नहीं सुलझी गुत्थी, एक और ने तोड़ा दम; राजौरी के बडाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से हुई 15 मौतों का जिम्मेदार कौन?
राजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमयी मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब तक 12 बच्चों समेत 15 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी जांच म ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जम्मू/राजौरी। सीमावर्ती राजौरी जिला के बडाल गांव में एक के बाद एक हो रही मौतों की गुत्थी उलझती जा रही है। इस बीच, बुधवार को एक और मासूम बच्ची ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
पिछले 45 दिन में 12 बच्चों समेत 15 लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत हो चुकी है और प्रदेश सरकार अभी तक कारणों का पता नहीं लगा पाई है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन?
पुलिस ने भी शुरू कर दी मामले की जांच
इस मामले में अब पुलिस ने किसी आपराधिक षड्यंत्र की आशंका को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। इसको लेकर एसपी ऑपरेशंस के नेतृत्व में 11 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है।
एसआईटी ने बडाल पहुंचकर कुछ लोगों के बयान भी लिए हैं। वहीं, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने कहा कि बडाल में मौतें किसी रहस्यमय बीमारी या वायरस के कारण नहीं हुई है, चूंकि प्रदेश के स्वास्थ्य विशेषज्ञों और दूसरे राज्यों में स्थित विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के चिकित्सा और फारेंसिक विशेषज्ञों ने अपनी जांच में किसी बीमारी का कोई उल्लेख नहीं किया है।
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उन्होंने कहा, ये मौतें चिंता का विषय हैं और पुलिस व जिला प्रशासन इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए तेजी से जांच करेगा। इस बीच, स्थानीय लोगों में लगातार डर और रोष बढ़ रहा है और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। बडाल गांव में सात से 16 दिसंबर 2024 के बीच दो परिवारों के नौ सदस्यों की मौत हो गई थी। इसके बाद 11 जनवरी को स्थानीय निवासी मोहम्मद असलम के छह बच्चे बीमार हुए, जिनमें चार की मौत हो चुकी है।
मृतकों में पाया गया न्यूरोटॉक्सिन
इस परिवार के एक और रिश्तेदार की भी इन्हीं परिस्थितियों में मौत हुई। ये सभी किसी सामूहिक कार्यक्रम में भोजन के बाद बीमार हुए थे। इस बीच, बुधवार को जम्मू में एसएमजीएस अस्पताल में उपचाराधीन मोहम्मद असलम की 10 वर्षीय बच्ची जबीना कौसर ने भी दम तोड़ दिया।
मोहम्मद असलम की एक बच्ची का उपचार चल रहा है और उसकी भी हालत गंभीर बताई जा रही है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने अपनी जांच में इन मौतों के लिए किसी बीमारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है, लेकिन यह जरूर कहा है कि कुछ मृतकों में न्यूरोटॉक्सिन पाया गया है।
इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लु ने मंगलवार को पुलिस, जिला प्रशासन राजौरी और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने पुलिस को मामले को शीघ्र हल करने को सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा था।
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एसआईटी ने गांव में जाकर लिए बयान
सूत्रों के अनुसार, जांच में सामने आया है कि ये मौतें जहर के कारण हुई हैं। यह जहर कहां से आया, किसने दिया और क्यों दिया, इसकी जांच के लिए ही एसआईटी का गठन किया गया है। एसएसपी राजौरी की ओर से गठित 11 सदस्यीय एसआईटी की कमान एसपी (ऑपरेशंस) वजाहत हुसैन को सौंपी गई है।
इसके अन्य सदस्यों में राजौरी के कंडी के डीएसपी विक्रम, थाना प्रभारी कंडी, महिला पुलिस थाना राजौरी की प्रभारी और फोरेंसिक मेडिसिन व टाक्सिकोलाजी, माइक्रोबायोलाजी, बाल रोग और पैथोलाजी विभागों के अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं। इस बीच एसआईटी ने बडाल गांव जाकर लोगों के बयान लेकर जांच शुरू कर दी है।
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चेन्नई से भी विशेषज्ञों की टीम गांव में पहुंची
बुधवार को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और चेन्नई के दो प्रसिद्ध विशेषज्ञों की एक टीम राजौरी पहुंची। टीम ने स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक की। टीम गुरुवार को बडाल का दौरा कर जांच व नमूने लेगी। वहीं, डॉक्टरों और स्थानीय चिकित्सा विशेषज्ञों की टीमें पहले से गांव में डेरा डाले हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री इट्टू ने बताया कि बडाल में हुई मौतों के बाद 3,500 ग्रामीणों के घर-घर जाकर जांच की गई। विभाग को देश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों की सहायता भी लेनी पड़ी हैं। बता दें कि अभी तक पुणे, दिल्ली, ग्वालियर और पीजीआइ-चंडीगढ़ की स्वास्थ्य टीमें भी परीक्षण कर चुकी हैं। सभी की रिपोर्ट नकारात्मक आई है।

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