शराबबंदी के मुद्दे पर शुरू हुई राजनीतिक जंग, इल्तिजा मुफ्ती ने कहा 'नकलची बंदर' तो NC ने दे डाली ये नसीहत
जम्मू-कश्मीर में शराबबंदी (Liquor Ban) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर को बिहार और गुजरात की तरह शराबमुक्त करने का आह्वान करते हुए सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस को नकलची बंदर कह डाला। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उन्हें एक अपरिपक्व और नासमझ कह कर पहले अपने गिरेबां में झांकने की नसीहत दे डाली।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। शराबबंदी के मुद्दे पर जम्मू कश्मीर में एक नई राजनीतिक जंग शुरू होने जा रही है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) शनिवार को जम्मू कश्मीर को बिहार और गुजरात की तरह शराबमुक्त करने का आह्वान करते हुए सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस को नकलची बंदर कह डाला।
जवाब में नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) ने उन्हें एक अपरिपक्व और नासमझ कह कर पहले अपने गिरेबां में झांकने की नसीहत दे डाली। अवामी इत्तेहाद पार्टी ने भी पीडीपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए उसने शराबबंदी का विरोध किया था।
शराबबंदी लागू करने का पीडीपी ने लाया प्रस्ताव
इस बीच, विभिन्न राजनीतिक दलों के अलावा कश्मीर के मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने लाल चौक पर स्थानीय कारोबारियों द्वारा पर्यटकों से शराब न पीने के आग्रह संबंधी लगाए गए बोर्ड को पुलिस द्वारा जब्त किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है।
उल्लेखनीय है कि पीडीपी के विधायक मीर मोहम्मद फैयाज ने आगामी बजट सत्र में जम्मू कश्मीर में पूर्ण शराबबंदी को लागू करने के लिए एक प्रस्ताव लाया है।
एकजुट नजर आ रहे हैं राजनीतिक दल
इसके साथ ही सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अहसान परदेसी और अवामी इत्तेहाद पार्टी के शेख खुर्शीद ने भी सत्र की कार्यवाही में शामिल करने के लिए अपनी तरफ से श्रीनगर में शराबबंदी का प्रस्ताव दाखिल किया है।
कश्मीर में सभी दल शराबबंदी को लागू करने के मुद्दे पर एकजुट नजर आ रहे हैं। स्थानीय धार्मिक, सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि प्रदेश की अधिसंख्य आबादी मुस्लिम है। इसलिए यहां शराबबंदी होनी चाहिए। नशे के कारण न सिर्फ युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही, बल्कि सामाजिक मूल्यों का भी पतन हो रहा है।
पीडीपी ने शुरू किया है हस्ताक्षर अभियान
पीडीपी ने शराबबंदी के अपने प्रस्ताव को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक राज्य व्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। इस अभियान को शेरे कश्मीर म्यूनिसिपल पार्क से शुरू किया जाना था, लेकिन प्रशासन की अनुमति न मिलने से पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने इसे पार्टी मुख्यालय से ही शुरू किया।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सिर्फ शराब ही नहीं, यहां ड्रग्स के खिलाफ भी जन जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। नशे के कारण यहां सामाजिक ताना-बाना बिगड़ रहा है। यहां शराब की बिक्री और सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित होना चाहिए।
प्रदेश और केंद्र सरकार से आग्रह है कि बिहार और गुजरात की तरह यहां भी पूर्ण शराबबंदी हो। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को पूरी तरह नशामुक्त और शराबमुक्त बनाया जाए, इसका पर्यटन से कोई सरोकार नहीं है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कही ये बात
नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा भी शराबबंदी का समर्थन किए जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे विधायक ने पहले ही यह प्रस्ताव लाया। उन्होंने जो प्रस्ताव लाया है, वह आधा-अधूरा है। उनके जिस एमएलए ने प्रस्ताव लाया है, वह सिर्फ लाल चौक तक सीमित है। इल्तिजा ने कहा कि नेकां के पास 50 विधायक हैं, लेकिन वह कुछ नहीं करना चाहती।
उन्होंने कहा कि जब पीडीपी कुछ करती है तो वह भी उसी मुद्दे पर बात करने लगते हैं। उसके विधायक नकलची बंदर हैं। हमने शराबबंदी पर प्रस्ताव लाया तो वह भी एक प्रस्ताव ले आए। अनुच्छेद 370 पर नेकां ने अपनी मर्जी से नहीं बल्कि हमारे दबाव में प्रस्ताव लाया।
यहां शराबबंदी का विरोध करते हुए नेकां के एक विधायक ने कहा कि कश्मीर पर्यटनस्थल है, इसलिए यहां शराब की बिक्री पर रोक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज युवा हताश और निराश है। मेरी सभी से अपील है कि शराब और ड्रग्स की तरफ मत जाएं।
यह भी पढ़ें- Jammu News: शराब पीकर हल्ला मचाने को लेकर मजिस्ट्रेट ने सुनाई सख्त सजा, अब करना पड़ेगा ये काम
अवामी इत्तेहाद पार्टी ने कहा- पीडीपी ने सत्ता में रहते शराबंदी के प्रस्ताव का किया था विरोध
हम पहले ही दिन से शराबबंदी के हक में हैं। लेकिन पीडीपी को पहले यह जवाब देना चाहिए कि उसने सत्ता में रहते हुए इसे क्यों लागू नहीं किया। उस समय उसने ऐसा कोई बिल क्यों नहीं लाया? पीडीपीके नेताओं को बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में शराब और बार के कितने लाइसेंस जारी किए गए।
जब यह सत्ता में थी तो शराबबंदी का विरोध करती थी। हमारे विधायक शेख खुर्शीद ने भी शराबबंदी का प्रस्ताव लाया है।
-इनाम उन नबी, प्रवक्ता, अवामी इत्तेहाद पार्टी
हमें इल्तिजा मुफ्ती से कोई अच्छे शब्दों की उम्मीद भी नहीं है। वह अपरिपक्व और नासमझ हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि वर्ष 2016 में जब महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री थी तो तत्कालीन वित्तमंत्री हसीब द्राबू ने शराबबंदी से इन्कार करते हुए कहा था कि यह संभव नहीं है। पीडीपी का शराबबंदी का अभियान सिर्फ लोगों में अपने लिए हमदर्दी जुटाने के लिए चलाया जा रहा है।
- इमरान नबी डार, प्रवक्ता नेकां
पर्यटकों से शराब न पीने की अपील वाले बोर्ड जब्त
इस बीच, पुलिस ने लाल चौक पर व्यापारियों द्वारा शराबबंदी के हक में और पर्यटकों से शराब न पीने व स्थानीय संस्कृति का सम्मान करने संबंधी लगाए गए बोर्ड को पुलिस ने शनिवार की सुबह जब्त कर लिया। मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने कहा कि आखिर इस बोर्ड को क्यों हटाया गया?
पर्यटकों से स्थानीय संस्कृति का सम्मान करने, शराब और नशीली दवाओं के सेवन से बचने और शहर को साफ रखने का आग्रह करने में गलत क्या है? क्या कश्मीर में नैतिक मूल्यों और शालीनता को बढ़ावा देना अब अपराध है?
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।