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    मक्की की फसल ने तोड़ी जम्मू कंडी किसानों की कमर, पांच हजार हैक्टेयर से अधिक भूमि में हुआ नुकसान

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 03:47 PM (IST)

    जम्मू संभाग में लगातार बारिश से मक्की की फसल को भारी नुकसान हुआ है। अगेती फसल पहले ही गिर गई थी जबकि पिछेती फसल भी प्रभावित हुई है। कंडी खेतों में पानी जमा न होने के बावजूद अत्यधिक वर्षा के कारण फसलें बर्बाद हो गईं। तेज हवाओं ने भी फसलों को ढहा दिया जिससे किसानों की उम्मीदें टूट गईं।

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    किसानों को सरकारी सहायता की आवश्यकता है ताकि वे नुकसान से उबर सकें।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू संभाग में लगातार हुई वर्षा ने मक्की की फसल की कमर ही तोड़ दी है। अगेती लगी फसल तो पहले ही गिरकर टूट गई। जबकि पिछेती लगाई गई फसल भी काफी हद तक प्रभावित हुई है।

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    किसानों का कहना है कि कंडी खेतों में पानी वैसे तो ठहरता नहीं है लेकिन फिर भी वर्षा बहुत ज्यादा हुई कि फसलें बर्बाद हो गई। वर्षा के बाद चली हवा के कारण वर्षा से तो असर पड़ा ही है, मगर तेज हवा से मक्की की फसलें ढह ही गई।

    जम्मू के कंडी क्षेत्रों में 18740 हैक्टेयर भूमि में मक्की की फसलें होती हैं मगर इसमें से 5000 हैक्टेयर भूमि पर लगी फसल इस बार वर्षा से प्रभावित हो गई है। थलोडी, बगूना, डगोर, बीरपुर, मंसल, मंडल, वाड़ी खड्ड,डंसाल क्षेत्रों में अच्छा खासा नुकसान हुआ है।

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    किसानों का कहना है कि मक्की के अलावा बाजरा और दालें भी बर्बाद हुई है। 1000 हजार हैक्टेयर में लगी दालें वर्षा की चपेट मे आने से किसानों काे नुकसान हुआ। चारागाह में लगा चारा बाढ़ आने से बर्बाद हो गया।

    बीरपुर के किसान गौतम सिंह ने बताया कि वर्षा तो पहले भी आती थी, मगर इसका कंडी क्षेत्रों पर इतना असर नहीं रहता। क्योंकि खेतों में बनी ढलान से पानी पसर जाता है।

    लेकिन इस बार तो सारे नाले ही उफान पर रहे और पानी खेतों में घुसा। मिट्टी गलने के बाद तेज चली हवा ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

    थलोरी गांव के किसान ओम प्रकाश ने बताया कि पहले वर्षा नहीं होने के कारण कंडी क्षेत्र के किसानों को नुकसान होता था। अब वर्षा होने से तबाही हुई है। मक्की और बाजरा कंडी क्षेत्रों की मुख्य फसल है लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में फसल ढह ही गई।

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    वहीं कंडी क्षेत्र किसानों का कहना है कि वर्षा और बाढ़ ने कंडी के किसानों की कमर तोड़ दी है। इसलिए किसानों को सरकारी सहायता की जरूरत है। तहरीक-ए-किसान जम्मू-कश्मीर के प्रधान किशोर कुमार ने बताया कि कंडी क्षेत्र के किसान पहले भी मौसम की मार खासकर सूखे की मार सहन करते रहे हैं।

    अबकी वर्षा इन किसानों को घाटा लगा गई। अब सरकार का काम बनता है कि किसानों को कोई राहत दे। कंड़ी क्षेत्र की खेती को विशेष राहत दी जानी चाहिए और इसके लिए अलग से कोई पैकेज दिया जाना चाहिए।

    वहीं जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैक से ऋण लिया था, उनका कर्जा माफ किया जाना चाहिए या कम किया जाना चाहिए।

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