अगर वे आतंकवादी थे, तो अच्छा है उन्हें सबक मिल गया; गृहमंत्री अमित के बयान पर बोले डॉ फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह के संसद में दिए गए बयान पर कहा कि अगर मारे गए आतंकवादी ही पुलवामा हमले में शामिल थे तो यह अच्छी बात है। उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि हारवन डाचीगाम में मारे गए आतंकियों में पहलगाम हमले का गुनहगार शामिल है या नहीं यह एक अच्छी खबर है।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आज मंगलवार को संसद में तीन आतंकवादियों को मार गिराने के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर वे सचमुच आतंकवादी थे, तो अच्छा है कि उन्हें सबक मिल गया, क्योंकि आतंकवाद कभी सफल नहीं हो सकता। लेकिन यह केवल वे ही पुष्टि कर सकते हैं जिन्होंने मारे गए आतंकवादियों को पुलवमा हमले के दौरान देखा था।
कश्मीर में एक कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों से बात करते हुए डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने पहलगाम हमले को अंजाम देने वालों को नहीं देखा है, मैं नहीं जानता कि वे कौन हैं। जिन लोगों ने उन्हें देखा है, वे ही उन्हें पहचान सकते हैं।" अगर गृहमंत्री कह रहे हैं कि वे वही थे तो मुबारक है।
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एक दिन पहले उमर अब्दुल्ला ने भी जम्मू में इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि हारवन डाचीगाम के इलाके में मारे गए तीन आतंकियों में पहलगाम हमले का गुनाहगार शामिल है या नहीं, लेकिन यह एक अच्छा अभियान और अच्छी खबर है। पहलगाम हमले के बाद से ही सुरक्षाबल इन आतंकियों के पीछे लगे हुए थे। अगर पहलगाम के तीन गुनाहगारों में से एक भी इन तीनों में शामिल हैं ते यह बहुत अच्छी बात है।
उन्होंने संसद में आप्रेशन सिंदूर पर चर्चा को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि इससे पहले पहलगाम हमले पर चर्चा होनी चाहिए थी। हाल ही में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वीकार किया है कि पहलगाम हमले में खुफिया और सुरक्षातंत्र की चूक रही है। सुरक्षा और खुफिया तंत्र की चूक पर भी संसद में बात होनी चाहिए। अगर यह सुरक्षा और खुफिया तंच्त्र की चूक है तो फिर कोई तो इसके लिए जिम्मेदार होगा।
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जम्मू कश्मीर के लिएराज्य के दर्जे के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें संसद के मौजूदा सत्र पर इस विषय में कुछ अच्छे की उम्मीद है। अगर हमें सत्र में कुछ नहीं मिलेगातो फिर सत्र के बाद ही बात करेंगे,लेकिन अगर कोई कहेगा कि मैं हउ़ताल करुगां तो अभी नही,कम से कम संसद का सत्र जारी रहने तक मैं ऐसा कुछनहीं करने वाला।
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