Jammu: मानसून में बढ़े सांपों के काटने के मामले, दो सप्ताह में ही 20 मरीज पहुंचे अस्पताल, रखें इन बातों का ख्याल
बारिश के मौसम में सांप के काटने के मामले बढ़ रहे हैं खासकर जम्मू के आरएसपुरा में। पिछले दो सप्ताह में 20 से ज़्यादा सर्पदंश के मामले सामने आए हैं। हालांकि समय पर इलाज मिलने से अभी तक कोई जान नहीं गई है। उपजिला अस्पताल आरएसपुरा पर मरीजों का दबाव बढ़ गया है। किसान नेता मोहन सिंह ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध कराने की सलाह दी।

संवाद सहयोगी, जागरण, आरएसपुरा। बारिश का मौसम शुरू होते ही सांप के काटने के मामले बढ़ने लगे हैं। बारिश का पानी बिल में घुसने से सांप बाहर निकल रहे हैं। बारिश, उमस के चलते सांप के निकलने, घरों में आने, सांप के बच्चों, किसानों और महिलाओं को डसने और सांप काटने से मौत की घटनाएं होने लगी हैं।
पिछले दो सप्ताह में ही 20 से ज्यादा सर्पदंश की घटनाएं हुई हैं। अच्छी बात यह है कि अभी तक इसकी वजह से किसी की जान नहीं गई है। औसतन हरेक दिन दो से चार मामले अस्पताल में सर्पदंश के पहुंच रहे हैं।
सर्पदंश के बढ़ते इन मामलों की वजह से उपजिला अस्पताल आरएसपुरा में दिन-व-दिन मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है।
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अस्पताल प्रबंधन के अनुसार पिछले दो सप्ताह में सांप डसने के लगभग 15 से 20 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकतर मामले ग्रामीण इलाकों जैसे सुचेतगढ़, अरनिया, कोरोटाना, जोंगवाल, और सतरइयां से आए हैं, जहां बारिश के कारण खेतों और घरों के आसपास सांपों की आवाजाही बढ़ गई है।
डॉक्टरों का कहना है कि समय पर अस्पताल पहुंचने से अधिकतर मरीजों को सफल इलाज दिया गया, जिसकी वजह से उनकी जान बचाई जा सकी। अस्पताल में फिलहाल एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता है। अगर इसी तरह लगातार मामलों में बढ़ोतरी होती गई तो परेशानी हो सकती है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने भी अतिरिक्त स्टॉक और संसाधन भेजने की उच्चाधिकारियों से मांग की है।
वहीं किसान नेता चौधरी मोहन सिंह का कहना है कि बरसात का मौसम है, ऐसे में सांप डसने के मामले बढ़ते हैं। उन्होंने ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से इस बढ़ती समस्या को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी ताकि मरीजों को समय रहते इलाज मिल सके।
वहीं स्थानीय निवासी ताराचंद का कहना है कि बरसात के मौसम में सांप डसने के मामले आम होते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे प्राथमिक केन्द्र में इसका उपचार उपलब्ध करवाए।
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उपजिला अस्पताल आरएसपूरा के अधीन करीब 200 से ज्यादा गांव आते हैं और इन गांवों के लोग उपचार के लिए इसी अस्पताल पर निर्भर हैं। ऐसे में कई बार दूर के गांव के मरीजों को यहां पहुंचने में देर हो जाती हैं। अगर प्राथमिक केन्द्र में इलाज की सुविधा हो तो लोगों को लाभ हो सकता है।
वहीं ब्लॉक मेडिकल अधिकारी डॉ बलविंद्र सिंह का कहना है कि स्नेक बाइट का उपचार प्राथमिक केन्द्र पर संभव नहीं है। उहोंने ने कहा कि इसके लिए लैब चाहिए और भी जरूरी होता है। इस लिए यह उपजिला अस्पताल में ही उपलब्ध है।
इसी बीच अस्पताल में तैनात डॉ. साहिल ने लोगों को हिदायत दी कि बरसात के इन दिनों में वे अगर खेतों में काम कर रहे हैं तो रबर के लांग जूते पहनें, अंधेरे में चलते समय टॉर्च का उपयोग करें। अगर किसी को सांप डस ले तो घरेलू उपायों में समय गवाने के बजाय तुरंत अस्पताल पहुंचें।
अस्पताल लाने से पहले उन्होंने पीड़ित को तसल्ली देकर शांत करने को कहा ताकि ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहे। जितना बीपी बढ़ेगा, शरीर में जहर उतनी ही तेजी से फैलेगा। जिस जगह भी सांप ने काटा है उसके पास रूमाल को इतना टाइट बांधे कि कसावट में पैंसिल आ जाए।
सर्पदंश की जगह कट नहीं लगाए, जहर मुंह से नहीं खींचे। सोने नहीं दें। अगर सांप ने हाथ में काटा है तो हाथ फोल्ड कर इस तरह से लटकाएं कि जैसे फ्रेक्चर हुआ हो। पीडि़त को खड़ा न होने दें। चलने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा।
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