जम्मू को मिलेगा नया विधानसभा भवन, 18 महीनों में बनकर होगा तैयार; जल्द शुरू होगा कॉन्ट्रैक्ट
जम्मू में नए विधानसभा परिसर का निर्माण 18 महीने के भीतर पूरा हो जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बैठक में यह समय सीमा तय की। बैठक में कैबिनेट के निर्माण से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की गई। निविदा प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और सभी औपचारिकताएं 31 मार्च 2025 तक पूरी कर ली जाएंगी। बजट सत्र की तैयारियां भी की जा रहीं हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू में नए विधानसभा परिसर का निर्माण,शेष कार्य के लिए ठेका जारी होने पर 18 माह के भीतर पूरा किया जाएगा। यह समय सीमा शुक्रवार को विधानसभा परिसर के जारी निर्माण की संबधित अधिकारियों संग एक बैठक में समीक्षा के दौरान विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने तय की है।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बैठक में हाल ही में कैबिनेट के फैसलों के मद्देनजर नए विधानसभा परिसर के निर्माण से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
परियोजना के प्रभारी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने पावरप्वायंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से परियोजना निष्पादन के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में मौजूद लोक निर्माण विभाग (आर एंड बी) के सचिव ने स्पीकर को मंत्रिपरिषद द्वारा दिए गए निर्देशों पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी गई।
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जल्द शुरू होगी निविदा प्रक्रिया
उन्होंने बताया कि नए विधानसभा परिसर का निर्माण कार्य से संबधित जो निर्माण योजनाएं लंबित हैं, उनके लिए एक डीपीआर तैयार कर आईआईटी जम्मू को जांच के लिए भेजी गई है। आईआईटी जम्मू द्वारा रिपोर्ट की जांच करने और इसका अनुमोदन किए जाने के बाद, निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
निविदा प्रक्रिया से संबधित सभी औपचारिकताएं मौजूदा वित्त वर्ष में 31 मार्च 2025 से पहले ही पूरी कर ली जाएगी। इसके साथ ही स्पीकर ने नए विधानसभा परिसर की निर्माण योजना पर संतोष जताते हुए कहा कि कहा कि निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद जैसे ही काम का ठेका दिया जाएगा, उसके ठीक 18 माह के भीतर यह सारा काम पूरा होना चाहिए। उन्होंने निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद नए विधानसभा परिसर पर निर्माण कार्य तुरंत शुरू करने पर जोर दिया।
बजट सत्र के लिए की जा रही हैं तैयारियां
वहीं दूसरी ओर विधानसभा के बजट सत्र के लिए प्रदेश प्रशासन ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। सभी प्रशासनिक सचिवों को अपने अधीनस्थ विभागों और विधानसभा सचिवालय में समन्वय बनाए रखने व अन्य संबंधित गतिवधियों को सुचारू बनाए रखने के लिए विभागीय प्रश्न प्रकोष्ठ गठित करने और एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया है।
सत्र के दौरान सदन में अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों और संबंधित मामलों पर कोई चर्चा नहीं होगी। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का बजट सत्र बीते सात वर्ष में पहली बार हो रहा है। इससे पूर्व जनवरी-फरवरी 2018 में बजट सत्र हुआ था। उस समय जम्मू-कश्मीर एक राज्य था।
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