सेफ्टी आडिट में फेल हुई गांधीनगर अस्पताल की इमारत होने लगी खाली, मैटरनिटी अस्पताल शिफ्ट हो रहे मरीज
जम्मू के गांधीनगर अस्पताल की पुरानी इमारत को खाली करने का काम शुरू हो गया है क्योंकि यह सेफ्टी ऑडिट में फेल हो गई थी। मरीजों को मैटरनिटी अस्पताल में भेजा जा रहा है। डिजाइन और क्वालिटी कंट्रोल विभाग ने इमारत को असुरक्षित घोषित किया था। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को उठाया जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। सेफ्टी आडिट में फेल हो चुकी स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े गांधीनगर अस्पताल की पुरानी इमारत को खाली करना शुरू कर दिया है।
विभागीय अधिकारियों की देखरेख में मरीजों को साथ लगते मैटरनिटी अस्पताल में भेजना शुरू किया है। एक सप्ताह के भीतर सभी मरीजों व आपरेशन थियेटरों को मैटरनिटी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि करीब एक महीने पहले डिजाइन और क्वालिटी कंट्रोल विभाग ने अपनी रिपोर्ट में इस अस्पताल की इमारत को असुरक्षित घोषित कर दिया था।इसके बाद अस्पताल को शिफ्ट करने की चर्चा तो हुई लेकिन कोई भी फैसला नहीं हुआ।
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दैनिक जागरण ने अपने 29 अगस्त के अंक में गांधीनगर अस्पताल की इमारत के कभी भी गिरने की आशंका का मुद्दा उठाया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डा. सैयद आबिद रशीद शाह स्वयं गांधीनगर अस्पताल में स्थिति का निरीक्षण करने पहुंचे और उन्होंने अस्पताल के मरीजों को मैटरनिटी अस्पताल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
गत रविवार को राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू के प्रिंसिपल डा. आशुतोष गुप्ता और स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. जरगर गांधीनगर अस्पताल में पहुंचे और उन्होंने एक अहम बैठक कर अस्पताल में भर्ती मरीजों को मैटरनिटी अस्पताल में शिफ्ट करने को कहा।इसके बाद पांच वाडों को खाली करवा कर मरीजों को मैटरनिटी अस्पताल में भेज दिया गया।
वहीं प्रिंसिपल जीएमसी जम्मू ने मैटरनिटी अस्पताल के प्रभारी को जरूरी सभी सामान श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल के नए ब्लाक में भेजने के निर्देश दिए।गांधीनगर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को यह निर्देश दिए गए कि वे प्रशासनिक ब्लाक, इमरजेंसी ब्लाक और वाडों को तुरंत नर्द इमारत में शिफ्ट करें।
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जानें क्या थी ऑडिट रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया था कि अस्पताल की यह इमारत 65 वर्ष से अधिक पुरानी है और अपनी उम्र पूरी कर चुकी है। इसकी मजूबती भी बहुत कम रह गई है। इसकी दीवारों, छत में पानी का रिसाव होने से यह और कमजोर होती जा रही है। यह भी देखा गया है कि इस इमारत में कई जगहों पर दरारें भी आ चुकी हैं। इसके टेस्ट करने पर भी यह सामने आया है कि मजबूती तय मानकों से कम है।
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