पूर्वी लद्दाख में सेना और आईटीबीपी का संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास, दुश्मन के ड्रोन हमलों को नाकाम बनाने की हो रही तैयारी
लद्दाख में सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) आधुनिक युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर तैयारी कर रही हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर संयुक्त अभ्यास किए जा रहे हैं जिसमें आधुनिक निगरानी तकनीक सटीक हमले और ड्रोन संचालन शामिल हैं। सेना और आईटीबीपी के जवान बेहतर समन्वय से दुश्मन पर त्वरित प्रहार करने का अभ्यास कर रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। लद्दाख में आधुनिक युद्ध चुनौतियों का सामना करने के लिए सेना व इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस मिलकर तैयारी कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यासों से आपरेशनल तैयारियों को धार दी जा रही है।
आधुनिक युद्ध कौशल में दक्षता के लिए लगातार कार्रवाई के चलते लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण पर सेना व आईटीबीपी ने मिलकर आधुनिक निगरानी तकनीकों, सटीक प्रहार करने की तैयारी की है।
लेह के अग्रिम इलाके में इस प्रशिक्षण में अत्याधुनिक सर्विलांस ड्रोन के संचालन, रियल टाइम इंटेलिजेंस, लक्ष्य की पहचान व सटीक वार से उसे नष्ट करने जैसी जटिल प्रक्रियाओं को अभ्यास किया गया है। अत्याधुनिक तकनीक से युक्त ये ड्रोन आज के युद्धक्षेत्र में जासूसी, निगरानी के साथ दुश्मन के लक्ष्य पर सटीक प्रहार में भी निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।
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सीखे जा रहे आधुनिक युद्ध कौशल
इस संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास में सेना की इन्फैंट्री आर्टिलरी के जवानों के साथ इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस पुलिस के जवानों ने एक साथ अभ्यास किया कि किस तरह से आधुनिक युद्ध कौशल में बेहतर समन्वय से दुश्मन पर त्वरित प्रहार किया जाता है। सैन्य सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख में चीन से सटे इलाकों में इस तरह के संयुक्त अभ्यास आने वाले समय में भी किए जाएंगे।
सीमा पार की चुनौतियों के लिए तैयार हो रही सेना
पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र सेनाओं व सुरक्षा बलों ने बेहतर समन्वय से दुश्मन के ड्रोन हमलों को नाकाम बनाया था। इसके बाद से देश में भारतीय सेना में बटालिन स्तर तक ड्रोन संचालन संबंधी गतिविधियां जोर पकड़ गई है।
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सेना की यूनिटों को सर्वेलांस ड्रोन के साथ दुश्मन पर हवा से वार करने में सक्षम ड्रोन शामिल किए जा रहे हैं। इसके साथ एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं। आधुनिक युद्ध के लिए तैयार हो रही सेना जम्मू में अंतराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल व वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आईटीबीपी के साथ मिलकर सीमा पार की चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूत हो रही है।
आईटीबीपी की भूमिका भी अहम
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा में आईटीबीपी भी अहम भूमिका निभा रही है। अग्रिम इलाकों में तैनात अाइटीबीपी के जवान दुश्मन के क्षेत्र में गतिविधियाें पर नजर रखते हैं। इसके लिए सर्वेलांस ड्रोन व अन्य आधुनिक तकनीकें भी इस्तेमाल हो रही हैं। लद्दाख की उंचाईयों में सर्तकता के स्तर को बनाए रखने के लिए आईटीबीपी के जवान खुद को फिट रखते हैं।
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13000 फुट की ऊंचाई पर फिटनेस गतिविधियाें का आयोजन
गत वीरवार को पूर्वी लद्दाख में 13,000 फुट की उंचाई पर आईटीबीपी की 5वीं बटालियन ने चांगचेनमो अग्रिम चौकी पर विशेष फिटनेस गतिविधियों का आयोजन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य जवानों की शारीरिक सहनशीलता, मनोबल, टीम भावना व उंचाई वाले क्षेत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना था। लद्दाख में 13,000 फुट की ऊंचाई पर आक्सीजन की कमी, तापमान में उतार-चढ़ाव, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों एक चुनौती हैं। ऐसे में फिटनेस गतिविधियाा जवानों को मानसिक व शारीरिक रूप से ऊर्जावान बनाए रखती हैं।
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