J&k News : 'सेंसर के रूप में कार्य न करें', विधानसभा अध्यक्ष राथर को लेकर आखिर ऐसा क्यों बोलीं पूर्व CM महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर पर संवैधानिक पद पर रहते हुए मार्शल लॉ लागू करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राथर साहब विधानसभा की कार्यवाही की पवित्रता को बनाए रखने के बारे में चिंतित हो सकते हैं लेकिन अध्यक्ष के रूप में उनकी प्राथमिक भूमिका सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है न कि सेंसर के रूप में कार्य करना है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका विधायिका के सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है न कि सेंसर के रूप में कार्य करना।
उन्होंन कहा, पहले विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने विधायकों से बजट सत्र से पहले सदन के बिजनेस नोटिसों का प्रचार-प्रसार नहीं करने को कहा था। अध्यक्ष ने सदस्यों से विशेषाधिकार हनन से दूर रहने को कहा।
मार्शल लॉ लागू करने का आरोप लगाया
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने विधानसभा अध्यक्ष राथर पर संवैधानिक पद पर रहते हुए मार्शल लॉ लागू करने का आरोप लगाया।
उन्होंने इंटरनेट मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राथर साहब विधानसभा की कार्यवाही की पवित्रता को बनाए रखने के बारे में चिंतित हो सकते हैं। लेकिन अध्यक्ष के रूप में उनकी प्राथमिक भूमिका सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है न कि सेंसर के रूप में कार्य करना।
विधानसभा का बजट सत्र तीन मार्च से शुरू होगा
उन्होंने कहा कि विधायी गतिविधियों की पारदर्शिता और जन-जागरूकता को संसदीय प्रथाओं के उल्लंघन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। जनता को नोटिस,प्रश्नों और समाधानों के बारे में पहले से सूचित करना जवाबदेही को बढ़ावा देता है।
हाल के वक्फ विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण संसदीय विधेयकों पर महीनों तक सार्वजनिक रूप से बहस होती है। उन्होंने कहा दुख कि बात है कि ऐसा प्रतीत होता है कि राथर साहब एक अनुभवी राजनेता, एक संवैधानिक पद पर रहते हुए एक प्रकार का मार्शल लॉ लागू कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा का बजट सत्र तीन मार्च से शुरू होने वाला है।
अध्यक्ष ने कहा कि सदन के कामकाज से जुड़े प्रश्नों,विधेयकों,संकल्पों और अन्य समान मामलों की सूचनाओं को प्रचार देना अनुचित है।
यह भी पढ़ें- शराबबंदी के मुद्दे पर शुरू हुई राजनीतिक जंग, इल्तिजा मुफ्ती ने कहा 'नकलची बंदर' तो NC ने दे डाली ये नसीहत
विधानसभा स्पीकर ने जताई आपत्ति
वहीं विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने शनिवार को विधायकों द्वारा सदन की कार्यवाही के संबंध में दिए गए प्रस्तावों और विधेयकों का पहले ही अनावश्यक रूप से सार्वजनिक करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने विधायकों को चेतावनी दी है कि इस तरह का आचरण विशेषाधिकर हनन के समान है।बजट सत्र तीन मार्च को शुरू हो रहा है।
विभिन्न विधानसभा सदस्यों ने सदन की कार्यवाही में शामिल किए जाने वाले अपने प्रस्तावों, विधेयकों और प्रश्नों को लेकर राजनीति शुरू कर दी है। वह इनके बारे में परंपरागत मीडिया और इंटरनेट मीडिया पर प्रचार कर रहे हैं। इससे सदन में होने वाली चर्चा को लेकर आम जनता में पहले ही बहस शुरू हो गई है।
स्पीकर राथर ने कहा कि स्थापित संसदीय परंपरा तथा सदन के प्रचलित नियमों के अनुसार सदन के कामकाज से जुड़े प्रश्नों, विधेयकों, संकल्पों और इसी तरह के अन्य मामलों की सूचनाओं को अनावश्यक प्रचार देना अनुचित है। इसलिए सभी सदस्यों को भविष्य में इस तरह के कार्यों से दूर रहना चाहिए।
विधानसभा के एक प्रवक्ता ने कहा कि स्पीकर ने सभी विधायकों को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्हें विधायी कामकाज की पवित्रता बनाए रखने का निर्देश दिया है। सभी सदस्यों को संसदीय परंपराओं का पालन करने और उनका सम्मान करने को कहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।