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    राजौरी के बडाल में रहस्यमयी बीमारी से कई लोगों की मौत, विधानसभा में गूंजा मुद्दा, सीबीआई जांच की मांग

    Updated: Thu, 20 Mar 2025 09:04 AM (IST)

    जम्मू के रोजौरी के बडाल गांव में अज्ञात बीमारी से 17 ग्रामीणों की मौत के मामले ने विधानसभा में उठाया गया। विपक्षी दलों ने इस मामले की CBI जांच की मांग की है। सरकार ने कहा है कि अभी गृह विभाग इस मामले की जांच कर रहा है। नैदानिक रिपोर्ट और प्रयोगशाला जांच में मृतकों के विसरा नमूनों में कीटनाशकों और जहरीले पदार्थों की मौजूदगी का भी पता चला है।

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    जम्मू की स्वास्थ्य मंत्री औरनेशनल कांफ्रेंस की नेता सकीन इट्टू

    राज्य ब्यूरो,जम्मू। राजौरी जिले के बडाल गांव में अज्ञात बीमारी से 17 ग्रामीणों की मौत का मामला बुधवार को विधानसभा में गूंजा। सत्ताधारी नेकां के अलावा पीडीपी और माकपा के विधायकों ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की।

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    इससे सरकार ने परोक्ष रूप से पीछे हटते हुए कहा कि अभी गृह विभाग इस मामले की जांच कर रहा है। नैदानिक रिपोर्ट और प्रयोगशाला जांच में मृतकों के विसरा नमूनों में कीटनाशकों और जहरीले पदार्थों की मौजूदगी का पता चला है।

    अब तक 13 बच्चों सहित 17 लोगों की हुई मौत

    सात दिसंबर 2024 से 19 जनवरी 2025 के बीच बडाल गांव में 13 बच्चों समेत 17 लोगों की मौत हो गई, जिससे स्थानीय लोगों में भय फैल गया। प्रशासन ने प्रभावित गांव के अन्य ग्रामीणों को कुछ दिन तक गांव से हटाकर अन्यत्र भी रखा। उन्हें क्वारंटाइन भी किया गया। प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को भी जांच के लिए कहा। अभी तक इन मौतों का रहस्य बरकरार है।

    विधानसभा में बुद्धल के विधायक जावेद इकबाल चौधरी ने इस मामले पर तारांकित प्रश्न किया था। अपने मूल प्रश्न पर सरकार के जवाब पर असहमति जताते हुए चौधरी ने कहा कि सच सामने लाने के लिए इस मामले की सीबीआई जांच हो।

    सुरनकोट के विधायक चौधरी ने भी उनका समर्थन किया और बडाल के साथ कठुआ व कुलगाम में भी संदिग्ध परिस्थितियों में लोगों की मौत के मामलों की एक साथ निष्पक्ष और पारदर्शी सीबीआई जांच की। माकपा विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि इन मौतों के मूल कारण तक पहुंचना जरूरी है। जो अज्ञात है, उसे बेनकाब करना जरूरी है। इसलिए एक विश्वसनीय संस्था से जांच जरूरी है। जम्मू-कश्मीर में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।

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    गृह विभाग कर रहा है जांच, पुलिस ने बनाई एसआईटी

    घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर प्रयास जारी स्वास्थ्य मंत्री सकीना इट्टू ने कहा कि इस मामले की गृह विभाग द्वारा जांच जारी है, पुलिस ने एसआइटी भी बनाई है। उन्होंने कहा कि क्लीनिकल रिपोर्ट, प्रयोगशाला जांच और पर्यावरण नमूनों से पता चला है कि ये घटनाएं जीवाणु या विषाणु मूल की संक्रामक बीमारियों के कारण नहीं हुई हैं, बल्कि खाद्य और पर्यावरण नमूनों में एल्युमिनियम, कैडमियम और विशिष्ट रासायनिक यौगिकों के निशान पाए गए हैं।

    चंडीगढ़ में सीएफएसएल द्वारा किए गए फोरेंसिक विश्लेषण में सभी 17 मृतकों के विसरा नमूनों में क्लोरफेनेपायर नामक कीटनाशक पाया गया। यह कीटनाशक मृतकों के शरीर में कैसे पहुंचा, इसका पता लगाया जा रहा है, फोरेंसिक और विष विज्ञान संबंधी विश्लेषण जारी हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग जहर के स्रोत का पता लगाने और भविष्य मे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

    मृतकों के परिवारों को सहायता 

    स्वास्थ्य मंत्री सकीना इट्टू ने कहा कि मौतों का पता लगाने के लिए पहले से ही जांच चल रही है। इन मौतों का सिलसिला सात दिसंबर, 2024 को तब शुरू हुआ, बडाल में पहली बार ग्रामीणों की रहस्यमय हालात मौत हो गई। शुरुआती जांच में संदेह खाद्य विषाक्तता का हुआ। राजौरी के डिप्टी कमिश्नर ने मृतकों के परिवारों को रेड क्रॉस फंड से वित्तीय सहायता प्रदान की है।

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