Jammu News: अभिमन्यु की तरह गर्भ में पल रहा बच्चा सीखेगा संस्कार, जम्मू में अभियान का हुआ शुभारंभ
जम्मू में अभिमन्यु की तरह गर्भ में पल रहे बच्चे अब संस्कार सीखेंगे इसके लिए जम्मू में अभियान का शुभारंभ हो चुका है। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल मेहता ने गर्भ संस्कार अभियान (Garbh Sanskar Abhiyan) की शुरुआत की है। इसके चलते बच्चों को गर्भ के दौरान ही शिक्षित किया जाएगा जिससे बच्चे अच्छे संस्कार के साथ पैदा हो सके।
जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू शहर के जाने-माने महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल मेहता ने गर्भ संस्कार अभियान की शुरुआत गांधीनगर स्थित अपने क्लीनिक से की। गर्भवती महिलाओं के लिए आयोजित किए गए इस विशेष शिविर में डॉ. आरुषि पाराशर और डॉ. सिमरन पंडिता ने क्लीनिक में आई महिलाओं को गर्भ संस्कार के मूल उद्देश्य की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य गर्भ में ही बच्चों को संस्कृति और मूल्यों की शिक्षा देना है। उन्होंने पांडव पुत्र अभिमन्यु का उदाहरण देते हुए कहा कि इस गर्भ संस्कार का उद्देश्य है कि बच्चा बेहतर स्वास्थ्य साथ अच्छे संस्कार लेकर पैदा हो।
गर्भ में पल रहे बच्चों को दिए जाते संस्कार
पावर प्वाइंट के जरिए गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था से लेकर बच्चा पैदा होने तक के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए डॉ. आरुषि ने कहा कि गर्भावस्था ही एकमात्र माध्यम है जब गर्भ में पल रहा बच्चा पैदा होने से पहले ही अपने संस्कार को सीखे। गर्भवती महिलाएं सामान्य प्रसव के जरिए बच्चा पैदा कर सकें, इसके लिए उन्हें इस शिविर के माध्यम से जरूरी योगासन, संगीत थेरेपी, मंत्र थेरेपी बताई जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर कोई महिला गर्भावस्था के दौरान इन नियमों का पालन करती है तो यह यकीनी है कि पैदा होने वाले बच्चे का न सिर्फ स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि उसमें संस्कार भी अच्छे होंगे। डॉ. पाराशर ने महिलाओं को कुशा नक्षत्र के बारे में भी जानकारी दी।
कुशा नक्षत्र में बच्चों की बढ़ती रोग प्रतिरोधक क्षमता
उन्होंने कहा कि कुशा नक्षत्र के समय बच्चों को दी जाने वाली जरूरी डाइट न सिर्फ उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का भी काम करती है। उन्होंने कहा कि गर्भ संस्कार का लाभ महिलाएं गर्भावस्था के तीसरे महीने से लेकर बच्चा पैदा होने तक ले सकती हैं। यह कोर्स विशेषज्ञों की देखरेख में करवाया जाता है। इसलिए घबराने की बात नहीं है।
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