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    हत्या, साजिश या कुछ और...राजौरी में रहस्यमयी मौतों का राज खोज रही केंद्रीय टीमें, 17 हुई मृतकों की संख्या

    Mysterious deaths in Badal village Rajouri राजौरी के बडाल गांव में डेढ़ महीने में 17 लोगों की मौत हो गई है। मौतों का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। केंद्रीय गृह विभाग की टीमें जांच कर रही हैं। जहर दिए जाने की आशंका जताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की संभावना से इनकार किया है। गांव में दहशत का माहौल है।

    By Anil Gakkhar Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 20 Jan 2025 09:06 AM (IST)
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    बडाल गांव में गश्त करते सेना के जवान। (फोटो- ANI)

    रोहित जंडियाल, जम्मू। राजौरी के बडाल गांव में डेढ़ माह में हुई 17 मौतों की जांच अब केंद्रीय गृह विभाग की गठित टीमें कर रही हैं। जल्द कुछ सुराग लगने की उम्मीद है। इस बीच इन मौतों का कारण आपसी रंजिश या गहरी साजिश से भी इन्कार नहीं किया जा रहा। पर सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि इन पीड़ितों के शरीर में जहर पहुंचा कैसे? पुलिस की एसआईटी से लेकर अन्य एजेंसियां भी इसकी जांच कर रही हैं।

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    रविवार को एक और बच्ची ने तोड़ा दम

    इस बीच रविवार को जम्मू में भर्ती एक ओर बच्ची ने दम तोड़ दिया। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय की अंतर मंत्रालीय विशेषज्ञों की टीम पहले जम्मू और फिर राजौरी पहुंचीं। संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर रही हैं।

    उपराज्यपाल ने उम्मीद जताई है कि जल्द स्थिति स्पष्ट हो जाएगाी। अभी तक हुई जांच से स्पष्ट था कि बडाल गांव में किसी वायरस और बैक्टीरिया का प्रकोप नहीं था।

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजौरी डॉक्टर मनोहर लाल राणा।

    शरीर में नहीं मिले हैं संक्रमण के लक्षण

    स्वास्थ्य विभाग और देशभर से जुटे विशेषज्ञों की टीमें पहले ही साफ कर चुकी हैं कि इनके शरीर में किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण नहीं मिले हैं। इन लोगों की मौत ऐसे जहर से हुई जो सीधे मस्तिष्क पर प्रभाव मिलता है।

    स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि कुछ लोगों के दिमाग में सूजन मिली है। यह माना जा रहा है कि इस जहर ने ही इनके मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव डाला और इस वजह से यह लोग बेसुध हो गए ओर फिर होश में नहीं आ पाए।

    बडाल गांव में घर घर जाकर लोगों की जांच करते स्वास्थ्य कर्मी

    इस मामले पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं लोग

    प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जांच आरंभ होने से पूर्व ही जिस तरह संक्रमण का हौव्वा खड़ा किया वह भी सवाल पैदा करता है। इसके अलावा पीड़ित का एक ही कुनबे से होना भी रंजिश या संपत्ति की लड़ाई की ओर इशारा कर रहा है। उधर गांव ही आसपास के क्षेत्र भी खौफ में हैं और ज्यादातर लोग खुलकर इस मामले पर बोल नहीं रहे हैं।

    हमने बडाल गांव में 70 से अधिक टीमों को तैनात कर लोगों की जांच करवाई। देश भर से विशेषज्ञों की टीमें भी आई हुई हैं। अभी भी जांच चल रही है। क्षेत्र में विशेषज्ञों का तैनात किया गया है ताकि यह पता चल सके कि मौतों का सही कारण क्या है। पुलिस भी अब जांच कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने कोई कसर शेष नहीं रखी है।

    डॉ. मनोहर राणा, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, राजौरी

    यहां हुई चूक

    पहली घटना के बाद ही सरकार ने जम्मू मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण संस्थान, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टाक्सिकोलऑजी एंड रिसर्च लखनऊ, पीजीआई चंडीगढ़ के माइक्रोबायोलऑजी विभाग के अलावा आईसीएमआर-वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब से जांच करवाई। किसी तरह के बैक्टीरिया या वायरस की पुष्टि नहीं हुई।

    कई नमूनों में विषाक्त तत्वों की मौजूदगी की जानकारी मिली मगर तब भी ठोस कदम नहीं उठाया। रिपोर्ट में संकेत था कि इन मौतों का कारण हत्या हो सकता है। अगर समय रहते पुलिस जांच होती तो शायद 12 जनवरी को घटना को टाला जा सकता था। यही नहीं जम्मू एम्स में जहर सूचना केंद्र है। इसकी सेवाएं ली जा सकती थीं।

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    इसलिए लगती बड़ी साजिश

    बडाल गांव में मौतों का सिलसिला सात दिसंबर को शुरू हुआ। एक सामुदायिक भोज में बड़ी संख्या में लोगों ने खाना खाया। बीमार फजल हुसैन के परिवार के सात सदस्य गए। उनमें से पांच की मौत हो गई। 12 दिसंबर को फजल के ही रिश्तेदार मोहम्मद रफीक के परिवार के नौ लोग बीमार पड़े और उनमें से चार की मौत हो गई।

    अब 12 जनवरी मोहम्मद असलम के परिवार के दस लोग बीमार हुए। अभी तक आठ की मौत हो चुकी है। असलम व फजल आपस में जीजा-साला हैं। इसके अलावा असलम अपने मामा-मामी के घर रहता था। वह भी मारे जा चुके हैं।

    स्पष्ट है कि एक ही परिवार और उसके रिश्तेदारों को जान गंवानी पड़ी। पुलिस साजिश के एंगल से भी पड़ताल कर रही है। खास है कि नेताओं और अन्य लोगों ने अभी तक आपराधिक दृष्टि से जांच करवाने की मांग नहीं की।

    बावली के पानी में कीटनाशक

    प्रशासन ने बडाल गांव में एक बावली (जलस्रोत) को सील करने का आदेश दिया। पानी में कुछ कीटनाशक मिले होने की पुष्टि हुई है। बावली पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दी गई है। ताकि कोई इसके पानी का इस्तेमाल कोई न करे। 

    अब केंद्र ने भेजी है टीमें

    गृह मंत्रालय के अधिकारियों के नेतृत्व में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, रसायन और उर्वरक मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय के विशेषज्ञों की टीम राजौरी में पहुंच चुकी है।

    यह टीम सोमवार को बडाल का दौरा कर देखेगी कि क्या जहर किसी ने दिया या फिर किसी रसायन में था। पानी के सैंपल भी उठाने की उम्मीद है।

    प्रापर्टी या विवाह पर कई बार हुई हैं हत्याएं

    इस क्षेत्र में भूमि विवाद के कारण पहले भी हत्याएं हुई हैं पर मौजूदा समय में ह मामला रहस्यमय बना है। पीडि़त असलम के भाई का कहना है कि कुछ नहीं कहा सकता है कि मौतों का क्या कारण हैं। जहर होने की खबर से वह भी स्तब्ध हैं। फजल के परिवार में डेढ़ माह पूर्व हुए विवाह को लेकर कुछ विवाद था।

    इन बिंदुओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस जांच कर रही है कि कहीं यह प्रापर्टी का विवाद तो नहीं है। फजल व असलम के पास 60 कनाल से अधिक जमीन है। असलम के पास तीनों परिवारों में अधिक प्रापर्टी है। ऐसे में संपत्ति या रंजिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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