J&K Budget 2025: उमर सरकार का बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर, सभी मेडिकल कॉलेजों में होगा MRI और CT Scan
जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। आने वाले दो से तीन वर्षों में विभिन्न प्रकार के रोगों के निदान के लिए नैदानिक सेवाओं को मजबूत किया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई और पेट स्कैन के अलावा जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन सुविधा होगी। उप जिला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में डायलिसिस की सुविधा होगी। चिकित्सा शिक्षा का विस्तार होगा।
रोहित जंडियाल, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में आने वाले दो से तीन वर्षों के दौरान विभिन्न प्रकार के रोगों के निदान के लिए नैदानिक सेवाओं को मजबूत किया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई और पेट स्कैन के अलावा जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन सुविधा होगी।
यही नहीं उप जिला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में डायालिसिस की सुविधा होगी। आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करने के लिए भी सभी मेडिकल कॉलेजों में आपातकालीन चिकित्सा विभाग स्थापित किए जाएंगे। स्वास्थ्य सेवा में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार जम्मू और कश्मीर में चिकित्सा बुनियादी ढांचे और सेवाओं को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल निवेश नीति लाएगी।
शुक्रवार को सदन में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा पेश किए गए बजट में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है।
स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र को 2025-26 के लिए पूंजीगत व्यय के तहत 1750.50 करोड़ आवंटित किए गए हैं जो 2024-25 के संशोधित आवंटन से 643.71 करोड़ की वृद्धि है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, चिकित्सा शिक्षा का विस्तार करना, नैदानिक सुविधाओं को बढ़ाना और जम्मू और कश्मीर में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार करना है।
मशीनरी और उपकरणों के लिए 400 करोड़
चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए मशीनरी और उपकरणों के लिए निधि को दोगुना करके 400 करोड़ कर दिया है। 45 करोड़ के बजटीय प्रावधान के साथ उत्तरी कश्मीर, पीर पंजाल और चिनाब घाटी में एक-एक तीन नई कैथ लैब स्थापित की जाएंगी। अभी तक इन क्षेत्रों में एक भी कैथ लैब नहीं है।
अगले तीन वर्षों में सभी नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमआरआइ और पेट स्कैन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अभी तक यह सुविधा सिर्फ जीएमसी जम्मू श्रीनगर और स्किम्स में हैं।
110 करोड़ के आवंटन के साथ सभी जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन स्कैन सेवाएं पूरी तरह से लागू की जाएंगी। अगले दो वर्षों में सभी 83 उपजिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक डायलिसिस सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष में 40 उप जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नए डायलिसिस केंद्रों के लिए अतिरिक्त 16.80 करोड़ आवंटित किए जाएंगे।
टीबी मुक्त जम्मू-कश्मीर के लिए और जमीनी स्तर पर अन्य बीमारियों का शीघ्र पता लगाने और जांच करने में सक्षम बनाने के लिए अगले दो वर्षों में जिला और उप-जिला अस्पतालों को 100 पोर्टेबल एआई आधारित एक्स-रे मशीनें दी जाएंगी।
इसके लिए 2025-26 में 50 इकाइयों के लिए 16.50 करोड़ आवंटित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त जंगलात मंडी अनंतनाग में 86 करोड़ की अनुमानित लागत से 250 बिस्तरों वाला मदर एंड चाइल्ड केयर हास्पिटल स्थापित किया जाएगा।
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चिकित्सा अनुसंधान के लिए दस करोड़
चिकित्सा अनुसंधान और आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करने के लिए अगले दो वर्षों में चिकित्सा शिक्षा में अनुसंधान के लिए 10 करोड़ का प्रस्ताव है। साथ ही तीन साल की अवधि में आपातकालीन चिकित्सा विभागों के निर्माण के लिए जीएमसी जम्मू और जीएमसी श्रीनगर के लिए 7-7 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों, लिफ्टों, शौचालयों और रैंप के लिए 32 करोड़ का अतिरिक्त रखरखाव अनुदान आवंटित किया गया है।
कठुआ जिले के रख होशियारी में 52 करोड़ की अनुमानित लागत से एक सरकारी होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज और एसोसिएटेड अस्पताल भी स्थापित कर रहे हैं। इसके अलावा स्किम्स को अतिरिक्त 10 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
मेडिकल कॉलेज बेमिना में 200.बेड वाली आइपीडी सुविधा को पूरा किया जाएगा। दवा की गुणवत्ता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कठुआ में आधुनिक औषधि परीक्षण प्रयोगशाला को चालू किया जाएगा। ये पहल अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने और जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं।
एक नजर में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र
- जम्मू और कश्मीर में दो एम्स, दो कैंसर संस्थान और दो हड्डी और जोड़ अस्पताल सहित 4000 से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं हैं।
- एम्स जम्मू चालू है और एम्स कश्मीर 2025-26 तक चालू हो जाएगा।
- जीएमसी उधमपुर पूरा होने वाला है। सरकारी होम्योपैथी मेडिकल कालेज कठुआ के काम में तेजी लाई जाएगी
- कठुआ में आधुनिक औषधि परीक्षण प्रयोगशाला को सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख पदों पर नियुक्तियां होगी।
- सभी जीएमसी में 30 बिस्तरों वाले आपातकालीन चिकित्सा विभाग स्थापित किए जाएंगे।
- 10 नर्सिंग कालेज पूरी तरह से संकाय और कर्मचारियों से सुसज्जित होंगे।
- जीएमसी हंदवाड़ा परियोजना में साइट चयन कर तेजी से इसे पूरा किया जाएगा।
- एमबीबीएस सीटों, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों और बीएससी नर्सिंग और पैरामेडिक कॉलेजो का विस्तार करेगा।
- तृतीयक देखभाल सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा।
- सेहत पहल के तहत, सभी लोगों को प्रति परिवार पांच लाख का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा मिलता है। 85.49 लाख गोल्डन कार्ड जारी किए गए हैं और 251 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है।
- भौगोलिक चुनौतियों के समाधान के लिए विभिन्न चिकित्सा विशेषताओं में टेलीमेडिसिन सेवाओं को एकीकृत किया जाएगा।
- सभी लोगों के लिए कुशल और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए निर्बाध टेलीकंसल्टेशन, एआई संचालित डायग्नोस्टिक्स, ई-प्रिस्क्रिप्शन और रिमोट मानिटरिंग का समर्थन करने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
- स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लाने के लिए सेहत ऐप शुरू करेगी। यह ऐप टेलीकंसल्टेशन सेवाएं, सरकारी अस्पतालों में आनलाइन डाक्टर की अपाइंटमेंट और निर्बाध कवरेज एक्सेस के लिए सेहत योजना के साथ एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य रिकार्ड प्रणाली प्रदान करेगा।
- गैर संचारी रोगों की प्रारंभिक पहचान और उपचार के लिए जांच को मजबूत किया जाएगा।
- 13 क्रिटिकल केयर ब्लाक, 111 ब्लाक पब्लिक हेल्थ यूनिट और 10 जिला पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरीज बनेगी।
- कैंसर के निदान और उपचार को बढ़ाने के लिए जीएमसी जम्मू और स्किम्स श्रीनगर में राज्य कैंसर संस्थानों में लीनियर एक्सेलेरेटर लगाए जाएंगे।
- तृतीयक देखभाल अस्पतालों में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाएगा ताकि मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सके।
- अस्पतालों को पर्याप्त जनशक्ति और उन्नत चिकित्सा तकनीक से लैस करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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