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    Jammu News: अनुच्छेद 370 पर 'सुप्रीम' फैसले से पहले जम्मू के प्रमुख नेताओं ने दी अपनी प्रतिक्रिया, कहा- 'संविधान पर भरोसा, बनाएं रखें शांति'

    By vivek singhEdited By: Deepak Saxena
    Updated: Sun, 10 Dec 2023 09:53 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर में विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मामले में दायर याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। इसको लेकर कश्मीर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। वहीं कश्मीर के प्रमुख पार्टी नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। साथ ही उन्होंने कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाए रखने की भी अपील की है।

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    अनुच्छेद 370 पर 'सुप्रीम' फैसले से पहले जम्मू के प्रमुख नेताओं ने दी अपनी प्रतिक्रिया।

    एजेंसी (पीटीआई), जम्मू। केंद्र ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया और पूर्ववर्ती राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर कल यानी सोमवार को फैसला आना है। इसको लेकर कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

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    नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिकूल फैसले की स्थिति में भी उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में शांति भंग नहीं करेगी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी संविधान में निर्धारित शांतिपूर्ण तरीकों से क्षेत्र के लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी।

    उमर अब्दुल्ला बोले- 'शांति भंग नहीं करना चाहता'

    उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला देना है, देने दो। अगर हमें स्थिति बिगाड़नी होती तो हम 2019 के बाद ऐसा करते। हालांकि, हमने तब भी कहा था और अब भी दोहराते हैं कि हमारी लड़ाई शांतिपूर्ण और नियमों के अनुरूप होगी। हमारे अधिकारों की रक्षा और हमारी पहचान को सुरक्षित रखने के लिए संविधान, कानून की मदद ली जा रही है। इसमें गलत क्या है? क्या हमें लोकतंत्र में यह कहने का अधिकार नहीं है? क्या हम लोकतंत्र में आपत्ति नहीं उठा सकते? अगर दूसरे लोग बात कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं?

    पूर्व नेता ने कहा कि हमने कभी युवाओं से पत्थर फेंकने के लिए नहीं कहा... वास्तव में (नेकां अध्यक्ष) फारूक अब्दुल्ला ने लोगों से कहा था कि अगर वे उन्हें पसंद नहीं करते हैं तो वह मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन यहां बंदूकें नहीं लाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को क्षेत्र के लोगों पर भरोसा करना चाहिए क्योंकि कोई भी जम्मू-कश्मीर में शांति भंग नहीं करना चाहता।

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    बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रैना ने कही ये बात

    प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने कहा कि हमारा देश एक लोकतंत्र है और अदालत पर हमे पूरा भरोसा है। ऐसे में उच्चतम न्यायालय का जो भी आदेश आएगा उसे हम सबने मानना है। इस पर किसी प्रकार की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस फैसले पर किसी को भी कोई कटाक्ष नही करना चाहिए। हम भारत के निवासी हैं व हमें अपनी न्यायपालिका पर पूरा यकीन है।

    उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में पक्ष व विपक्ष की सभी दलीलें सुनी हैं। इस कार्रवाई के दौरान पूरी पारदर्शिता बरती गई है। हमें पूरा यकीन है कि अनुच्छेद 370 अब राजनीति का मुद्दा नही रहेगा। हमारा देश एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास रखने वाला देश है। हमारी न्यायपालिका महान है। अगर फैसले पर कोई सियासत होती है तो यह अदालत की अवमानना होगी। मैं कहता हूं कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय का जो भी आदेश सिर आंखों पर होना चाहिए।

    पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती बोली- संविधान को रखे बरकरार

    पीडीपी प्रधान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उच्च्तम न्यायालय की जिम्मेदारी है कि वह भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे को आगे न बढ़ाए। वह देश की अखंडता व इसके संविधान को बरकरार रखे। अदालत के फैसले से यह स्पष्ट होना चाहिए कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र का 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करना अवैध व असंवैधानिक था। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों से किए गए वादों के खिलाफ था। निर्णय सरल होना चाहिए कि 5 अगस्त, 2019 को जो कुछ भी किया गया वह अवैध, असंवैधानिक था।

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