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    Kashmiri Hindu: 34 साल बाद भी घाटी में वापसी न होने से कश्मीरी हिंदू नाराज, अलग से होमलैंड की तेज हुई मांग

    Updated: Tue, 18 Feb 2025 01:38 PM (IST)

    Kashmiri Pandit कश्मीरी हिंदुओं का जम्मू-कश्मीर से विस्थापन के 34 साल बाद भी उनकी घाटी में वापसी नहीं हो पाई है। कश्मीरी हिंदुओं की मांग है कि सरकार उनकी घर वापसी करवाए। कश्मीरी हिंदू संगठनों का कहना है कि वह अपनी मिट्टी से जुड़ना चाहते हैं। इसके लिए सरकार को कोई नीति बनानी चाहिए और कश्मीरी हिंदुओं से बात करनी चाहिए।

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    तीन दशक बाद भी घाटी में वापसी न होने से कश्मीरी हिंदू खफा (File Photo)

    जागरण संवाददाता, जम्मू। कश्मीर से विस्थापन के 34 वर्ष गुजरने के बाद भी कश्मीरी हिंदुओं की घाटी वापसी नहीं होने से कश्मीरी हिंदू खफा हैं। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी घर वापसी करवाए। उनका कहना है कि अब तो जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है और यहां अनुच्छेद 370 की बाधा भी नहीं है। कश्मीर में पत्थरबाजी भी रुक गई है और पहले जैसी हिंसा भी नहीं है। ऐसे में कश्मीरी हिंदू चाहते हैं कि सरकार घाटी में उनका किसी सुरक्षित जगह पुनर्वास करवाए।

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    कश्मीरी हिंदुओं के लिए कोई नीति बनाए सरकार

    इनका कहना है कि जब भी चुनाव होते हैं, तो विभिन्न पार्टियां उनका वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती हैं। अब तक सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए। इसको लेकर कश्मीरी हिंदू संगठनों में भी हलचल है। इन संगठनों का कहना है कि सरकार कश्मीरी हिंदुओं के लिए कोई नीति तो बनाए। कश्मीरी हिंदू घाटी में अपनी मिट्टी से जुड़ना चाहते हैं । घाटी में बसना चाहते हैं और इसके लिए सरकार को कश्मीरी हिंदुओं से बातचीत करनी चाहिए।

    पिछले 34 वर्ष से हम तंग हैं, क्योंकि हम अपने घर-संपत्ति सब कश्मीर में छोड़कर आए हैं। अब हम कश्मीर में अपने गांवों में नहीं जा सकते और न ही अकेले-अकेले रह सकते हैं। इन हालात में कश्मीरी हिंदू चाहता है कि घाटी में उनको कहीं एक साथ बसाया जाए। इसके लिए कश्मीरी हिंदुओं के लिए अलग से कॉलोनियां बनाए जाने की जरूरत है। मगर सरकार हमारी बातों को सुन ही नहीं रही। घाटी वापसी का यही एक मंत्र है।

    -संजय गंजू, दुर्गानगर

    आतंकवाद की वजह से हिंदू हुए थे विस्थापित

    1990 में आतंकवाद की वजह से कश्मीरी हिंदुओं को घाटी से विस्थापित होना पड़ा था। अब कश्मीरी हिंदू अपनी शर्तों के हिसाब से घाटी लौटना चाहते हैं और सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि कश्मीरी हिंदुओं से बातचीत की जाए। अधिकांश कश्मीरी हिंदुओं ने घाटी में अलग से होमलैंड की भी मांग की है।

    अपनी मांगों के बुलंद करने के लिए अब कश्मीरी हिंदू आने वाले दिनों में अपने धरने-प्रदर्शन तेज करने का भी मन बना रहे हैं। केंद्र सरकार को कश्मीरी हिंदुओं की घाटी वापसी पर कोई निर्णय लेना ही होगा।

    कश्मीरी हिंदुओं को घाटी में अलग से बसाया जाना चहिए। इसके लिए सरकार कोई जगह अपने घेरे में ले और कश्मीरी हिंदुओं के लिए पूरी पूरी सुरक्षा के बीच वहां कॉलोनियां बनाई जाएं, क्योंकि कश्मीरी हिंदू अब एकसाथ ही कश्मीर में रह पाएंगे। इस लाइन पर सरकार को काम करना चाहिए और कश्मीरी हिंदुओं से बातचीत करनी चाहिए।

    -एमके धर

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