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    J&K budget: पंचायतों में अनिवार्य होगा डिजिटल भुगतान, जम्मू को टॉप टूरिस्ट प्लेस बनाने की तैयारी में उमर सरकार

    Updated: Sat, 08 Feb 2025 10:52 AM (IST)

    जम्मू कश्मीर में 3 मार्च से बजट सत्र की शुरुआत होगी। इस बार के बजट में धार्मिक तीर्थ खेल पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। साथ ही पंचायत राज म ...और पढ़ें

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    जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बजट पेश करेंगे

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के दौरान जम्मू को साधने की तैयारी कर ली है। सरकार जम्मू को प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र के रूप में विकसित करने के अलावा धार्मिक तीर्थ, खेल पर्यटन को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान देने जा रही है।

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    साथ ही औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे। यह संकेत शुक्रवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने व्यापार, पर्यटन, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रतिनिधियों और पुलवामा व रियासी के विधायकों, डीडीसी अध्यक्षों व संबंधित जिला उपायुक्तों के साथ बजट पूर्व चर्चा के दौरान दिया।

    3 मार्च से बजट सत्र होगा शुरू, मुख्यमंत्री प्रस्तुत करेंगे वार्षिक बजट

    बजट सत्र तीन मार्च से शुरू हो रहा। इसमें मुख्यमंत्री ही वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक बजट प्रस्तुत करेंगे। लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को बजट पूर्व परामर्श जारी रखते हुए उमर ने विभिन्न क्षेत्रों और जिलों के मुद्दों और विकासात्मक प्राथमिकताओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी हासिल करने के लिए जन प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित लोगों के साथ व्यापक चर्चा की।

    आर्थिक विकास और औद्योगिक विकास पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने विनिर्माण, व्यापार और पर्यटन को समर्थन देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने रेलवे नेटवर्क के विस्तार का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे पठानकोट से जम्मू, फिर ऊधमपुर और कटड़ा तक कनेक्टिविटी में धीरे-धीरे सुधार हुआ है।

    इस साल रेलगाड़ी के श्रीनगर पहुंचने की योजना है। जम्मू की अर्थव्यवस्था पर आशंकाओं को दूर कर इसका वाणिज्यिक केंद्र के रूप में विकास सुनिश्चित करना होगा।

    पर्यटन के लए शीर्ष गंतव्य बन सकता है जम्मू

    उन्होंने जम्मू में धार्मिक और तीर्थ पर्यटन की संभावनाओं के दोहन पर जोर देते हुए कहा कि यदि प्रभावी ढंग से विपणन और प्रचार किया जाए, तो जम्मू धार्मिक पर्यटन के लिए भारत का शीर्ष गंतव्य बन सकता है।

    जम्मू में अधिकांश आगंतुक माता वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा के लिए आते हैं। तीर्थयात्रियों को प्रवास को बढ़ाने और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हमें अन्य धर्मस्थलों के विकास पर ध्यान देना होगा। उन्होंने श्रीनगर की तरह जम्मू में मैराथन के आयोजन और जम्मू हवाई अड्डे के विस्तार के लिए जारी योजनाओं का उल्लेख किया।

    मुख्यमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में निजी निवेश का समर्थन करते हुए कहा कि जम्मू व कश्मीर को निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए विधायी ढांचे की तलाश करनी चाहिए जिससे गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए अवसर उपलब्ध हों।

    उन्होंने प्रतिभागियों को बहुमूल्य इनपुट के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने जो विषय उठाए हैं, जो सुझाव दिए हैं उन्हें सरकार की नीतियों और विकास एजेंडे में शामिल किया जाएगा।

    हम सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि आपके विचार हमारी नीतियों में परिलक्षित हों। मुख्य सचिव अटल डुल्लू, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा शांतमनु, सीएम के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता, वित्त, समाज कल्याण, पर्यटन, उद्योग और वाणिज्य, युवा सेवा और खेल के प्रशासनिक सचिव, पुलवामा और रियासी के डीसी, विभिन्न विभागों के प्रमुख व्यक्तिगत और वर्चुअल उपस्थित रहे। बता दें कि विधानसभा में अंतिम बार बजट फरवरी 2018 में पेश किया था। 2019-20 से लेकर वर्ष 2024-25 तक का बजट संसद में ही पेश किया है।

    मुख्यमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में निजी निवेश का समर्थन करते हुए कहा कि जम्मू व कश्मीर को निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए विधायी ढांचे की तलाश करनी चाहिए जिससे गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए अवसर उपलब्ध हों।

    उन्होंने प्रतिभागियों को बहुमूल्य इनपुट के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने जो विषय उठाए हैं, जो सुझाव दिए हैं उन्हें सरकार की नीतियों और विकास एजेंडे में शामिल किया जाएगा। हम सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि आपके विचार हमारी नीतियों में परिलक्षित हों।

    मुख्य सचिव अटल डुल्लू, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा शांतमनु, सीएम के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता, वित्त, समाज कल्याण, पर्यटन, उद्योग और वाणिज्य, युवा सेवा और खेल के प्रशासनिक सचिव, पुलवामा और रियासी के डीसी, विभिन्न विभागों के प्रमुख व्यक्तिगत और वर्चुअल उपस्थित रहे।

    बता दें कि विधानसभा में अंतिम बार बजट फरवरी 2018 में पेश किया था। 2019-20 से लेकर वर्ष 2024-25 तक का बजट संसद में ही पेश किया है।

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    पंचायत संस्थानों को यूपीआई  सिस्टम से जोड़ा जाएगा

    पंचायत राज संस्थानों में नकद लेन-देन और चेक के जरिए भुगतान जल्द इतिहास का हिस्सा बन जाएगा। वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मामले विभाग ने सभी पंचायत संस्थानों में चरणबद्ध तरीके से डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया लागू करने का फैसला किया है।

    सभी पंचायत संस्थानों को एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा। ई-ग्राम स्वराज पहल के तहत सभी पंचायतों में डिजिटल भुगतान अनिवार्य बनाया जा रहा है।

    विभाग के अनुसार, देश के कई राज्यों में पंचायत राज संस्थानों ने विकास कार्यों और राजस्व संग्रह के लिए यूपीआई आधारित भुगतान प्रक्रिया को पूरी तरह अपना लिया है। लेकिन जम्मू-कश्मीर इस मामले में काफी पीछे हैं। प्रदेश में इस प्रणाली को कार्यान्वित किया जा रहा है।

    विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सभी पंचायतों के यूपीआई सिस्टम से जोड़ने बाद पंचायत राज संस्थानों में नकदी और चेक के जरिए भुगतान की प्रथा को समाप्त किया जाएगा। अगर नकद लेन-देन या चेक की प्रणाली को जारी रखने की जरूरत रहेगी तो भी कुछ विशेष मामलों में ही।

    इससे पंचायत राज संस्थानों में विभिन्न सेवा प्रदाताओं को भुगतान या फिर राजस्व संग्रह वास्तविक समय पर ऑनलाइन होगा। इससे वित्तीय लेन-देन त्वरित होगा। उसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी कम होगी। पंचायतों में विभिन्न गतिविधियों के लिए खर्च होने वाली धनराशि की लगातार निगरानी हो सकेगी।

    विभाग के अधिकारी ने बताया कि ई-स्वराज पहल के तहत पंचायतों में यूपीआई भुगतान और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली को कार्यान्वित करने के लिए सभी संबंधित सेवा प्रदाताओं और अन्य संबंधित पक्षों के साथ बैठकें व कार्यशाालाओं का भी आयोजन किया गया है। इस प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से तकनीकी और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है।

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