जम्मू में 23 दिन बाद भी सामान्य नहीं हो पाया जनजीवन, तवी किनारे राजीव कालोनी में मलबे में पटी हैं गलियां
जम्मू के राजीव कॉलोनी में बाढ़ के 23 दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हैं। कई गलियां मलबे से भरी हैं जिससे लोगों का जीवन प्रभावित है। तवी नदी में आई बाढ़ से 205 घरों को नुकसान हुआ था और अभी भी मलबा हटाने का काम जारी है। लोग परेशान हैं।

जागरण संवाददाता, जम्मू। बर्बादी की बारिश की मार झेल रहे विक्रम चौक के साथ लगती राजीव कालोनी में बाढ़ के 23 दिन बाद भी जीवन सामान्य नहीं हो पाया है। कुछ गलियां मलबे से भरी पड़ी हैं। कुछ परिवार आज भी मजबूरी में छतों पर सो रहे हैं। घरों के आगे मलबा बाहर निकलने नहीं दे रहा।
राजीव कालोनी में जंगल डॉट काम के नजदीक से अंदर जाने वाली गली आज भी मलबे से पटी पड़ी है। इसके अलावा तवी बांध के नजदीक से शट्टरवाली दुकान के नजदीक मुहल्ले की दो छोटी गलियां आज भी मलबे व कीचड़ के कारण बंद पड़ी हैं। इससे यहां दो परिवार आज भी घर नहीं खोल पाए।
बड़ी मुश्किल से इन परिवारों ने घरों के मलबे को साफ किया लेकिन गली बंद होने के कारण तथा निकासी नहीं रहने के चलते उन्हें किराए पर कमरा लेकर समय व्यतीत करना पड़ रहा है। इन गलियों को साफ करने का काम युद्धस्तर पर जारी है लेकिन सैकड़ों टन मलबा निकलने में अभी चार-पांच दिन और लगने की संभावना है।
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26 अगस्त को तवी नदी में आई बाढ़ के कारण राजीव कालोनी जलमग्न हो गई थी। यहां 205 घरों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। 10 से 15 फुट तक पानी घरों के अंदर गया। छह-सात फुट तक मलबा चढ़ा। तब से ही प्रशासन, नगर निगम की टीमें काम में जुटी हुई हैं। अभी तक सैकड़ों ट्रक व टिप्पर भरकर मलबा कालोनी से निकाला जा चुका है। अधिकतर घरों की सफाई भी हो चुकी है।
वहीं निगम के ज्वाइंट कमिश्नर अब्दुल स्तार का कहना है कि अभी भी यहां 20 सफाई कर्मचारी काम में जुटे हुए हैं। बर्बादी ही बहुत हुई है। कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द सभी गलियां साफ कर ली जाएं।
घर जाने को तरसे
राजीव कालोनी में दो दशकों से रह रहा बाबू राम व मुलख राज का परिवार पिछले 23 दिनों से अपने घर से बाहर सोने को मजबूर है। उनके घर के आगे की गली में सैकड़ों टन मलबा अभी भी जमा है। लंबी गली होने के कुछ हिस्से तक मलबा हट पाया है। लोगों की छतों से होकर परिवार के सदस्यों ने घरों के अंदर की गंदगी, मलबा निकाला है। अभी भी पूरी तरह घर साफ नहीं हो सके क्योंकि गली बंद है।
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घर के पानी की निकासी रुकी पड़ी है। पीड़ित बाबू राम का कहना है, ‘कुदरत की मार पड़ी है जनाब। कुछ नहीं बचा। मकान में पड़ी हर चीज बर्बाद हो गई। आज दिन तक घर में नहीं रह पाए हैं। तब से लगे हुए हैं। अभी भी गली बंद है। बहुत मुश्किल हो गई है। प्रशासन से कुछ सहयोग जरूर मिला है।’
उनके भाई पीड़ित मुलख राज भी बेहाल हैं। उनका कहना है, ‘जिंदगी में ऐसी आपदा कभी नहीं देखी। हमारे घरों में सबकुछ बर्बाद हो गया। खाने-पीने के लाले पड़ गए थे। सरकार ने कुछ राहत जरूर दी लेकिन जिंदगी भर की कमाई पानी में चली गई। दोबारा कोशिश करने में जुटे हैं। गली खुलेगी तभी सब ठीक हो पाएगा।’
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