Kishtwar Cloudburst: चिशौटी किश्तवाड़ के घायलों में एक ने जीएमसी जम्मू में तोड़ा दम, 62 में तीन की हालत अभी भी नाजुक बनी
किश्तवाड़ के चशोदी में बादल फटने से घायल हुए एक व्यक्ति की जीएमसी जम्मू में मौत हो गई है जबकि 62 घायलों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार तीन की हालत गंभीर है। जीएमसी जम्मू में कुल 67 घायलों को लाया गया जिनमें से एक की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अशोक कुमार के रूप में हुई। वर्तमान में 62 लोग उपचाराधीन हैं जिनमें 21 बच्चे हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले के चिशौटी में बादल फटने की घटना में घायल हुए एक व्यक्ति ने जीएमसी जम्मू में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। वहीं 62 घायलों का अभी भी उपचार चल रहा है। डाक्टरों का कहना है कि अभी भी तीन घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है।
राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में शुक्रवार देर रात तक घायलों का आना जारी रहा। कुल 67 घायलों को इलाज के लिए जीएमसी जम्मू में लाया गया। इनमें से एक की शुक्रवार देर रात को मौत हो गई। उसकी पहचान अशोक कुमार पुत्र बुट्टी राम निवासी सांगवल विजयपुर के रूप में हुई है। उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए स्वजनों को सौंप दिया गया है।
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जीएमसी जम्मू में अभी तक कुल 67 घायलों को लाया गया है। इनमें से तीन मरीज इलाज के लिए बिना बताए ही अन्य अस्पतालों में चले गए हैं जबकि दो की हालत में सुधार को देखते हुए उन्हें छुट्टी दे दी गई है। 62 का अभी भी इलाज चल रहा है।
इन मरीजों में 21 बच्चे शामिल है। जीएमसी जम्मू में भर्ती घायलों में से 43 जम्मू जिले के हैं जबकि छह सांबा, छह किश्तवाड़, दो रियासी, छह उधमपुर, एक डोडज्ञ, दो कानपुर उत्तर प्रदेश और एक चंडीगढ़ का रहने वाला है। अभी तक 25 घायलों की सर्जरी हुई है।
घायलों को जीएमसी के वार्ड नंबर एक, इमरजेंसी के वार्ड नंबर चार और सात में रखा गया है। उप चिकित्सा अधीक्षक और इमरजेंसी प्रभारी डा. भारत भूषण का कहना है कि 57 घायलों की हालत स्थिर है। उनका कहना है कि सभी घायलों का उपचार वरिष्ठ डाक्टर कर रहे हैं।
जीएमसी जम्मू के प्रिंसिपल डा. आशुतोष गुप्ता का कहना है कि पीजीआइ चंड़ीगढ से भी डाक्टरों की एक टीम आई है और वे भी घायलों को देख रही है। उनका कहना है कि सभी घायलों को सबसे बेहतर सुविधाएं दी जा रही है। आर्थाेपैडिक्स, सर्जरी, मेडिसिन सहित सभी विभागों के डाक्टर इलाज में जुटे हुए हैं।
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वहीं घायलं के चेहरों पर अभी भी इस घटना का भय साफ देखा जा रहा है। अभी घायलों को अपनों का भी इंतजार है। इस त्रासदी में बहुत से लोग अपनों से बिछड़ चुके हैं।
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