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    गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी की सभी इकाइयों को भंग किया; क्या होगा DPAP का भविष्य?

    गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने अपनी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (Democratic Progressive Azad Party) की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है जिसमें प्रदेश संभागीय जिला और ब्लॉक कमेटियां शामिल हैं। यह फैसला लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद लिया गया है। अब पुनर्गठन की उम्मीद है। इस पार्टी का गठन 22 सितंबर 2022 को हुआ था।

    By satnam singh Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 14 Apr 2025 09:38 PM (IST)
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    गुलाम नबी आजाद ने डीपीएपी की सभी इकाइयों को भंग किया (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चेयरमैन और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है। इसमें प्रदेश, संभागीय, जिला व ब्लाक कमेटियां शामिल हैं।

    उन्होंने पार्टी के प्रवक्ताओं के पैनल भी भंग कर दिए है। चेयरमैन गुलाम नबी आजाद के सचिव बशीर आरिफ की तरफ से यह जानकारी दी गई। यह कहा गया है कि आने वाले समय में इकाइयों का पुनर्गठन किया जाएगा।

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    साल 2022 में बनाई थी अपनी पार्टी

    बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त 2022 को कांग्रेस अलविदा कहते हुए 22 सितंबर 2022 को डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का गठन किया था। जब आजाद ने पार्टी का गठन किया तो बढ़ी संख्या में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आजाद की पार्टी का दामन थाम लिया मगर कुछ समय के बाद ही ताराचंद, बलवान सिंह, मनोहर लाल जैसे नेताओं ने आजाद से किनारा कर कांग्रेस में घर वापसी कर ली।

    चुनावों में डीपीएपी की हुई बुरी हार

    आजाद ने अपनी पार्टी की मजबूती के लिए जम्मू कश्मीर में काफी रैलियां की। जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने, रोशनी कानून वापिस लाने समेत कई मुद्दों को उठाया। इकाइयों का गठन किया। उसके बाद लोकसभा के चुनाव आ गए। पार्टी ने चुनाव में चार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जो सभी बुरी तरह से हार गए। यह आजाद के लिए पहला झटका था।

    उसके बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव की तैयारियां की। पूरे प्रदेश के दौरे कर रैलियां की। विधानसभा चुनाव पिछले साल हुए जिसमें आजाद की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा।

    चुनाव के दौरान आजाद के दो करीबियों जीए सरूरी और जुगल किशोर ने निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर चुनाव लड़ा। दोनों चुनाव हार गए। हार के बाद आजाद ने काफी समय तक जम्मू का दौरा नहीं किया। कोई मंथन, कोई बैठक नहीं हुई।

    आजाद ने सारी इकाइयों को किया भंग

    पिछले काफी समय से पार्टी की गतिविधियां थमी हुई थी। अब आजाद ने सारी इकाइयों को भंग कर दिया है। पार्टी के नेता काफी समय से असमंजस में थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता आरएस चिब का कहना है कि आजाद ने पार्टी की इकाइयों को भंग कर दिया है। अब आगे के कदम के बारे में चेयरमैन ही खुलासा करेंगे।

    कई नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे काफी समय से असमंजस में हैं। पार्टी की भावी रणनीति का कोई अता पता नहीं है। अब इकाइयों को भंग करने के बाद पुनर्गठन को लेकर आजाद का अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।

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