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    जम्मू कश्मीर सरकार का नया फरमान, सरकारी कार्यालयों में इस्तेमाल नहीं होंगी यूएसबी-पेन ड्राइव, जानिए क्या है वजह

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 06:45 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर सरकार ने सरकारी विभागों में यूएसबी और पेन ड्राइव के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह फैसला साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और डेटा चोरी को रोकने के लिए किया गया है। सरकारी कर्मचारियों को व्हाट्सएप जैसे असुरक्षित मैसेजिंग एप्स का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। इसके बजाय सुरक्षित गवड्राइव का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

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    नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू कश्मीर में संवेदनशील सरकारी सूचनाओं की सुरक्षा, हैकिंग, डेटा चोरी होने जैसे जोखिम को कम करने के लिए सरकारी विभागों में यूएसबी व पेन ड्राइव के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दी गई है।

    सरकार ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि साइबर सुरक्षा से वायरस अटैक, हैकिंग जैसे खतरों से निपटने के लिए जम्मू, श्रीनगर के सिविल सचिवालयों के साथ प्रदेश के सभी ज़िलों के उपायुक्त कार्यालयों, सरकारी विभाग को गोपनीय जानकारियां साझा करने के लिए व्हाट्सएप जैसे सार्वजनिक मैसेजिंग प्लेटफार्म या आई लव पीडीपी जैसी असुरक्षित आनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल न करें।

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    कुछ मामलों में दो या तीन पेन ड्राइव इस्तेमाल की दी जा सकती है अनुमति

    सरकार ने स्पष्ट किया है कि असाधारण हालात में कुछ मामलों में विभाग को दो या तीन पेन ड्राइव इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन ऐसा करने के लिए संबंधित प्रशासनिक प्रमुख को राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी व राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की मंजूरी लेनी होगी।

    उनका अनुमति मिलने के बाद ही उक्त विभाग पेन ड्राइव का इस्तेमाल कर सकेंगे। लेकिन इस्तेमाल करने से पहले पेन ड्राइव को नेशनल इन्फारमेशन सेंटर को सौंपना होगा। वहां पर इसका नए सिरे से कन्फ़िगरेशन व स्वामित्व पंजीकरण किया जाएगा।

    सुरक्षित विकल्प के रूप में गवड्राइव अपनाने के भी निर्देश दिया

    सरकार ने सरकारी विभागों को एक सुरक्षित विकल्प के रूप में गवड्राइव अपनाने के भी निर्देश दिया गया है। यह एक क्लाउड-आधारित, मल्टी-टेनेंट प्लेटफ़ार्म है जिस पर हर सरकारी अधिकारी को 50 जीबी सुरक्षित स्टोरेज के साथ-साथ सभी डिवाइसों तक केंद्रीकृत पहुंच व सिंक्रोनाइज़ेशन की सुविधा मिलती है।

    सरकार के आदेश में कहा गया है कि सभी संवेदनशील तकनीकी जानकारी को गोपनीय के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए। विभाग इसे गृह मंत्रालय की सूचना सुरक्षा सर्वोत्तम प्रथाओं, कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम के निर्देशों व विभागीय डेटा वर्गीकरण नीतियों को ध्यान में रखकर आगे भेजें।

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    पालन न करने पर होगी कड़ी कार्रवाई

    सरकार ने चेतावनी भी दी है कि निर्देशों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में आधिकारिक आचरण, आईटी उपयोग व प्रशासनिक उत्तरदायित्व को सही तरह से नही निभाने वाले अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। सरकार ने सभी विभागों को सुरक्षित ई-गवर्नेंस के हित में दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए कहा है।

    यह आदेश सोमवार को सामान्य प्रशासनिक विभाग के आयुक्त सचिव एम राजू की ओर से जारी किया गया।