Move to Jagran APP

Reasi Terror Attack: गोली लगी और मां की आंखों के सामने गिर पड़ा इकलौता बेटा, पति अभी भी है लापता

जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में श्रद्धालुओं की बस (Reasi Bus Terror Attack) पर हुए हमले में 10 लोगों की जान चली गई। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर की रहने वाली शारदा देवी अपने पति और बेटे के साथ वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आईं थी। आतंकियों ने उनकी आंखों के सामने बेटे को गोली मार दी। उनके पति का भी कोई पता नहीं चल रहा है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Tue, 11 Jun 2024 02:20 PM (IST)
Reasi Terror Attack: गोली लगी और मां की आंखों के सामने गिर पड़ा इकलौता बेटा, पति अभी भी है लापता
मां के सामने ही बेटे को लगी गोली (फाइल फोटो)

रोहित जंडियाल, जम्मू। 14 वर्ष पहले जन्म के बाद संक्रमण से अस्पताल में जिदंगी के लिए जूझ रहे बेटे को बचाने के लिए शारदा देवी ने माता वैष्णो देवी से प्रार्थना की थी। बेटा ठीक हो गया और दो दिन पहले उन्होंने मां वैष्णो देवी के दर्शन भी कर लिए।

रविवार शाम को रियासी के शिवखोड़ी से लौटते समय आतंकी हमले में बेटे की मौत हो गई। आतंकियों ने उनकी आंखों के सामने बेटे को गोली मार दी। इस हमले में उनकी भांजी की भी जान चली गई, लेकिन अभी उन्हें इस बारे में नहीं बताया है। शारदा की आंखें अपने बेटे और भांजी को खोज रही हैं।

शारदा देवी ने बेटे के ठीक होने के लिए मांगी थी मन्नत

राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू के वार्ड नंबर एक में भर्ती शारदा देवी पत्नी रजत राम उत्तर प्रदेश के बलरामपुर की रहने वाली है। वह भी अन्य श्रद्धालुओं के साथ बस से शिवखोड़ी से दर्शन कर वापस कटड़ा लौट रही थी। उन्होंने बताया कि जिस ओर से आतंकियों ने गोलियां बरसाईं, वह बस में उस ओर ही बैठी थी

एक सीट पर वह और उसके पति थे, जबकि आगे वाली सीट पर 14 वर्षीय बेटा अनुराग बैठा था। शारदा ने बताया कि जब आतंकियों ने गोलियां चलाई तो एक गोली उसके बेटे को लगी और वह नीचे गिर गया। उसके बाद क्या हुआ, पता नहीं।

शारदा का कहना है कि 14 वर्ष पहले जब उनके घर में किलकारियां गूंजी थी तब अनुराग के पेट में संक्रमण हो गया था। उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी। कई वर्ष तक उसका इलाज चला। तब मन्नत मांगी थी कि बेटा ठीक होने के बाद माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाएंगे।

बेटा ठीक हो गया और स्कूल में भी जाने लगा। उसने बताया कि हम पहली बार वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए थे। माता के दर्शन के बाद शिवखोड़ी में भी दर्शन कर लिए लेकिन यह कभी नहीं सोचा था कि उनके साथ ऐसा हो जाएगा।

यह भी पढ़ें- Reasi Terror Attack: चालक की दिलेरी से बच गई कई श्रद्धालुओं की जान, आतंकियों के इरादे भाप गया था ड्राइवर

पति और रिश्तेदार का कोई पता नहीं चल रहा है

शारदा ने बताया कि शाम करीब साढ़े छह बजे होंगे, जब यह हमला हुआ। मैंने देखा कि आतंकी एक पेड़ के पीछे छिपे थे और मास्क पहना था, सिर पर टोपी सी लग रही थी। एक आतंकी के मुंह से आधा मास्क खुल गया था। आतंकी लगातार गोलियां चला रहे थे।

एक गोली बेटे को भी लगी। उसके बाद बेटा, पति और अन्य रिश्तेदार कहां गए, कोई पता नहीं चल रहा। अस्पताल के बेड पर लेटे और गर्दन में चोट के कारण कालर पहने शारदा हर किसी से सिर्फ अपने बेटे और पति के बारे में पूछ रही है, लेकिन कोई नहीं बता रहा।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की 45 वर्षीय गायत्री देवी पहली बार परिवार के माता के दर्शन के लिए आई थी। वह बस में पीछे वाली सीट पर थी। उसने बताया कि शिवखोड़ी से लौटते समय बस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई जाने लगीं। कुछ ही देर में बस खाई में जा गिरी।

यह भी पढ़ें- Reasi Terror Attack: ड्राइवर के बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया, कंडक्टर अरुण भी था घर का इकलौता चिराग