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    'आतंक पर नियंत्रण के बाद नागरिक अधिकारों की रक्षा को बनाएं प्राथमिकता', समीक्षा बैठक में बोले गृह मंत्री अमित शाह

    Updated: Wed, 19 Feb 2025 11:29 AM (IST)

    गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर नियंत्रण के बाद नागरिकों के अधिकारों की रक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। नई दिल्ली में समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने पुलिस और प्रशासन के दृष्टिकोण में बदलाव लाने पर बल दिया। बैठक में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए। शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों के माध्यम से त्वरित न्याय सुनिश्चित करने में तकनीक के उपयोग पर जोर दिया।

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    समीक्षा बैठक के दौरान अमित शाह, उमर अबदुल्ला और उप राज्यपाल

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से नागरिकों के अधिकार व कानून-व्यवस्था बनाए रखने को पहली प्राथमिकता करार दिया। वह मंगलवार को नई दिल्ली में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के संबंध में जम्मू-कश्मीर की समीक्षा बैठक ले रहे थे।

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    उन्होंने नए कानून के अनुपालन के लिए पुलिसकर्मियों और प्रशासन के दृष्टिकोण में भी बदलाव लाने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने आतंकी हिंसा पर नियंत्रण और सुरक्षा परिदृश्य की स्थित पर संतोष जाहिर किया।

    बैठक में पहली बार शामिल हुए मुख्यमंत्री

    यह पहला अवसर है कि केंद्रीय गृहमंत्री ने जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था और सुरक्षा परिदृश्य से संबधित किसी बैठक में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी शामिल किया हो। मौजूदा परिस्थितियों में जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से उप राज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक के विभिन्न प्रविधान के क्रियान्वयन और वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई।

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    आम नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा पुलिस की प्राथमिकता होना चाहिए:अमित शाह

    इस अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रदेश के सुरक्षा परिदृश्य में सुधार का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकवाद पर नियंत्रण और सुरक्षा परिदृश्य में व्यापक सुधार के बाद अब आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में फरार अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने के प्रावधान के त्वरित इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि आरोप पत्र दायर करने की प्रक्रिया में गति लाने के साथ ही उसे समय पर दायर करने के लिए पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए।

    तीन नए आपराधिक कानून के माध्यम से त्वरित न्याय में तकनीक का अधिकतम उपयोग करने पर बल

    उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों के माध्यम से त्वरित न्याय सुनिश्चित करने में तकनीक का अधिकतम उपयोग करना चाहिए।

    उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कठिन परिस्थितियों के बावजूद नए कानूनों के क्रियान्वयन की दिशा में हुए काम पर संतोष जताते हुए अप्रैल 2025 तक इनके पूर्ण तौर पर क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

    उन्होंने कहा कि इस सबंध में साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक तौर पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के स्तर पर समीक्षा होनी चाहिए।

    उन्होंने जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में नाफिस (एनएएफआइएस) के यथासंभव प्रयोग को सुनिश्चित बनाने कानिर्देश दिया। नाफिस एक राष्ट्रीय स्वचालित फ़िंगरप्रिंट पहचान प्रणाली है।

    यह एक केंद्रीयकृत डेटाबेस है, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के फ़िंगरप्रिंट डेटा को जमा किया जाता है। इस डेटाबेस की मदद से अपराधियों की पहचान की जाती है। उन्होंने जांच अधिकारियों को नए कानूनों के प्रविधानों से पूरी तरह अवगत कराने के लिए उनके शत-प्रतिशत प्रशिक्षण को शीघ्र पूरा करने का भी निर्देश दिया।

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