जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, पीसीबी के अस्थायी कर्मियों को स्थायी करने के दिए निर्देश
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने बिना रुकावट सात साल पूरे कर लिए हैं उन्हें स्थायी किया जाए और सभी लाभ दिए जाएं। यह फैसला 2007 से 2011 के बीच नियुक्त हुए कर्मचारियों की याचिका पर आया है जिनमें से कई 15 सालों से कार्यरत हैं।

जेएनएफ, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में जम्मू-कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड( पीसीबी) में कार्यरत सभी अस्थायी कर्मियों को स्थायी करने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि जो अस्थायी कर्मी बिना रूकावट अपने सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उन्हें सात साल पूरे होने की तिथि से स्थायी किया जाए और उस दिन के बाद से बिना किसी भेदभाव के सभी लाभ दिए जाए। हाईकोर्ट ने पीसीबी के तीन अस्थायी कर्मियों की ओर से दायर अलग-अलग याचिका का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिए।
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ये याची वर्ष 2007 से 2011 के बीच पीसीबी में अस्थायी तौर पर नियुक्त हुए थे। हाईकोर्ट ने पाया कि पीसीबी में ऐसे कई कर्मी है जिनमें से कई पिछले 15 सालों से बिना रूकावट ड्राइवर, अर्दली्र इलेक्ट्रिशियन व नीड-बेस्ड कैज्युअल वर्कर्स के रूप में कार्य कर रहे हैं।
याचियों की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट अभिनव शर्मा ने दलील दी कि प्रदेश के अन्य विभागों में इस तरह के कई कर्मियों को जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विसेस एक्ट 2010 के तहत स्थायी किया जा चुका है और इन कर्मियों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पीसीबी की वर्ष 2012 में हुई 26वीं बोर्ड मीटिंग में भी ऐसे अस्थायी कर्मियों को स्थायी करने का निर्णय लिया गया था, इसके बावजूद आज तक बोर्ड के इस फैसले को अमल में नहीं लाया गया।
इस पर हाईकोर्ट ने प्रदेश प्रशासन को पीसीबी के इन अस्थायी कर्मियों का सर्विस रिकार्ड चेक करने व सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मियों को स्थायी करने का निर्देश दिया।
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