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    श्रीनगर बेमिना फ्लाईओवर पर आई दरारें, जम्मू-कश्मीर सरकार ने दिए जांच के आदेश, 2024 में किया था जनता को समर्पित

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 05:55 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर सरकार ने श्रीनगर-बारामूला हाईवे बाईपास पर बेमिना फ्लाईओवर में आई दरारों की जाँच के लिए एक उच्च-स्तरीय कमेटी का गठन किया है। श्रीनगर के डीसी इस कमेटी का नेतृत्व करेंगे जिसमें लोक निर्माण विभाग श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड और यातायात पुलिस के वरिष्ठ इंजीनियर शामिल होंगे। यह कदम फ्लाईओवर की सुरक्षा को लेकर जनता की चिंताओं के बाद उठाया गया है।

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    कमेटी को दरारों की जांच, कारणों का पता लगाने और सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करने का काम सौंपा गया है।

    डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने श्रीनगर-बारामूला हाईवे बाईपास के एक प्रमुख हिस्से, बेमिना फ्लाईओवर पर आई दरारों की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय कमेटी का गठन किया है। यह कदम फ्लाईओवर की सुरक्षा को लेकर जनता की चिंताओं के बाद उठाया गया है, जहां से प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं।

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    जून 2024 में लोगों को समर्पित किए गए इस फ्लाईओवर को अभी बमुश्किल एक साल ही हुआ है और इस पर दरारें दिखाई देने लगी हैं। कंक्रीट स्लैब के बीच जोड़ों पर दिखाई देने वाली इन दरारों को देख कई लोगों ने फ्लाईओवर की मजबूती और इसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए।

    लोगों की इन चिंताओं को देखते हुए सरकार ने आदेश संख्या 989-जेके (जीएडी) 2025 जारी करते हुए डीसी श्रीनगर के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया जो इसकी जांच करेगी। कमेटी में लोक निर्माण (आरएंडबी) विभाग, श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड, डिज़ाइन इंस्पेक्शन एंड क्वालिटी कंट्रोल के अलावा श्रीनगर यातायात पुलिस के वरिष्ठ इंजीनियर शामिल होंगे।

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    आपको बता दें कि सड़क एवं भवन (आर एंड बी) विभाग द्वारा 31.49 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एक किलोमीटर लंबा, चार लेन वाला यह फ्लाईओवर, एनएच-44 के व्यस्त श्रीनगर-बारामूला ब्लाक पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए बनाया गया था। फ्लाईओवर के क्षतिग्रस्त हिस्सों की तस्वीरें, जिनमें स्पष्ट दरारें दिखाई दे रही हैं, इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद सरकार ने जांच का निर्णय लिया।

    तकनीकी विश्लेषण के लिए एनआईटी श्रीनगर के एक संरचनात्मक विशेषज्ञ को भी शामिल किया गया है। इस कमेटी को दरारों की जांच, कारणों का पता लगाने के अलावा सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करने का काम सौंपा गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर जरूरत पड़े तो कमेटी के चेयरमैन और विशेषज्ञों को भी शामिल कर सकते हैं।

    आपको बता दें कि हाल ही में फ्लाईओवर में आई इन दरारों के दिखाई देने के बाद यह सार्वजनिक जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। फ्लाईओवर से गुजरने वाले वाहन चालकों और नागरिक समाज समूहों ने तत्काल मरम्मत करने और सुरक्षा जांच की मांग भी की है। अधिकारियों ने बताया कि कमेटी विस्तृत संरचनात्मक मूल्यांकन करेगी और शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। 

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