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    जम्मू में गट्टू डोर बना जानलेवा जाल, इंसान-पक्षी ही नहीं पर्यावरण के लिए भी है घातक

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 04:39 PM (IST)

    जम्मू में चाइनीज मांझा (गट्टू डोर) मनोरंजन की जगह भयावह रूप ले रहा है। यह इंसानों पक्षियों और पर्यावरण के लिए घातक है। गट्टू डोर नायलान या प्लास्टिक कोटेड मेटल से बनी होती है जो बेहद मजबूत और धारदार होती है। जिला प्रशासन ने इस पर प्रतिबंध लगाया है लेकिन चोरी-छुपे बिक्री जारी है।

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    गट्टू डोर की जगह सूत या साधारण नायलान डोर का प्रयोग किया जा सकता है।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। एक ओर जहां पतंगबाजी को मनोरंजन और परंपरा का हिस्सा माना जाता है, वहीं दूसरी ओर इसका एक भयावह रूप चाइनीज मांझा (गट्टू डोर) के रूप में सामने आ रहा है। यह डोर न केवल इंसानों की जान के लिए खतरा बन चुका है, बल्कि पक्षियों, पशुओं और पर्यावरण के लिए भी घातक साबित हो रहा है।

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    गट्टू डोर मुख्य रूप से नायलान या प्लास्टिक कोटेड मेटल से बनी होती है, जो बेहद मजबूत और धारदार होती है। इसकी धार इतनी तीव्र होती है कि यह चलते दोपहिया वाहन चालकों की गर्दन तक काट देती है।

    जम्मू की बात करें तो प्रत्येक वर्ष रक्षा बंधन और जन्माष्टमी के अवसर पर गट्टू डोर से घातक हादसों की खबरें सामने आती हैं। कई मामलों में लोग या तो गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं या जान गंवा बैठते हैं।

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    पक्षियों के लिए बन रहा मौत का जाल, पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव

    गट्टू डोर पेड़ों, टेलीफोन और बिजली के खंभों में लिपट जाती है और वहां से गुजरने वाले पक्षी इसमें उलझकर घायल हो जाते हैं या मौत का शिकार बन जाते हैं। आंकड़ों के अनुसार, पतंगबाजी के मौसम में सैकड़ों पक्षी घायल होते हैं, जिनमें से बहुतों को बचाया नहीं जा सकता। यह स्थिति जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इतना ही नहीं गट्टू डोर में इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक जैव नष्ट नहीं होता, जो लंबे समय तक पर्यावरण में बना रहता है। यह नालियों और जल स्रोतों में जाकर पानी को प्रदूषित करता है और पशु यदि इसे निगल लें तो उनकी मौत तक हो सकती है। खुले में फेंके गए मांझे के टुकड़े न केवल गंदगी फैलाते हैं, बल्कि इंसानों के लिए भी खतरनाक होते हैं, विशेषकर बच्चों के लिए।

    कानूनन प्रतिबंधित है गट्टू डोर

    जिला प्रशासन जम्मू ने चाइनीज मांझा पर प्रतिबंध लगाए हैं। जम्मू पुलिस दुकानदारों को चेतावनी दी है कि यदि वे इसे बेचते पाए गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद आनलाइन माध्यम और चोरी-छुपे बिक्री का सिलसिला जारी है, जो नियमों की खुली अवहेलना है। पतंग उड़ाना कोई अपराध नहीं, लेकिन इसका तरीका यदि किसी की जान ले, तो यह मनोरंजन नहीं, अपराध बन जाता है। ऐसे में नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे इस गंभीर मुद्दे को समझें और ऐसा कोई कदम न उठाएं, जिससे किसी मासूम की जान या किसी निर्दोष परिंदे की उड़ान हमेशा के लिए थम जाए।

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    गट्टू डोर के क्या है विकल्प?

    गट्टू डोर की जगह सूत, काटन या साधारण नायलान डोर का प्रयोग किया जा सकता है, जो पर्यावरण और जीव-जंतुओं के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित है। प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने लोगों से अपील की है कि वे गट्टू डोर के उपयोग से बचें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें।