पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थित संगठनों के बीच कड़ी बन रहा है नीटा, पीलीभीत में मारे गए आतंकियों से भी है कनेक्शन
खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) का सरगना रणजीत सिंह नीटा (Ranjit Singh Neeta) फिलहाल पाकिस्ताम में छिपा बैठा है। वहीं से वह कश्मीरी और खालिस्तानी आतंकियों के बीच कड़ी का काम कर रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) भी नीटा का इस्तेमाल आतंक बढ़ाने के लिए कर रही है। नीटा युवाओं को भड़काने का भी काम कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। प्रतिबंधित आतंकी समूह खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) का प्रमुख रणजीत सिंह नीटा, आतंकवाद को शह देने के लिए पाकिस्तान से कश्मीरी व खालिस्तानी आतंकी संगठनों में समन्वय बना रहा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई उसका इस्तेमाल सीमा पार से हथियारों, नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए कर रहा है।
कई आतंकी संगठनों से जुड़ा है नीटा के तार
सूत्रों के अनुसार नीटा इस समय आईएसआई के इशारे पर आतंकियों के स्लीपर सेल स्थापित करने के साथ युवाओं को भड़काने का काम कर रहा है। पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर हमले के बाद मारे गए तीनों खालिस्तानी आतंकी 25 साल की आयु से कम हैं।
पंजाब में अपना नेटवर्क बढ़ा रहे नीटा के तार कश्मीर में सक्रिय कई आतंकी संगठनों से भी जुड़े हैं। जम्मू में पिछले कई सालों से खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स की कोई गतिविधि सामने नही आई है। प्रदेश में वर्ष 1998 में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के डिप्टी कमांडर होने का दावा करने वाले धर्मवीर सिंह राजु की गिरफ्तारी के बाद कुछ खास नही हुआ है।
कभी जम्मू में ट्रक चलाता था नीटा
खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) का सरगना नीटा अस्सी के दशक में जम्मू में ट्रक चलाता था। जम्मू के आरएसपुरा के सिंबल कैप का निवासी नीटा, सीमांत क्षेत्रों में सक्रिय तस्करों के जरिए आईएसआई के संपर्क में आया था। आईएसआई ने उसका इस्तेमाल आतंक को शह देने के लिए किया। ऐसे में वह कई वारदातों को अंजाम देने के बाद नब्बे के दशक में सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया था।
करीब 65 साल की हो चुकी है नीटा की उम्र
सूत्रों के अनुसार नीटा भाग कर पाकिस्तान जाने के बाद भी काफी समय तक जम्मू में अपने समर्थकों के संपर्क में रहा था। इस दौरान उसके कई गुर्गे नीटा के नाम पर सरकारी ठेके भी लेते रहे हैं। बाद में जम्मू कश्मीर पुलिस व खुफिया एजेंसियों के बढ़ते दवाब के कारण जम्मू में नीटा का प्रभाव काफी हद तक कम हो गया। इस समय उसकी आयु 65 साल के करीब है।
जान बचाने के लिए पाकिस्तान भाग गया था नीटा
जम्मू कश्मीर पुलिस के सेवानिवृत डीजी डॉ एपसी वैद का कहना है कि नीटा जम्मू में अपने नेटवर्क को मजबूत करने में सफल नही रहा। पुलिस के लगातार बढ़ते दवाब के कारण ही वह भूमिगत हो गया था। बाद में वह जान बचाने के लिए पाकिस्तान भागा था।
डॉ वैद का कहना है कि वर्ष 1999 से 2002 तक डीआईजी जम्मू के कार्यकाल के दौरान खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स की काफी गतिविधि थी। इस पर सटीक कार्रवाई से अंकुश लगाया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 से 2008 तक जम्मू के आईजी के उनके कार्यकाल के दौरान केजेडएफ की कोई गतिविधि नहीं रही।
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आतंकवाद बढ़ाने के लिए नीटा का इस्तेमाल कर रही है ISI
डॉ वैद का कहना है कि पाकिस्तान की आईएसआई जम्मू कश्मीर व पंजाब में आतंकवाद को शह देने के लिए नीटा का इस्तेमाल कर रही है।
आईएसआई सक्रिय आतंकवादियों तक हथियार पहुंचाने के लिए नीटा का इस्तेमाल करती आई है। आतंकी संगठन इस समय कैडर की कमी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में आईएसआई नीटा जैसे लोगों का इस्तेमाल युवाओं को गुमराह करने के लिए कर रही है।
नीटा पर दर्ज है आधा दर्जन से अधिक FIR
इसी बीच पाकिस्तान जाने से पहले नीटा ने जम्मू में आतंकवाद को शह देने के लिए गई बड़ी वारदातें की थी। उसके खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुई । इनमें 1988 और 1999 के बीच जम्मू और पठानकोट के बीच चलने वाली ट्रेनों और बसों में बम विस्फोटों से संबंधित मामले शामिल थे।
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर शर्मा की हत्या के मामले में नीटा के खिलाफ अक्टूबर 2001 में कठुआ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। पिछले अढ़ाई दशकों के दौरान पाकिस्तान से नीटा के प्रत्यर्पण की मांग पर कोई कार्रवाई नही हुई है।
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