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J&K Rail Project: ...तो इस दिन खत्म होगा इंतजार, रेल से जल्द निहार सकेंगे कश्मीरी वादियां; बहुत खास है ये प्रोजेक्ट

Jammu Kashmir Rail Project एक समय था जब रेलें सिर्फ जम्मू तक ही जाती थीं। लेकिन अत्याधुनिक तकनीक के चलते इसका दायरा कटड़ा यानी वैष्णो देवी तक बढ़ाया गया। लेकिन अब वो दिन भी दूर नहीं जब रेल कश्मीर की वादियों से होकर गुजरेंगी। मई के अंत या जून के शुरुआत तक उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला प्रोजेक्ट पूरा होने के पूरे आसार हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Published: Tue, 07 May 2024 11:05 AM (IST)Updated: Tue, 07 May 2024 11:05 AM (IST)
J&K Rail Project: ...तो इस दिन खत्म होगा इंतजार, रेल से जल्द निहार सकेंगे कश्मीरी वादियां

जागरण संवाददाता, उधमपुर। Jammu Kashmir Rail Project: देश की सबसे महत्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक रेल प्रोजेक्ट का सोमवार को रेलवे बोर्ड के सदस्य इन्फ्रास्ट्रक्चर अनिल कुमार खंडेलवाल ने निरीक्षण किया। परियोजना का काम मई के अंत या जून के प्रारंभ में पूरा होने का अनुमान है।

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उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। अब केंद्र में बनने वाली नई सरकार के नए प्रधानमंत्री को अपने कार्यकाल के शुरू में ही देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन करने का मौका मिलेगा।

श्रीनगर-संगलदान-कटड़ा सेक्शन का किया निरीक्षण

रेलवे बोर्ड के अधिकारी खंडेलवाल ने उधमपुर–श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक राष्ट्रीय परियोजना के श्रीनगर-संगलदान-कटड़ा सेक्शन का विस्तार से निरीक्षण किया। उन्होंने प्रोजेक्ट की प्रगति के संबंध में बारीकी से पूछताछ भी की। इस अवसर पर उत्तर रेलवे और कोंकण रेल कॉरपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारी भी उनके साथ उपस्थित थे।

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तीन KM लंबी सड़क सबसे अहम कड़ी

उन्होंने श्रीनगर छोर से संगलदान तक ट्रेन से निरीक्षण किया। बाद में संगलदान से लेकर आगे कटड़ा तक मोटर ट्राली से निरीक्षण किया। रास्ते में उन्होंने सवालकोट यार्ड और कटड़ा के पास सुरंग संख्या टी-33 में चल रहे शेष महत्वपूर्ण कार्यों का निरीक्षण कि। करीब तीन किमी लंबी ये सुरंग इस पूरी परियोजना की सबसे अहम कड़ी है।

ड्रिलिंग के समय पहाड़ से पानी रिसने के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। रेलवे अधिकारी ने परियोजना अधिकारियों को सुरंग टी-33 के काम की बारीकी से निगरानी करने का निर्देश दिया। इस परियोजना को भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे लाइन में से एक माना जाता है, जो भूवैज्ञानिक जटिलताओं से भरे युवा हिमालय से होकर गुजरती है।

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