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    किश्तवाड़ के चिशौटी पहुंचे उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री ने पीड़ितों का जाना हाल; 100 से ज्यादा लोग घायल

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 10:26 AM (IST)

    किश्तवाड़ के चिशौटी गांव में बादल फटने के तीसरे दिन भी हालात सामान्य नहीं हैं। सेना और बचाव दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घायलों का हाल जानने और रेस्क्यू अभियान का जायजा लेने के लिए किश्तवाड़ का दौरा किया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की और लापता लोगों को ढूंढने पर जोर दिया।

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    किश्तवाड़ में चिशौटी गांव में बादल फटने से 60 की मौत (जागरण फोटो)

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में चिशौटी गांव में बादल फटने की घटना के तीसरे दिन बाद भी हालात ठीक नहीं है। सेना और बचाव दल की टीमें तीसरे दिन भी तलाशी अभियान में जुटी हैं।

    इसी क्रम में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी घायलों का हाल और रेस्क्यू अभियान जानने के लिए किश्तवाड़् पहुंचे हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के बादल फटने से प्रभावित किश्तवाड़ जिले में बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की और कहा कि प्राथमिकता उन लोगों का पता लगाना है जो अभी भी लापता हैं और जिनके मलबे में दबे होने की आशंका है।

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    सीएम ने प्रभावित इलाकों का किया दौरा

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को किश्तवाड़ जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और इस सप्ताह की शुरुआत में आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन किया। उनका काफिला पडर ब्लॉक के गुलाबगढ़ पहुंचा और राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावित स्थानों में से एक, चिशौती गांव की ओर बढ़ा।

    शुक्रवार को, अब्दुल्ला ने पुष्टि की कि गुरुवार को आई विनाशकारी बाढ़ के बाद किश्तवाड़ जिले के चसोती गांव से लगभग 60 शव बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लापता लोगों की संख्या अभी भी वैरीफाई की जा रही है।

    60 लोगों के शव हुए बरामद

    उमर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि करीब 60 शव बरामद हुए हैं। लापता लोगों की संख्या का आकलन किया जा रहा है। बचाव और राहत अभियान समाप्त होने के बाद, हम यह पता लगाएंगे कि जब मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की थी और लोगों को जरूरत न होने पर बाहर न निकलने की सलाह दी थी, तो क्या प्रशासन कोई एहतियाती कदम उठा सकता था।

    सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन द्वारा बचाव अभियान जारी है। विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।

    रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

    बचाव कार्यों के लिए सभी उपकरण रातोंरात यहां पहुंचा दिए गए और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस जीवित बचे लोगों की तलाश कर रही है।

    बता दें कि 14 अगस्त को दोपहर लगभग 12.25 बजे मचैल माता मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले आखिरी गाँव चिसोती में आई आपदा में कम से कम 60 लोग मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल हो गए। इस आपदा में एक अस्थायी बाजार, तीर्थयात्रियों के लिए एक सामुदायिक रसोई स्थल और एक सुरक्षा चौकी भी तबाह हो गई।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई इनपुट के साथ)