जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, लखनपुर और बन टोल प्लाजा पर सिर्फ 20 फीसदी लगेगा टोल
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने एक बड़ी राहत देते हुए लखनपुर से उधमपुर तक नेशनल हाईवे पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान वाहन चालकों से लखनपुर और बन टोल प्लाजा पर कुल टोल टैक्स का सिर्फ 20 प्रतिशत टोल टैक्स ही वसूल करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक हाईवे का काम पूरा नहीं हो जाता और ट्रैफिक सुचारू नहीं हो जाती।

जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने प्रदेश के आम लोगों के साथ बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को बड़ी राहत प्रदान की है।
हाईकोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है कि जब तक लखनपुर से लेकर उधमपुर तक नेशनल हाईवे का काम पूरा नहीं हो जाता और जब तक यहां ट्रैफिक पूरी तरह से सुचारू नहीं हो जाती, वाहन चालकों से लखनपुर व बन टोल प्लाजा पर कुल टोल टैक्स का सिर्फ 20 प्रतिशत टोल टैक्स ही वसूल किया जाए।
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान व जस्टिस एमए चौधरी ने त्रिकुटा नगर निवासी सुगंधा साहनी की ओर से दायर जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान उक्त निर्देश दिए।
सुगंधा साहनी की ओर से पांच फरवरी को यह जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर उस दिन बेंच ने कोई फैसला नहीं लिया और आज इस जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया व प्रदेश प्रशासन को उक्त निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू करने की हिदायत दी।
जनहित याचिका में एनएचएआइ के उस आदेश को भी चुनौती दी गई जिसमें अथॉरिटी ने 26 जनवरी 2024 से ठंडी खुई टोल प्लाजा बंद होने के बाद लखनपुर व बन टोल प्लाजा पर लगने वाले टैक्स को दोबारा निर्धारित करने का फैसला लिया था। हाईकोर्ट ने इस आदेश को भी एक सप्ताह के भीतर वापिस लेने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक लखनपुर से उधमपुर तक नेशनल हाईवे निर्माण पूरा नहीं होता व ट्रैफिक सुचारू नहीं होती, तब तक लखनपुर व बन टोल प्लाजा में 26 जनवरी 2024 से पूर्व जो टोल टैक्स था, उसका सिर्फ 20 प्रतिशत टैक्स वसूल किया जाए।
हाईकोर्ट ने कहा कि नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक सुचारू होने का एक निष्पक्ष एजेंसी से सर्वे कराकर रिपोर्ट लेनी होगी और जब एनएचएआइ को इसका प्रमाण पत्र मिल जाए, उसके बाद ही लखनपुर व बन टोल प्लाजा पर पूरे टैक्स की वसूली शुरू होनी चाहिए।
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60 किलोमीटर के भीतर बने टोल प्लाजा हटाने के निर्देश
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में टोल प्लाजा की बढ़ती संख्या पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में टोल प्लाजा आम आदमी से वसूली करने का एक माध्यम बन चुका है।
हाईकोर्ट ने कहा कि एनएचएआइ दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित टोल प्लाजा की समीक्षा करें और अगर 60 किलोमीटर के भीतर कोई टोल प्लाजा है तो उसे अगले दो महीने के भीतर हटाया जाए।
हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि टोल टैक्स से अर्जित होने वाले राजस्व का इस्तेमाल विकास कार्यों पर होता है लेकिन टोल टैक्स जनता की जेब पर भारी नहीं पड़ना चाहिए।
