Reasi Terror Attack: 'ड्राइवर को मारी गोली तो कंडक्टर ने संभाला स्टीयरिंग...', आखिर कैसे दोनों ने बचाई श्रद्धालुओं की जान
जम्मू-कश्मीर के रियाशी (Reasi Terror Attack) में आतंकवादियों ने श्रद्धालुओं से भरी बस पर गोलीबारी कर दी। इस हमले में नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई। वहीं 41 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई। वहीं बस कंपनी के मैनेजर रंजीत ने बताया कि ये इलाका काफी सुरक्षित था हमने इस हमले की उम्मीद नहीं की थी। बस ड्राइवर और कंडक्टर ने अपनी जान गंवाकर कई श्रद्धालुओं की जिंदगी बचाई।
डिजिटल डेस्क, जम्मू। रियासी में शिवखोड़ी से वापस लौटते समय श्रद्धालुओं से भरी बस पर आतंकी हमला हो गया। इस आतंकी हमले में नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई। वहीं 41 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस आतंकी हमले की NIA जांच कर रही है। वहीं, इस मामले में बस कंपनी के मैनेजर रंजीत ने बताया कि बस कटरा से शिव खोड़ी तक रोजाना जाती है। हम कश्मीर में ऐसी बातें सुनते थे, यह इलाका सुरक्षित था। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे साथ ऐसा हो सकता है।
हमने कभी नहीं सोचा था- बस मैनेजर
मैनेजर रंजीत सिंह ने कहा कि बस कटरा से शिव खोड़ी (Shiv Khodi Bus Attack) तक रोजाना चलती थी, डेली बुकिंग होती थी। लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी गाड़ी के साथ ऐसा हो सकता है। हम कश्मीर में ऐसी बातें सुनते थे, लेकिन यह इलाका सुरक्षित था। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे साथ ऐसा हो सकता है। सुबह जैसे ही बस चली, हमें 5 बजे फोन आया कि हमारी गाड़ी पर फायरिंग हुई है। जब हमने थोड़ी जांच की, तो पता चला कि यह आतंकवादियों का हमला था।
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बस ड्राइवर को मार दी गोली फिर कंडक्टर ने संभाला स्टीयरिंग
उन्होंने आगे कहा कि यात्रियों ने हमें बताया कि आतंकवादी बस में चढ़ गया और उसने ड्राइवर से यात्रियों को बस से उतारने को कहा। ड्राइवर को लगा कि वह व्यक्ति आतंकवादी है। उसने यात्रियों को उतारने से मना कर दिया, उसने बस की गति बढ़ा दी। जैसे ही उसने बस की गति बढ़ाई, आतंकवादी ने गोली चला दी। बस का संतुलन बिगड़ गया, लेकिन ड्राइवर बस चलाता रहा। जब ड्राइवर नहीं रुका, तो उसने (आतंकवादी ने) उसके सिर में गोली मार दी और उसे मार डाला...फिर कंडक्टर ने स्टीयरिंग संभाली।
कंडक्टर को भी मार दी गोली
जैसे ही उसने ऐसा किया, आतंकवादी ने कंडक्टर पर भी 3-4 गोलियां चलाईं। उसने उन दोनों को मार डाला। बस का संतुलन बिगड़ गया और वह खाई में गिर गई। अगर ड्राइवर ने होश न दिखाया होता, तो कोई भी यात्री बच नहीं पाता। वे बस में आग भी लगा सकते थे। ड्राइवर ने अच्छा काम किया और 40 यात्रियों के लिए खुद को कुर्बान कर दिया।
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