जम्मू-कश्मीर कांग्रेस का केंद्र पर तीखा हमला, बोले- '8 सालों में 55 लाख करोड़ गब्बर सिंह टैक्स (GST) के जरिए वसूले'
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने टैक्स के माध्यम से जनता से 55 लाख करोड़ रुपये वसूले हैं। जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताया और आरोप लगाया कि इससे आम आदमी को लूटा गया। कांग्रेस ने यह भी कहा कि सरकार किसानों को भी नहीं बख्श रही है और उन पर भी टैक्स लगा रही है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि बीते 8 वर्षों में केंद्र सरकार ने 9 अलग-अलग टैक्स स्लैब के जरिए आम जनता से 55 लाख करोड़ रुपये से अधिक टैक्स वसूला।
कांग्रेस ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स करार देते हुए कहा कि यह टैक्स प्रणाली पूरी तरह जनविरोधी रही और अब जब विपक्ष के भारी दबाव के बाद इसमें कुछ सुधार किए गए हैं, तो मोदी सरकार इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला, मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा, मीडिया समन्वयक नीरज गुप्ता, प्रवक्ता कपिल सिंह, सेवा दल प्रमुख विजय शर्मा व अन्य नेताओं ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि मोदी सरकार को देश की आम जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि इस टैक्स प्रणाली ने गरीब और मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी।
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उन्होंने बताया कि एक राष्ट्र एक टैक्स की बात करने वाली भाजपा सरकार ने 0, 5, 12, 18, 28 प्रतिशत आदि की विशेष स्लैब बनाकर देश में एक राष्ट्र नौ टैक्स लागू कर दिया। दाल, चावल, पेंसिल, किताबें, दवाइयां, कृषि उपकरण और अन्य आवश्यक वस्तुएं तक टैक्स के दायरे में लाकर आम आदमी को लूटा गया।
कांग्रेस ने याद दिलाया कि जीएसटी की अवधारणा सबसे पहले 28 फरवरी 2005 को लोकसभा में कांग्रेस सरकार ने पेश की थी और 2011 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी बिल प्रस्तुत किया था। तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी और भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया था।
रविंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार के 64 प्रतिशत संग्रहण का बोझ गरीब जनता पर पड़ा है। मोदी सरकार की नीति ने किसानों तक को नहीं बख्शा। 36 कृषि से जुड़ी वस्तुओं पर टैक्स लगाया गया। दूध, दही, आटा, बच्चों की किताबें-पेंसिल, ऑक्सीजन, बीमा, अस्पताल खर्च – सब कुछ टैक्स के दायरे में आ गया। इसलिए इसे सही मायनों में ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा गया है।
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भल्ला ने कहा कि जम्मू, सांबा, कठुआ सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में धान की फसलें सूख रही हैं क्योंकि सिंचाई और बिजली आपूर्ति अब तक बहाल नहीं हो सकी है। किसानों की हालत गंभीर है और सरकार के प्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
रविंदर शर्मा ने बताया कि सुंदरबनी के भजरील क्षेत्र में एक महीने से पानी की आपूर्ति बाधित है, मोटर और ट्रांसफार्मर खराब हैं और कोई टैंकर सेवा उपलब्ध नहीं है। पूरे सब-डिवीजन सुंदरबनी में एक भी वाटर टैंकर नहीं है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
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