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    SMVDU मैकेनिकल इंजीनियरिंग के दो छात्रों का चंद्रयान-3 मिशन में योगदान, ISRO के साथ कर रहे काम

    By Jagran NewsEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Tue, 29 Aug 2023 03:58 PM (IST)

    Chandrayaan-3 mission श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) के दो पूर्व छात्र प्रतिष्ठित चंद्रयान-3 अंतरिक्ष मिशन के अभिन्न सदस्य थे। सु ...और पढ़ें

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    SMVDU मैकेनिकल इंजीनियरिंग के दो छात्रों का चंद्रयान-3 मिशन में योगदान

    कटड़ा, जागरण संवाददाता। Chandrayaan-3 mission: श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) के दो पूर्व छात्र प्रतिष्ठित चंद्रयान-3 अंतरिक्ष मिशन (Chandrayaan-3 mission) के अभिन्न सदस्य थे, जो असाधारण इंजीनियरिंग प्रतिभा पैदा करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण क्षमताओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से इस मिशन को देश के एयरोस्पेस प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना गया है।

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    इसरो के साथ काम कर रहें हैं छात्र

    सुमित रतन व अर्नब लाहिरी दोनों एसएमवीडीयू से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ स्नातक हैं और वर्तमान में वैज्ञानिक के रूप में इसरो के साथ काम कर रहे हैं, जिन्होंने मिशन के विभिन्न पहलुओं में अपनी विशेषज्ञता का योगदान दिया है। अर्नब लाहिरी कोलकाता के और सुमित रतन धनबाद झारखंड के निवासी हैं। दोनों ने 2009 बैच में एसएमवीडीयू से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की।

    क्या बोले विद्यालय के प्रोफेसर?

    विश्वविद्यालय के संकाय और स्टाफ सदस्य प्रोफेसर ई. मुथुस्वामी, स्कूल आफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग हेड और प्रोफेसर प्रगति कुमार, एसएमवीडीयू के कुलपति ने पूर्व छात्रों की उपलब्धियों पर बेहद गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सार्थक योगदान देने में सक्षम असाधारण प्रतिभा को पोषित करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

    चंद्रयान-3 है भारत की तकनीकी प्रगति का प्रमाण

    हम अपने पूर्व छात्रों को चंद्रयान में उनकी महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए बधाई देते हैं और अंतरिक्ष मिशन व भविष्य में उनसे और अधिक उल्लेखनीय उपलब्धियों की आशा है। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष मिशन, भारत की तकनीकी प्रगति का एक प्रमाण है, जो देश की मानव संसाधन पूंजी को आकार देने में एसएमवीडीयू जैसे संस्थानों द्वारा किए गए मूल्यवान योगदान की याद दिलाता है।