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    जम्मू संभाग में आज खुले बंद स्कूलों के ताले, लेकिन बच्चों को स्कूल आने के लिए अभी करना होगा कुछ ओर दिन इंतजार

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 03:30 PM (IST)

    जम्मू संभाग में दो सप्ताह बाद स्कूल खुल गए हैं लेकिन अभी कक्षाएं शुरू नहीं होंगी। भारी बारिश भूस्खलन से इमारतों को नुकसान हुआ है जिसके कारण बच्चों को इंतजार करना होगा। सोमवार को स्कूलों में शिक्षकों की हाजरी हुई और निरीक्षण टीमों ने स्थिति का जायजा लिया। टीमों ने इमारतों की स्थिति का आकलन किया कुछ स्कूलों को खतरनाक बताया। शिक्षा निदेशालय बुधवार से कक्षाएं लगाने पर निर्णय लेगा।

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    निजी स्कूलों ने भी सेफ्टी ऑडिट करवाया है।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू संभाग में करीब दो सप्ताह से बंद पड़े सभी स्कूल करीब दो सप्ताह बाद सोमवार को खुल गए। लेकिन स्कूलों में अभी बच्चों की कक्षाएं शुरू नहीं की गई हैं। भारी बारिश व भूस्खलन से स्कूलों की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है, जिसकी वजह से बच्चों को स्कूल में आने के लिए कुछ और दिन इंतजार करना पड़ेगा।

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    सोमवार को स्कूलों में सिर्फ शिक्षकों की ही हाजरी हुई जबकि दिनभर स्कूलों में विभिन्न निरीक्षण टीमें वहां स्थिति का मुआयना करने के लिए पहुंची। इन टीमों में मुख्य शिक्षा अधिकारी, जोनल शिक्षा अधिकारी और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर भी शामिल थे।

    इन टीमों ने स्कूलों की इमारतों की स्थिति का बारिकी से आकलन किया और कई स्कूलों को अभी बच्चों के लिए खोलना खतरनाक बताया। हालांकि यह टीमें मंगलवार शाम तक अपनी रिपोर्ट शिक्षा निदेशक को सौपेंगी, जिसके बाद शिक्षा निदेशालय जम्मू बुधवार से कक्षाएं लगाने पर निर्णय लेंगा।

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    वहीं निजी स्कूलों ने भी अपने तौर विशेषज्ञों द्वारा इमारतों का सेफ्टी ऑडिट करवाया। हालांकि यह स्कूल भी शिक्षा निदेशालय के आदेश के बाद ही कक्षाएं सुचारू करेंगे।

    भारी बारिश, बाढ़ व भूस्खलन से ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी कई स्कूलों की इमारतों को खासा नुकसान पहुंचा है। शहर के पीरखोह इलाके में स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल का एक हिस्सा ढह चुका है जबकि बाकी बचे कमरों में बाढ़ का मलवा जमा हुआ है।

    इतना ही नहीं स्कूल की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें भी आ गई हैं। वहीं प्राइमरी स्कूल बरनई में बने चारों कमरे गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं। बारिश थमने के बाद भी कमरे की छत से पानी टपक रहा है। स्कूल का मैदान भी तालाब बन चुका है। इनके अलावा अखनूर, ज्यौड़ियां व खौड़ इलाके में भी कुछ ऐसे स्कूल हैं, जहां अब पहुंचना भी संभव नहीं है।

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    बारिश के कारण इन इलाकों में खड्ढों व नालों के बीच बनी सड़कें बह चुकी हैं। आपको बता दें कि जम्मू संभाग में बारिश बारिश व भूस्खलन के चलते अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जनजीवन अभी तक सामान्य नहीं हुआ है। जम्मू शहर में ही कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां अभी भी बाढ़ के पानी के कारण लोगों के घरों में कीचड़ फैला हुआ है। इसी तरह कई इलाकों में ऐसे स्कूल भी हैं, जो कीचड़ से भरे हुए है।

    उधर ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्कूल परिसरों के भीतर पानी भर हुआ है। बारिश के कारण कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। शिक्षा निदेशक जम्मू डा. नसीम जावेद चौधरी ने बताया कि सेफ्टी ऑडिट टीमों ने स्कूल की इमारतों का निरीक्षण शुरू कर दिया है। सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारी व स्कूल प्रभारी स्कूलों का सुरक्षा आडिट कर रहे हैं। इस सुरक्षा आडिट की रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चों को स्कूलों में बुलाने पर निर्णय लिया जाएगा।

    अगर किसी स्कूल की इमारत को नुकसान पहुंचा होगा तो उस स्कूल की कक्षाएं नजदीकी सामुदायिक भवन, पंचायत घर आदि में लगाने पर भी विचार किया जा सकता है। इस संदर्भ में स्कूल प्रभारी स्कूल कमेटियों के साथ मिलकर बंदोबस्त करेंगे।

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