Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: वितस्ता दिवस पर कश्मीरी पंडितों ने की घाटी वापसी की कामना

कश्मीरी पंडितों ने वितस्ता दिवस पर शुक्रवार को मां वितस्ता से शीघ्र कश्मीरी पंडितों घर वापसी की कामना की ताकि वे फिर से कश्मीर में झेलम (वितस्ता) नदी के किनारे मां वितस्ता की पूजा-अर्चना कर सकें। झेलम नदी के प्राकट्योत्सव को वितस्ता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

By Edited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 07:35 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 10:07 AM (IST)
डाटर्स आफ पनुन कश्मीर की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई।

जम्मू. जागरण संवाददाता : कश्मीरी पंडितों ने वितस्ता दिवस पर शुक्रवार को मां वितस्ता से शीघ्र कश्मीरी पंडितों घर वापसी की कामना की, ताकि वे फिर से कश्मीर में झेलम (वितस्ता) नदी के किनारे मां वितस्ता की पूजा-अर्चना कर सकें। झेलम नदी के प्राकट्योत्सव को वितस्ता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। डाटर्स आफ पनुन कश्मीर की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई।

loksabha election banner

उन्होंने रणवीर नहर के अलग-अलग घाटों पर माता वितस्ता की पूजा की। उन्होंने बताया कि जब उनका परिवार कश्मीर में रहता था तो कश्मीरी पंडित महिलाएं झेलम नदी के किनारे पूजा का थाल सजाकर देवी मां की पूजा करती थीं। विस्थापन के बाद वे झेलम से दूर हो गए। ऐसे में अखनूर से गुजरने वाली चिनाब नदी से निकली रणवीर नहर के घाटों पर वे पूजा करती हैं। उनका कहना था कि वे चिनाब नदी को झेलम की बड़ी बहन मानते हैं। इसलिए इससे निकली नहर पर ही कश्मीरी पंडितों ने वितस्ता दिवस मनाया। महिलाओं ने वहां दीप जलाकर उन्हें नहर में प्रवाहित किया। पनुन कश्मीर के प्रधान वीरेंद्र रैना ने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों के हक में बहुत कुछ सोच रही है। हमें उम्मीद है कि घाटी वापसी के लिए केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों से बातचीत करेगी और कोई रास्ता निकालेगी। कश्मीरी पंडित घाटी में जाकर अपनी संस्कृति से जुड़ना चाहते हैं।

उम्मीद है कि कश्मीरी पंडित एक दिन जरूर घाटी जाएंगे और माता वितस्ता की पूजा झेलम किनारे करेंगे। कश्मीरी पंडितों के अन्य संगठनों ने भी यह दिवस श्रद्धा के साथ मनाया और माता की पूजा अर्चना की। कश्मीरी पंडितों को अगस्त माह की राहत राशि जल्द जारी करे सरकार जागरण संवाददाता, जम्मू : विस्थापित कश्मीरी पंडितों को अगस्त माह की राहत नहीं मिलने पर कश्मीरी पंडित सभा ने सरकार की कड़ी आलोचना की है। सभा के सदस्यों ने कहा है कि मोदी सरकार जल्द बकाया राहत राशि जारी करे। ऐसा नहीं होने पर आदोलन शुरू किया जाएगा। कश्मीरी पंडित सभा की तरफ से कहा गया है कि सामान्य तौर पर राहत राशि विस्थापितों के खाते में पाच सितंबर तक आ जानी चाहिए थी, लेकिन अब तक नहीं आई। ऐसे में कश्मीरी पंडित परेशान हैं और उनका गुजारा होना मुश्किल है।

कश्मीरी पंडित सभा ने इस संबंध में उपराज्यपाल को भी ईमेल किया, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया। वहीं, जगटी टेनामेंट कमेटी के प्रधान शादीलाल पंडिता ने कहा कि रिलीफ कमिश्नर कार्यालय व ठेकेदार में पनपे विवाद पर कोर्ट ने जरूरी निर्देश दिए थे। ऐसे में ट्रेजरी से पैसा निकलना बंद हुआ और विस्थापित कश्मीरी पंडितों की अदायगी रुक गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें सरकार की साजिश लगती है। ऐसा लगता है कि जो काम सरकार नहीं कर सकती, उसे करवाया गया है। इसे विस्थापित कश्मीरी पंडित सहन नहीं करेगा। उधर, अपनी पार्टी ने भी कश्मीरी पंडितों की माग का किया समर्थन करते हुए उन्हें जल्द राहत राशि जारी करने की माग की है। पार्टी के महासचिव एवं पूर्व एमएलसी विजय बकाया ने कहा है कि राहत राशि ही कश्मीरी पंडितों का सहारा है, इसलिए इसे कभी नहीं रोकना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.