J&K News: श्मशान में मिला गोवंश का कटा सिर, विरोध में बंद रहा खौड़ बाजार; पुलिस के इस तर्क से भड़के प्रदर्शनकारी
Jammu News खौड़ में गोहत्या के विरोध में बाजार बंद रहा और लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि किसी शरारती तत्व ने गोहत्या करने के बाद उसका सिर श्मशान घाट में फेंककर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे पुलिस के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।
संवाद सहयोगी, खौड़। शुक्रवार को मट्टू गांव में गोहत्या करने के बाद उसका सिर श्मशान घाट में फेंकने के विरोध में शनिवार को खौड़ का बाजार बंद रहा। इसको लेकर इलाके में तनाव की स्थिति बनी रही। गोहत्या के आरोपितों को पकड़ने की मांग पर क्षेत्र लोगों ने खौड़-जम्मू मुख्य मार्ग को बंद कर वहां घंटों प्रदर्शन भी किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि किसी शरारती तत्व ने गोहत्या करने के बाद उसका सिर काटकर श्मशान घाट में फेंककर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास किया गया है। ऐसे आसामाजिक तत्वों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ भी की नारेबाजी
प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बताया कि गांव मटटू के सुमित सिंह पुत्र सूरम सिंह नामक व्यक्ति की गाय के पेट में दो बछड़े थे। एक बछड़ा पेट में ही मर गया था।
डॉक्टर ने उसे निकालने का लिए रस्सी का इस्तेमाल किया, जिससे बछड़े का सिर कट गया और सुमित सिंह ने बछड़े का सिर श्मशान घाट में फेंक दिया था। पुलिस के इस जवाब से प्रदर्शनकारी और भड़क गए। उन्होंने पुलिस के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की और दोषियों को बचाने का आरोप लगाया।
पुलिस के तर्क से सहमत नहीं हुए प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जो सिर मिला है, वह बड़ा है, नवजात बछड़े का नहीं। अगर सिर श्मशान घाट में फेंका तो शेष बछड़ा कहा है? बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बताया कि पुलिस ने सुमित सिंह व परिवार के अन्य सदस्यों को थाने बुलाया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। अगर कोई दोषी पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस उस डॉक्टर से भी पूछताछ कर रही है।
प्रदर्शनकारियों ने इन जगहों को बंद करने की दी चेतावनी
इस पर प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोषियों को सजा नहीं मिली तो वे ज्यौड़ियां, खौड़ और अखनूर बंद करके प्रदर्शन करेंगे। वहीं, खौड़ के लोगों का कहना है कि पुलिस सच्चाई को छिपा रही है। अगर बछड़ा मरा हुआ पैदा हुआ तो उसका सम्मान के साथ संस्कार किया जाना चाहिए था।
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