Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जम्मू में कुत्तों की आबादी होगी नियंत्रित, रोजाना 40 से 50 कुत्तों की होगी नसबंदी

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 05:03 PM (IST)

    जम्मू नगर निगम ने कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए चौआदी में एक और नसबंदी केंद्र खोला है। पहले से ही रूपनगर में एक केंद्र था। इस पहल से प्रतिदिन 40 से 50 कुत्तों की नसबंदी की जा सकेगी। निगम आयुक्त डा. देवांश यादव के अनुसार यह केंद्र भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करेगा और शहर में आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करेगा।

    Hero Image
    जम्मू वासियों से सहयोग करने का आग्रह किया गया है।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। मंदिरों के शहर को कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने के लिए जम्मू नगर निगम ने एक और नसबंदी केंद्र चौआदी में स्थापित किया है। इससे पहले रूपनगर में एक नसबंदी केंद्र था। अब रोजाना 40 से 50 कुत्ताें की नसबंदी होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जन सुरक्षा सुनिश्चित करने, कुत्तों के काटने की घटनाओं को कम करने और पशु कल्याण को बढ़ावा देने के लिए निगम ने इस केंद्र को शुरू किया है। निगम ने एक अतिरिक्त नसबंदी केंद्र शुरू करके अपने पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रम का विस्तार किया है।

    निगम आयुक्त डा. देवांश यादव के निर्देशन में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य भारत सरकार और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मानवीय और वैज्ञानिक तरीकों से जम्मू शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना है। अभी तक लावारिस कुत्तों की नसबंदी केवल रूप नगर केंद्र में ही की जाती थी।

    यह भी पढ़ें- धार्मिक पर्यटक स्थलों का सर्किट तैयार करेगा जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

    जहां प्रतिदिन 12 से 18 कुत्तों की नसबंदी की जाती थी। अब चौआदी में केंद्र चालू होने से निगम की नसबंदी क्षमता दोगुनी हो गई है। अब दोनों केंद्रों में प्रतिदिन लगभग 40-50 आवारा कुत्तों की नसबंदी की जा रही है।

    कुत्तों की आबादादी रोकने में नसबंदी अहम

    आवारा कुत्तों की अनियंत्रित आबादी से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने में नसबंदी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नसबंदी किए गए कुत्ते आमतौर पर अधिक स्वस्थ, शांत और प्रजनन करने में असमर्थ होते हैं। जिससे समय के साथ आवारा कुत्तों की आबादी में धीरे-धीरे और मानवीय रूप से कमी आती है।

    43 हजार कुत्ते

    जम्मू शहर में करीब 43 हजार लावारिस कुत्तें हैं। इनमें से करीब 34 हजार कुत्तों की नसबंदी करने का दावा जम्मू नगर निगम करता है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम सीमा के भीतर एबीसी/एआरवी कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण कुत्ते के काटने के मामले वर्ष 2021-22 में 5184 से घटकर 2022-23 में 2057 हो गए हैं। जबकि वर्ष 2023-24 में इनकी संख्या 2010 रही। नगर निगम ने शहर के सभी 75 वार्डों में पशु जन्म नियंत्रण और एंटी रेबीज टीकाकरण कार्यक्रम चलाने के लिए कार्यान्वयन एजेंसी मेसर्स फ्रेंडिकोज़-सेका (पंजीकृत) के साथ एक समझौता किया हुआ है जो रूपनगर केंद्र में कुत्तों की नसबंदी व टीकारण करती है।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    ‘रूपनगर और चौआदी दोनों केंद्र सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार प्रतिदिन संचालित हो रहे हैं। निवासियों से अनुरोध है कि वे अपने इलाके में बिना नसबंदी वाले आवारा कुत्तों को देखें तो निगम को सूचित करें ताकि उन्हें जल्द से जल्द इस कार्यक्रम में शामिल किया जा सके। आवारा कुत्तों को नुकसान न पहुंचाएं, उनका स्थान न बदलें क्योंकि इससे कार्यक्रम बाधित होता है और पशु संरक्षण कानूनों का उल्लंघन होता है। अब रोजाना 40 से 50 कुत्तों की नसबंदी होगी। लोग भी सहयोग करें। यहां बीमार, चोटिल जानवरों का भी इलाज किया जाता है।’ -डा. गौरव चौधरी, पशु कल्याण अधिकारी, जम्मू नगर निगम

    यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में मौसम विभाग ने कई जिलों जारी किया रेड अलर्ट, अगले 3 दिनों में बहुत भारी बारिश की संभावना

    comedy show banner
    comedy show banner