क्रीनिंग और तैनाती शामिल है।
राज्य के विशेषज्ञों की एक टीम, जिसमें महामारी विज्ञानी, सूक्ष्म जीवविज्ञानी और स्वास्थ्य निदेशालय जम्मू, जीएमसी जम्मू और राजौरी के अन्य विशेषज्ञ शामिल थे, ने विस्तृत जांच करने और संपर्क ट्रेसिंग सैंपल एकत्र करने के लिए क्षेत्र का दौरा किया।
स्थिति पर काबू पाने में सहायता के लिए एनसीडीसी एनआईवी पुणे और पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने भी क्षेत्र का दौरा किया। क्लिनिकल रिपोर्ट, लैब जांच और पर्यावरण के नमूने से संकेत मिलता है कि घटनाएं किसी संक्रामक बीमारी के कारण नहीं हैं।

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