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    जम्मू नकली पासपोर्ट और स्टाम्प मामले में 24 वर्ष बाद आरोपित रवि चंद्रन को अदालत ने दी क्लीन चिट

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 07:06 PM (IST)

    जम्मू की अदालत ने 24 साल पुराने नकली पासपोर्ट और स्टाम्प मामले में रवि चंद्रन को बरी कर दिया है। वर्ष 2001 में दर्ज मामले में उन पर फर्जी स्टाम्प बनाने का आरोप था जिसका इस्तेमाल पासपोर्ट में फोटो बदलने के लिए किया जाता था। अदालत ने पाया कि रवि चंद्रन के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है। जांच में भी कमी थी जिसके कारण उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया।

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    24 साल बाद रवि चंद्रन नकली पासपोर्ट मामले में हुए दोषमुक्त।

    जेएनएफ, जागरण, जम्मू। नकली पासपोर्ट और स्टाम्प मामले में प्रधान सत्र न्यायाधीश वाईपी. बाैरनी की अध्यक्षता में अदालत ने 24 वर्ष बाद आरोपित रवि चंद्रन उर्फ रवि को आरोप मुक्त किया है।

    वर्ष 2001 में कई आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिनमें फारूक अहमद शेख, हबीब उल्लाह मलिक, गुलाम अहमद मीर, मोहम्मद अयूब हाजी और रवि चंद्रन शामिल थे।

    आरोपियों पर नकली रबर स्टैम्प तैयार करने का आरोप लगाया गया था, जिन पर "भारत सरकार" और "भारत सरकार" के अक्षर अंकित थे। आरोप था कि इन स्टाम्प का इस्तेमाल पासपोर्ट में फर्जी तरीके से फोटो बदलने के लिए किया जा रहा था।

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    वहीं 24 वर्षों से जारी इस मामले में अदालत ने पाया कि रवि चंद्रन के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं था जो उन्हें नकली स्टैम्प तैयार करने में शामिल होने की पुष्टि करता हो।

    कुछ गवाहों ने उसे मोहम्मद अयूब के साथ जाने का उल्लेख किया, लेकिन किसी ने भी रवि चंद्रन की प्रत्यक्ष भागीदारी की पुष्टि नहीं की।इसके अलावा अदालत ने पाया कि जांच अधिकारी ने पासपोर्ट कार्यालय से विवादित स्टैम्प की सत्यता की पुष्टि नहीं की।

    इस मामले में अन्य सह-आरोपियों को पहले ही बरी कर दिया गया था।अदालत ने माना कि रवि चंद्रन के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है।इसलिए उन्हें सभी आरोपों से आरोपमुक्त कर दिया गया।

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