Jammu: कचरे में नहीं जाएंगे मंदिरों के फूल, निगम करेगा निस्तारण, फूलों को उठाने के लिए किेये ये इंतजाम
जम्मू नगर निगम (JMC) ने बावे माता मंदिर और आप शम्भु मंदिर से फूलों व पूजा सामग्री को अलग से उठाना शुरू किया है ताकि कचरे में धार्मिक सामग्री न जाए। इन फूलों से खाद बनाई जाएगी और भविष्य में धूप-अगरबत्ती बनाने की भी योजना है। निगम अमरनाथ यात्रियों के कचरे से भी खाद बना रहा है।

जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू नगर निगम ने शहर के प्रसिद्ध बावे माता मंदिर अौर रूपनगर स्थित आप शम्भु मंदिर से निकलने वाले फूलों व पूजा सामग्री को अलग से उठाना शुरू किया है। अब मंदिरों की धार्मिक सामग्री कचरे के ढेर में न जाकर सीधे आटो से मशीनों तक पहुंचेगी और इसका निस्तारण खाद के रूप में कर दिया जाएगा।
इससे पहले रूटीन में ही कचरे के साथ आटो में इस धार्मिक सामग्री को भी निगम के आटो में मंदिर प्रबंधन कमेटियों द्वारा डाला जाता था। निगम ने इस सामग्री को अलग से उठाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए फिलहाल इन दोनों मंदिरों से शुरूआत कर दी है। इस सामग्री को नरवाल स्थित सब्जी मंडी में स्मार्ट सिटी द्वारा लगाई गई मशीनरी में डालकर इसकी खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की है।
आने वाले दिनों में जम्मू शहर के अन्य मंदिरों से भी फूलों व अन्य पूजा-पाठ की सामग्री को अलग से उठाने के प्रबंध करेगा। फिलहाल इस सामग्री से खाद ही बनाई जा रही है लेकिन भविष्य में फंड्स की उपलब्धता हुई तो इन फूलों से धूप, अगरबत्ती बनाने का भी विचार है। चूंकि इसके लिए अलग से यूनिट लगाना पड़ता है और काफी खर्च भी होता है।
यह भी पढ़ें- जम्मू के बाद, अब पांच अगस्त को श्रीनगर में दिए जाएंगे आतंकवाद पीड़ितों के स्वजनों को नियुक्ति पत्र
निगम अधिकारियों का दावा है कि जब से श्री अमरनाथ यात्रा शुरू हुई है, नरवाल सब्जी मंडी में लगाई गई मशीनरी से यात्रियों के ठहरने के स्थलों से निकलने वाले कचरे से भी यहां खाद बनाई जा रही है। यह मशीनरी हार्टिकल्चर विभाग के अधीन थी जिसे अब निगम इस्तेमाल कर कचरे का निस्तारण कर रहा है।
क्या कहते हैं लोग
‘कम से कम मंदिरों में चढ़ने वाले फूल, हार व अन्य पूजा सामग्री को कचरे में नहीं फेंका जाना चाहिए। यह अच्छी बात है कि जम्मू नगर निगम अब अलग से आटो लगाकर इसे उठा रहा है।’ -नंद लाल, निवासी त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन
‘सभी मंदिरों से निगम को अलग आटो भेज कर फूल, पूजा सामग्री काे एकत्र कर उठाना चाहिए। मंदिर कमेटियों को भी चाहिए कि वे इस सामग्री को अलग से निगम के आटो वालों को सौंपे।’ -सरोज कुमारी, निवासी त्रिकुटा नगर
‘फूलों से धूप, अगरबत्ती बन सकती है। किसी संस्था को यह सब सौंपने बारे निगम को सोचना चाहिए। इससे फूल भी ठिकाने लग जाएंगे और किसी का भला भी हो जाएगा।’ -रणजीत सिंह, निवासी नानक नगर
यह भी पढ़ें- तीन घंटे में खेल खत्म... ड्रोन लॉन्च, आतंकियों की पहचान और तीन आतंकी ढेर; पढ़िए Operation Mahadev की पूरी Timeline
बना रहे हैं खाद
‘फिलहाल बावे माता मंदिर और आप शम्भु मंदिर से फूलों व पूजा-पाठ संबंधी अन्य सामग्री को अलग से उठाने की व्यवस्था की है। इससे लोगों की आस्था जुड़ी रहती है। इसे कचरे में न मिलाकर अलग से नरवाल में मशीनों में डालकर खाद बनाई जा रही है। आने वाले दिनों में बाकी मंदिरों से भी ऐसे ही अलग से फूलों को उठाने का इरादा है।’ -डा. विनोद शर्मा, हेल्थ आफिसर, जेएमसी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।