Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि को लेकर जोर-शोर से हो रही हैं तैयारियां, धूमधाम से निकलेगी शिव जी की बारात
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर जम्मू के शिव मंदिर सज-धज कर तैयार हैं। शिवभक्त उत्साहित हैं और शिव बारात की तैयारियां जोरों पर हैं। 25 फरवरी को रणवीरेश्वर मंदिर से निकलने वाली भव्य शोभायात्रा में भगवान शिव के बराती बनकर चलने वाले युवाओं में खासा उत्साह है। इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान की शादी हुई थी और शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी।
जागरण संवाददाता,जम्मू। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शहर के सभी शिव मंदिरों को सजाने संवारने का काम जोरों पर चल रहा है। शिवभक्त महाशिवरात्रि पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर उत्साहित हैं।
शिव बारात शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर मंगलवार को निकाली जाएगी जिसमें भगवान शिव-पार्वती के जीवन पर आधारित कई झांकियां निकाली जाएंगी।
एक ओर जहां भगवान शिव की बरात को मुख्य बाजारों से निकालने की तैयारियां चल रही हैं। वहीं इसे आकर्षक बनाने के लिए धार्मिक व सामाजिक संगठन भी जुट गए हैं।
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रणवीरेश्वर मंदिर से 25 फरवरी को निकलने वाली भव्य शोभायात्रा की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। खासकर भगवान शिव के बराती बनकर चलने वाले युवाओं में खासा उत्साह बना हुआ है। इस शोभायात्रा का आयोजन रणबीरेश्वर मंदिर वेलफेयर कमेटी की ओर से किया जाएगा।
मंदिरों, चौराहों और बाजारों को विशेष रूप से सजाया गया
कमेटी के प्रधान ओमकार शर्मा नंदी ने बताया कि शोभायात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस अवसर पर मंदिरों, चौराहों व बाजारों को विशेष तौर पर सजाया जा रहा है। 25 फरवरी को भगवान शिव व माता पार्वती की बरात रणबीरेश्वर मंदिर से शुरू होगी और इंदिरा चौक, श्री रघुनाथ जी मंदिर, सिटी चौक, पुरानी मंडी, लिंक रोड़, जैन बाजार, चौक चबूतरा से होती हुई रणबीरेश्वर मंदिर में संपन्न होगी।
फाल्गुन माह की शिवरात्रि के दिन हुई थी शिव-पार्वती की शादी
महंत रोहित शास्त्री ने कहा कि शिव की अराधना इच्छा-शक्ति को मजबूत करती है और अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है। शिवभक्तों का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है। इस त्योहार का भक्तगण पूरे साल इंतजार करते हैं और महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही शिव मंदिरों में जुटने लगते हैं।
इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी बुधवार को मनाया जाएगा। शास्त्र के दृष्टिकोण से शिवरात्रि पर्व चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं। इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। सबसे महत्वपूर्ण फाल्गुन कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि होती है।
फाल्गुन माह की शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था और इसी दिन ही भगवान शिव की लिंग रूप में उत्पत्ति हुई थी। ज्योतिष शास्त्रों में इस तिथि को अत्यंत शुभ बताया गया है।
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी सुबह 11.09 बजे से शुरू होकर 27 फरवरी सुबह 8.55 बजे संपन्न होगी।
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