हाईकोर्ट ने पाया कि 20 मार्च 2015 से 24 दिसंबर 2024 तक बन टोल प्लाजा पर 659.54 करोड़ की वसूली हुई, लखनपुर टोल प्लाजा पर 22 जुलाई 2020 से 24 दिसंबर 2024 तक 355.77 करोड़ की वसूली और ठंडी खुई टोल प्लाजा पर 11 अक्टूबर 2019 से 26 जनवरी 2024 तक 227.88 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला गया।
ऐसे में इन तीन टोल प्लाजा पर 1243 करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूला गया। हाईकोर्ट ने पाया कि समाचार रिपोर्टों के अनुसार 2020 में भारत में 24 हजार करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूल किया गया और जनवरी 2020 में फास्ट टैग आने के बाद यह बढ़कर 34 हजार करोड़ हो गया। ऐसे में प्रतीत होता है कि टोल प्लाजा सिर्फ जनता पर बोझ डालने के लिए स्थापित किए जा रहे हैं।
अपराधिक छवि के कर्मी रखे तो खैर नहीं
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने एनएचएआइ से टोल प्लाजा का ठेका लेने वाले ठेकेदारों को भी कड़ी चेतावनी दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर किसी ठेकेदार ने टोल प्लाजा पर किसी अपराधिक छवि वाले कर्मी को रखा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने कहा कि उनके ध्यान में भी आया है कि टोल प्लाजा पर वसूली के लिए गुंडा तत्वों को रखा जाता है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि टोल प्लाजा पर किसी भी कर्मी की नियुक्ति करने से पहले ठेकेदार को संबंधित पुलिस स्टेशन से उस व्यक्ति का सत्यापन करवाना पड़ेगा और इसमें अगर बाद में कोई भी कोताही पाई गई तो संबंधित क्षेत्र का एसएचओ जिम्मेदार होगा।
नेशनल हाईवे के 70 प्रतिशत हिस्से में चल रहा निर्माण
याची सुगंधा साहनी ने अपनी जनहित याचिका में दलील दी कि मौजूदा समय में लखनपुर से लेकर उधमपुर पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 60 से 70 प्रतिशत हिस्से में निर्माण कार्य चल रहा है। दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के तहत पठानकोट से लेकर उधमपुर तक दिसंबर 2021 से काम चल रहा है।
ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह घुमाव दिए गए हैं। कई जगह सड़क किनारे नालों का निर्माण हो रहा है। पूरा राजमार्ग गड्ढों से भरा पड़ा है। इससे जहां लोगों को इस राजमार्ग पर सफर तय करने में दो से तीन घंटे अतिरिक्त लग रहे हैं, वहीं वाहनों को भी क्षति पहुंच रही है।
जनहित याचिका में कहा गया कि नेशनल हाईवे फीस रूल्स में स्पष्ट है कि राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण पूरा होने के 45 दिन बाद ही संबंधित सेक्शन में टोल टैक्स की वसूली शुरू हो सकती है। इसके वितरीत लखनपुर से लेकर उधमपुर तक लगभग पूरा राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माणधीन है।
कहीं पुल बन रहे हैं, कई फ्लाईओवर तो कहीं सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है। याची ने लखनपुर से लेकर उधमपुर तक निर्माण पूरा होने तक दोनों टोल प्लाजा बंद करने की मांग की थी जिसे हाईकोर्ट ने हालांकि अस्वीकार करते हुए केवल 20 प्रतिशत टोल टैक्स वसूलने के निर्देश दिए।
लखनपुर टोल प्लाजा के रेट-एक तरफा यात्रा
- कार-जीप: 135 रुपये
- छोटे व्यवसायिक वाहन: 210 रुपये
- बस-ट्रक : 440 रुपये
- तीन एक्सेल वाहन : 480 रुपये
- चार से छह एक्सेल वाहन : 695 रुपये
- छह एक्सेल से बड़े वाहन : 645 रुपये
बन टोल प्लाजा के रेट-एक तरफा यात्रा
- कार-जीप : 170 रुपये
- छोटे व्यवसायिक वाहन : 275 रुपये
- बस-ट्रक: 585 रुपये
- तीन एक्सेल वाहन: 635 रुपये
- चार से छह एक्सेल वाहन: 910 रुपये
- छह एक्सेल से बड़े वाहन: 1110 रुपये
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