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    प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्यों ने बनाई नई पॉलिटिकल पार्टी, राजनीति में एंट्री करने को हैं तैयार

    Updated: Mon, 24 Feb 2025 09:24 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्यों ने भारतीय लोकतंत्र में भाग लेने के लिए एक नया राजनीतिक दल बनाया है। जम्मू-कश्मीर जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट (Jammu and Kashmir Justice and Development Front) नाम के इस दल के सदस्य जल्द ही होने वाले पंचायत और निकाय चुनावों में भाग लेंगे। विधानसभा चुनाव में भी इन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर हिस्सा लिया था।

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    प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्यों ने बनाया नया सियासी संगठन (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक चुनावों का बहिष्कार करने वाले प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्य भारतीय लोकतंत्र के साथ कदमताल करने को लालायित हैं। चुनाव में हिस्सा लेने के लिए इस संगठन के पूर्व सदस्यों ने अब अपना नया राजनीतिक दल भी बना लिया है।

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    उन्होंने इस राजनीतिक दल का नाम दिया है- जम्मू-कश्मीर जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट। जमात के पूर्व सदस्य अब इसी संगठन के बैनर तले लोगों से वोट मांगते नजर जाएंगे। इसके सदस्य चुनाव लड़ने की शुरुआत जल्द होने वाले पंचायत एवं निकाय चुनावों से कर सकते हैं।

    विधानसभा चुनाव में भी लिया था हिस्सा

    प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के कुछ पूर्व सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर में गत वर्ष सितंबर-अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लिया था, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतरे थे। अब इन्होंने नया राजनीतिक दल बना लिया है।

    जमात के पूर्व सदस्यों ने रविवार को अपने राजनीतिक दल के गठन की घोषणा की। इसकी घोषणा दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में हुए एक कार्यकर्ता सम्मेलन में की। यह क्षेत्र कभी प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी का आधार क्षेत्र हुआ करता था।

    शमीम अहमद ने पत्रकारों से कही ये बात

    सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत में जमात के पूर्व सदस्य एवं जम्मू-कश्मीर जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट के अध्यक्ष शमीम अहमद ने कहा कि उन्होंने एक नया आंदोलन शुरू किया है। पिछले साल के विधानसभा चुनावों में जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्यों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम इससे दुखी नहीं थे।

    उन्होंने कहा कि बेशक हम चुनाव हार गए, लेकिन हमें 26 हजार वोट मिले। लोगों ने हमारा बहुत समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 37 साल बाद हमारे लोगों ने खुद को संगठित किया और हमें वोट देने के लिए आगे आए।

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    सयीर रेशी ने कुलगाम से लड़ा था चुनाव

    प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के एक अन्य पूर्व सदस्य एवं मोर्चे के महासचिव सयीर रेशी ने कुलगाम क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह भी सम्मेलन में थे। उन्होंने कहा कि नए मोर्चे का उद्देश्य एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करना है जो न्याय और वास्तविक विकास के प्रयासों पर आधारित हो।

    उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में मोर्चे के पास अपना पंजीकरण नहीं था। अन्यथा, हम एक ही चुनाव चिह्न के तहत चुनाव लड़ते। हमने आज औपचारिक घोषणा की है, लेकिन इसकी विधिवत शुरुआत श्रीनगर से की जाएगी। नया संगठन हर क्षेत्र से शिक्षित लोगों का चयन करेगा जो अपने लोगों के लिए खड़े होंगे और लोगों को सभी सामाजिक बुराइयों से दूर रखेंगे।

    सभी तरह के चुनावों में हिस्सा लेगा मोर्चा

    मोर्चा के महासचिव सयीर रेशी न यह भी घोषणा की कि मोर्चा जम्मू-कश्मीर में भविष्य के सभी चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि सबकुछ ठीक रहा तो हम स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेंगे और दावा है कि हम उनमें जीत हासिल करेंगे।

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