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    जम्मू-कश्मीर में जल सुरक्षा के लिए 15 दिनों का व्यापक अभियान, सरकार की पहल से 2205 जलापूर्ति योजनाएं बहाल

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 01:04 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए 15 दिवसीय अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस दौरान 2645 गांवों में 20493 जल गुणवत्ता परीक्षण किए गए जिनमें से 8127 परीक्षण बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए। अभियान का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना क्षतिग्रस्त जलापूर्ति योजनाओं को बहाल करना और जलजनित रोगों के प्रसार को रोकना था।

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    जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के बाद जलजनित रोगों से बचाव के लिए व्यापक अभियान

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के बाढ़ भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में जल जनित रोगों की रोकथाम और जल गुणवत्ता परीक्षण में तेज़ी लाने के लिए 15 दिनों का व्यापक अभियान संपन्न हो गया।

    इस अभियान ने सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने, क्षतिग्रस्त योजनाओं को बहाल करने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जलजनित रोगों के प्रकोप को रोकने के लिए व्यापक जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    अभियान के दौरान 2645 गांवों में 20493 जल गुणवत्ता परीक्षण किए गए हैं। यही नहीं बाढ़ भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में 8127 परीक्षण किए गए हैं और 2205 जलापूर्ति योजनाओं को बहाल किया गया है।

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    यह अभियान केंद्र शासित प्रदेश के कई जिलों में विनाशकारी बाढ़ के बाद जल जनित रोगों के प्रकोप को रोकने के लिए चार सितंबर को शुरू किया गया था। यह अभियान जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को बहाल करने और नागरिकों को सेवा वितरण में सुधार लाने के लिए किया गया।

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    इसमें मुख्य ध्यान प्रत्येक प्रभावित गांव में कम से कम तीन परीक्षणों के साथ स्रोत और उपभोक्ता दोनों स्तरों पर प्रदूषण की जांच करना था।

    स्थानीय समुदायों और स्वास्थ्य, शिक्षा एवं ग्रामीण विकास विभाग जैसे संबंधित विभागों ने स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य संस्थानों में पानी के नमूनों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में मौके पर ही जांच की गई और बच्चों को इस संबंध में शिक्षित करने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। सामान्य वाश प्रथाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 6486 स्कूलों और 1940 आंगनवाड़ी केंद्रों में गतिविधियां आयोजित की गईं।

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    इसके अलावा प्रभावित क्षेत्रों में 5945 आंगनवाड़ी केंद्रों को कवर किया गया जिनमें से 2563 केंद्रों ने जल सुरक्षा पर गतिविधियाँ आयोजित कीं।