जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति पर विवाद का होगा समाधान, कैबिनेट उपसमिति के गठन को मिली मंजूरी
जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति को लेकर उठे विवाद को देखते हुए सरकार ने तीन सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति का गठन किया है। समिति की अध्यक्षता समाज कल्याण मंत्री सकीना इट्टू करेंगी। उपसमिति आरक्षण नीति से जुड़ी शिकायतों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली कैबिनेट को सौंपेगी। हालांकि इसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर में मौजूदा आरक्षण नीति पर जन आक्रोश को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मंगलवार को इस मामले में विवाद की जांच व उसके समाधान के लिए तीन सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति के गठन को मंजूरी दे दी है। समिति की अध्यक्षता समाज कल्याण मंत्री सकीना इट्टू करेंगी।
उपसमिति अपनी रिपोर्ट कब देगी, इसकी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है। बता दें कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में 18 दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में कैबिनेट उपसमिति के गठन का फैसला लिया गया था। इस बीच, सकीना इट्टू ने कहा कि आरक्षण नीति को लेकर सभी आपत्तियों का संज्ञान लेकर उनकी जांच की जाएगी।
आरक्षण कोटा बढ़ाने का लोग कर रहे विरोध
अंतिम निर्णय लेने से पूर्व सभी संबंधित पक्षों से बातचीत होगी। किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा, यही हमारा लक्ष्य है। मौजूदा आरक्षण नीति को लेकर प्रदेश के विभिन्न वर्गों में रोष है। पहले जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरियों व शिक्षण संस्थानों में आरक्षित वर्गों के लिए 50 प्रतिशत तक ही कोटा था, लेकिन अब खुले यानी सामान्य वर्ग का कोटा 40 प्रतिशत से भी कम हो गया है।
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वहीं, आरक्षित वर्गों का कोटा बढ़ गया है। आरक्षित वर्गों का कोटा बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि आरक्षण नीति को व्यावहारिक बनाया जाए और इसमें सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए। कश्मीर में सोमवार को डॉक्टरों ने भी आरक्षण कोटे को लेकर अपना विरोध जताया था। मुख्यमंत्री उमर के नेतृत्व में 22 नवंबर को प्रदेश कैबिनेट ने आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति के गठन का फैसला लिया था।
पांच वर्षों से है यह बड़ा मुद्दा
मुख्यमंत्री ने कहा था कि समाज कल्याण मंत्री सकीना इट्टू इसकी अध्यक्ष बनाई गई हैं। उनके साथ जलशक्ति मंत्री जावेद राणा और खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री सतीश शर्मा को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। अब इसके औपचारिक गठन का महाप्रशासनिक विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि उप समिति अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में प्रदेश कैबिनेट को सौंपेगी। उप समिति सभी हितधारकों के परामर्श से आरक्षण नियमों के संबंध में मिली शिकायतों की जांच करेगी।
जम्मू कश्मीर में आरक्षण बीते पांच वर्ष में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। बीते पांच वर्ष में केंद्र सरकार ने समय-समय पर इसमें संशोधन कर विभिन्न आरक्षित वर्गों का कोटा बढ़ाने के साथ कुछ नए वर्गों को भी आरक्षण का लाभ दिया है। इससे जम्मू कश्मीर में आरक्षण कोटा 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
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